Overview:16 की उम्र में रचा कमाल: भारत की प्रांजलि ने बनाई 100 करोड़ की एआई कंपनी
भारत में जन्मी प्रांजलि अवस्थी ने मात्र 16 साल की उम्र में अमेरिका में अपनी एआई कंपनी Delv.AI शुरू की, जिसकी वैल्यू अब 100 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है। यह प्लेटफॉर्म रिसर्च को आसान बनाता है। अब प्रांजलि "ChatGPT with hands" नाम के नए प्रोजेक्ट पर काम कर रही हैं, जो बात करने के साथ-साथ रियल टाइम में एक्शन भी ले सकेगा। उनकी कहानी युवाओं के लिए प्रेरणा है।
Pranjali Awasthi AI Startup: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का नाम आज हर कोई जानता है। चैटबॉट्स, फोटो जनरेशन, डेटा सर्च—ये सब काम आजकल AI से आसान हो गए हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि AI से कोई 16 साल की उम्र में करोड़पति भी बन सकता है? जी हां, भारत में जन्मी एक होशियार लड़की ने इसे सच कर दिखाया है।
हम बात कर रहे हैं प्रांजलि अवस्थी की, जिन्होंने सिर्फ 16 साल की उम्र में अमेरिका में अपनी खुद की एआई कंपनी Delv.AI शुरू की। यह कंपनी आज करीब 100 करोड़ रुपये की वैल्यू तक पहुंच चुकी है। इतनी कम उम्र में इतनी बड़ी उपलब्धि हासिल करना हर किसी के लिए प्रेरणा देने वाला है।
प्रांजलि आज न सिर्फ Delv.AI को चला रही हैं, बल्कि अब वे एक नए और बेहद इनोवेटिव प्रोजेक्ट पर भी काम कर रही हैं—”ChatGPT with hands”। इस लेख में हम जानेंगे कि कैसे प्रांजलि ने इतनी छोटी उम्र में कोडिंग सीखी, कंपनी बनाई, और अब पूरी दुनिया का ध्यान खींच रही हैं।
प्रांजलि ने 7 साल में शुरू की कोडिंग
प्रांजलि अवस्थी का जन्म भारत में हुआ था, लेकिन वह 11 साल की उम्र में अपने परिवार के साथ अमेरिका चली गईं। उन्होंने महज 7 साल की उम्र में कोडिंग करना शुरू कर दिया था। अमेरिका में उन्हें तकनीक से जुड़ी बेहतर सुविधाएं मिलीं, जिससे उनकी स्किल और भी तेज़ हो गई। 13 साल की उम्र में उन्होंने एक कंपनी में इंटर्नशिप की, जिससे उन्हें प्रोफेशनल दुनिया की समझ मिली। यही से उनके करियर की शुरुआत हुई और फिर 16 साल की उम्र में उन्होंने अपनी खुद की कंपनी लॉन्च कर दी। ये साबित करता है कि अगर लगन हो, तो उम्र कोई मायने नहीं रखती।
Delv.AI क्या करता है?
Delv.AI एक एआई आधारित प्लेटफॉर्म है, जो खासकर रिसर्च करने वालों के लिए बनाया गया है। यह टूल बड़ी आसानी से पीडीएफ, एकेडमिक कंटेंट और अन्य दस्तावेजों से काम की जानकारी खोजने और उसका सार निकालने में मदद करता है। इस टूल की खासियत ये है कि यह एक साथ कई डॉक्युमेंट्स को स्कैन कर सकता है और उन्हें समझने लायक रिजल्ट दे सकता है। यूज़र्स इसे अपने क्लाउड ड्राइव से जोड़ सकते हैं और CSV फॉर्मेट में डेटा पा सकते हैं। यह एक फ्री टूल है, लेकिन ज्यादा फीचर्स के लिए सब्सक्रिप्शन लेना पड़ता है। रिसर्चर इसका इस्तेमाल करके 75% तक अपना समय बचा सकते हैं।
Delv.AI को कैसे मिली करोड़ों की फंडिंग?
Delv.AI को तब असली पहचान मिली, जब इसे बैकएंड कैपिटल और विलेज ग्लोबल जैसे नामी इन्वेस्टर्स से 450,000 डॉलर (लगभग 3.89 करोड़ रुपये) की फंडिंग मिली। अक्टूबर 2023 तक इस कंपनी की वैल्यू लगभग 100 करोड़ रुपये तक पहुंच गई थी। यह टूल खासतौर पर उन लोगों के बीच फेमस हुआ जो बार-बार एक जैसे R&D काम करते थे। Delv.AI की मदद से ये काम 75% तक कम हो जाता है। इससे लोगों को समय की बचत होती है और वे ज्यादा बेहतर ढंग से काम कर सकते हैं। यही वजह है कि ये प्लेटफॉर्म इतना वायरल हो गया।
अब बना रही हैं ChatGPT जैसा नया टूल
प्रांजलि सिर्फ Delv.AI तक सीमित नहीं रहीं। अब वह एक और नए और एडवांस प्रोजेक्ट पर काम कर रही हैं, जिसे उन्होंने नाम दिया है—ChatGPT with hands। यह एक ऐसा AI असिस्टेंट होगा जो सिर्फ बातें ही नहीं करेगा, बल्कि रियल टाइम में एक्शन भी ले सकेगा। यह टूल यूज़र की बातों को समझकर कुछ भी सर्च, एक्जीक्यूट और रिस्पॉन्ड कर सकेगा। इस प्रोजेक्ट पर प्रांजलि सैन फ्रांसिस्को में ध्रुव रूंगटा और हर्ष गद्दीपति के साथ काम कर रही हैं। यह टीम जॉर्जिया टेक में एक-दूसरे से मिली थी। प्रोडक्ट हंट जैसी वेबसाइट पर यह टूल पहले नंबर पर आ चुका है।
हर युवा के लिए एक बड़ी प्रेरणा
प्रांजलि की कहानी उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो कम उम्र में कुछ बड़ा करना चाहते हैं। उन्होंने दिखा दिया कि टेक्नोलॉजी और मेहनत के साथ कुछ भी असंभव नहीं है। 7 साल की उम्र से कोडिंग सीखना, 13 में इंटर्नशिप करना और 16 में करोड़ों की कंपनी बनाना किसी फिल्मी कहानी जैसा लगता है। लेकिन प्रांजलि ने इसे हकीकत बना दिया। उनकी सोच, मेहनत और लगन हर उस युवा को सीख देती है जो सपने देखने से डरते हैं। AI का भविष्य उज्जवल है, और प्रांजलि उस भविष्य की एक चमकदार मिसाल बन चुकी हैं।
