Posted inहाय मै शर्म से लाल हुई, हिंदी कहानियाँ

ये तो दामाद जी के शर्ट में थे—हाय मैं शर्म से लाल हो गई

Hindi Kahani: बात उस समय की है जब लड़कियाँ मायके में अपने पति से खुले आम नहीं मिला करतीं थी। मायके वालों से लुक छिप कर ही पति से मिलना हो पाता था।मेरी नई-नई शादी हुई थी और मैं पहली बार मायके अकेले आई थी। अगले ही दिन मेरे नए नवेले दूल्हे राजा भी मेरे पीछे-पीछे मायके आ पहुंचे।  भरे पूरे संयुक्त परिवार से मिलते मिलाते सुबह से शाम हो गई लेकिन […]

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बंजर का बीज-  गृहलक्ष्मी की कहानियां

Story in Hindi: रात के करीब बारह बजे होंगे, मैं अपने बिस्तर पर लेटी करवटें बदल रही थी. बगल में उमेश मजे से खर्राटे भर रहा था. लेकिन नींद का दूर-दूर तक कोई नामों निशान नहीं था. मेरी नाज़ों की पाली बिगड़ैल नींद को जब तक अपना कमरा, अपना बिस्तर और अपना तकिया ना मिले, […]

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बंद घड़ी का सही टाइम—गृहलक्ष्मी की कहानियां

Motivational story: अपनी परेशानियों में गुम संध्या, सड़क के किनारे फुटपाथ पर चली जा रही थी. तिलंगाना के एक छोटे से गाँव से दिल्ली में पढ़ने आई, संध्या की ज़िंदगी की गाड़ी, बड़ी जद्दो जहद के बाद, मुश्किल से पटरी पर आई थी. एक टूटी हुई शादी और जन्म के साथ मिले गरीबी के अभिशाप […]

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बंद घड़ी का सही टाइम

Hindi Kahani – बंद घड़ी का सही टाइम Hindi kahani : अपनी टीचर के दिखाए सपनों की छांव में संध्या अपने भविष्य को तराशने निकल पड़ी थी। उसकी दिन-रात की मेहनत रंग लाई। उसे आई.आई.टी. एन्ट्रेंस में इतना अच्छा रैंक मिला कि उसे आई.आई.टी. दिल्ली में एडमिशन के साथ स्कालरशिप भी मिल गई थी… अपनी […]

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