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बिना विचारे जो करे – हितोपदेश की कहानी

Hitopadesh ki Kahani : उज्जयिनी में माधव नाम का एक ब्राह्मण रहा करता था। जिन दिनों उसकी पत्नी ने उसके पुत्र को जन्म दिया उन्हीं दिनों उनको कहीं से एक नेवले का बच्चा मिल गया। ब्राह्मणी ने उसको भी अपने बच्चे के समान ही पाला-पोसा । एक दिन की बात है कि ब्राह्मणी नदी में […]

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बूढ़े सर्प की चतुराई – हितोपदेश की कहानी

Hitopadesh ki Kahani : किसी उजाड़ उद्यान में मन्दविष नाम का एक सर्प रहा करता था । विष तो उसमें पहले ही नहीं था और फिर वृद्ध हो जाने के कारण वह अपने लिए आहार का प्रबन्ध भी नहीं कर पाता था । किसी प्रकार मन्दविष सरकता हुआ एक दिन एक तालाब के किनारे जा […]

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 भाग्य का मारा बेचारा ऊंट – हितोपदेश की कहानी 

Hitopadesh ki Kahani : किसी वन में मदोत्कट नाम का एक सिंह रहा करता था। उसके तीन सेवक थे। कौआ, बाघ और सियार ! वे तीनों एक दिन वन में घूम रहे थे कि उनको एक ऊंट वहां विचरण करता दिखाई दे गया । वे तीनों उसके पास गए और पूछने लगे, “तुम अपने साथियों […]

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तीन धूर्त और एक ब्राह्मण – हितोपदेश की कहानी

Hitopadesh ki Kahani : महर्षि गौतम के तपोवन में रहने वाले किसी ब्राह्मण ने एक बार यज्ञ आरम्भ किया। उससे पूर्व उसने किसी अन्य गांव से एक बछिया खरीदी और उसको लेकर वह तपोवन के लिए चला । बछिया छोटी थी । इसलिए ब्राह्मण के साथ चलने में उसको कठिनाई हो रही थी । ब्राह्मण […]

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सुन्द- उपसुन्द की मूर्खता – हितोपदेश की कहानी

Hitopadesh ki Kahani : बहुत प्राचीन काल की बात है । सुन्द और उपसुन्द नाम के दो राक्षस थे। एक बार उनके मन में आया कि उनको तीनों लोकों का राज्य मिलना चाहिए। इसकी प्राप्ति के लिए उनको एक उपाय सूझा। उन्होंने सोचा कि शिवजी को प्रसन्न किया जाये । वे तुरन्त प्रसन्न हो कर […]

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शेखचिल्ली का सपना – हितोपदेश की कहानी

Hitopadesh ki Kahani : देवीकोट नगर में देवशर्मा नाम का एक ब्राह्मण रहता था। बैसाख की संक्रान्ति के दिन उसको सत्तुओं से भरा एक सकोरा मिला। उस सकोरे को लेकर वह जा रहा था । चलते-चलते उसको धूप लगने लगी। वह आराम करने के लिए कुम्हार की कोठरी में जा कर बैठ गया। उस कोटरी […]

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लोभी बगुले का अन्त – हितोपदेश की कहानी

Hitopadesh ki Kahani : मालव देश में पद्मगर्भ नाम का एक सरोवर है । उस सरोवर के समीप एक वृद्ध बगुला रहता था । सामर्थ्यहीन होने से उसको अपने आहार की सदा चिन्ता रहती थी। इस कारण वह अनमना सा वहां बैठा रहता था । उसको नित्य इस प्रकार बैठे देखकर एक केकड़े को एक […]

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प्यादे से फरजी भयो – हितोपदेश की कहानी

Hitopadesh ki Kahani : महर्षि गौतम के परमपुनीत तपोवन में महातपा नाम के एक ऋषि रहते थे। एक दिन की बात है कि उन्होंने एक कौए को चूहे का एक बच्चा ले जाते हुए देखा। उनको उस बच्चे पर दया आ गई तो उन्होंने उसको कौए के मुख से छुड़ा लिया। उसे अपने पास रखा […]

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मूर्ख बगुला – हितोपदेश की कहानी

Hitopadesh ki Kahani : उत्तर दिशा में गृधकूट पर्वत पर एक बहुत बड़ा पीपल का वृक्ष था । उस वृक्ष पर अनेक बगुलों का निवास था। उसी वृक्ष के तने में बने कोटर में रहने वाला सर्प उन बगुलों के बच्चों को खा जाया करता था । एक दिन सब बगुले इसका कोई उपाय सोचने […]

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कुलटा की चतुराई – हितोपदेश की कहानी

Hitopadesh ki Kahani : बहुत पुराने समय की बात है कि विक्रमपुर नामक नगर में समुद्रदत्त नाम का एक बनिया रहता था । उसकी पत्नी का नाम रत्न प्रभा था। अपने नौकर के साथ उसके अवैध सम्बन्ध थे। वह उसके साथ आनन्द विहार करती थी । एक दिन समुद्रदत्त ने अपनी पत्नी को उसे चुम्बन […]