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मेरी अच्छी-खासी चौपसी हो गई थी

Hindi Kahaniya: मैं आपके साथ अपना एक किस्सा शेयर करने वाली हूं बात आज से  23 साल पुरानी हैं। मेरे बड़े भैया की शादी हुई थी फरीदाबाद में मैं अपनी भाभी को लेने के लिए पग फेरे में उसके साथ गई तब मैं कक्षा 12 में पढ़ती थी। जब हम भाभी को लेकर घर लौट […]

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मेरे पतिदेव सीटी बजाकर अपने आने की सूचना देते थे

Hindi Funny Story: मेरी नई-नई शादी हुई थी, पतिदेव भारतीय प्रशासनिक सेवा में चयनित हो देहरादून ट्रेनिंग पर थे व मैं अपनी ससुराल मेरठ थी| हर गुरूवार जब भी मेरे पतिदेव घर आते, तो गेट से ही सीटी बजाते हुए अंदर घुसते और उनकी आवाज़ सुनते ही मैं उनसे मिलने बातें करने के लिए आतुर […]

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बंद घड़ी का सही टाइम

Hindi Kahani – बंद घड़ी का सही टाइम Hindi kahani : अपनी टीचर के दिखाए सपनों की छांव में संध्या अपने भविष्य को तराशने निकल पड़ी थी। उसकी दिन-रात की मेहनत रंग लाई। उसे आई.आई.टी. एन्ट्रेंस में इतना अच्छा रैंक मिला कि उसे आई.आई.टी. दिल्ली में एडमिशन के साथ स्कालरशिप भी मिल गई थी… अपनी […]

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जवानी मस्तानी दीवानी – राजेन्द्र पाण्डेय भाग-4

Hot hindi Story – जवानी मस्तानी दीवानी Hot hindi Story : युवक का व्यक्तित्व काफी प्रभावशाली था। चौड़ी छाती, भुजाएं गठी हुई, आंखों में गजब का यौन-आमंत्रण था। पुरुषोचित सौंदर्य से वह पूरी तरह लदा हुआ था। मैं उसके बारे में ही सोचती हुई सो गई। रात के कोई दो बजे बाहर घूम रही पुलिस […]

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एक हसीन चाहत – राजेन्द्र पाण्डेय भाग- 3

Hot Story Hindi – एक हसीन चाहत Hot Story Hindi : दूसरे दिन मैं स्कूल आई तो माधुरी गेट पर ही मिल गई। वह एक लड़के से हंस-हंसकर बातें कर रही थी। ‘मेरे संस्कार ही ऐसे थे, कि मैं जिस किसी स्त्री-पुरुष या लड़का-लड़की को हंसते बोलते देखती तो मैं उनके संबंधों को लेकर सशंकित […]

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प्यार की खुशबू – राजेन्द्र पाण्डेय भाग- 2

Hot Story in Hindi- प्यार की खुशबू – राजेन्द्र पाण्डेय Hot Story in Hindi : दूसरे दिन पापा घर आ गए। उनके आते ही मम्मी ने मायके जाने का मन बना लिया। वह मुझे भी अपने साथ ले जाएगी, यह सोचकर मैं मन ही मन खुश हो रही थी। लेकिन वह मुझे अपने साथ नहीं […]

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बर्फ का गोला— गृहलक्ष्मी की कहानियां

गृहलक्ष्मी की कहानियां- मेट्रो सिटी की चकाचौंध ने न केवल बच्चों वरन नीलम को भी अभिभतू कर दिया था. आभास ने उसे और बच्चों को पहले ही आगाह कर दिया था कि यहॉं उन्हें अपने पुराने शहर की तरह हर किसी से रिश्ता नहीं जोड़ना है। आगे बढ़कर बात करने से लोग गंवार और फूहड़ […]

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भीनी-भावक की गाँव यात्रा-21 श्रेष्ठ बालमन की कहानियां चंडीगढ़

भीनी भले ही छोटी थी, मगर इतनी भी नहीं कि “कोरोना” के बारे में न जानती। अरे वो तो बारह साल की थी, इस नामुराद बीमारी के बारे में तो छोटे-छोटे बच्चे भी जान गए थे। ये बात और है कि बहुत से या यूँ कहे कि लगभग सभी बच्चे पहले-पहल तो बहुत खुश हुए […]

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