Hindi Poem: स्वागतम! नूतन वर्ष तुम्हारा
नव पहल नव हर्ष नवल प्रभात हो
पग पग में खुशियाँ की बारिश हो
महक उठे संसार रुपी उपवन सारा🌹
नई उम्मीदें उम्मीदों का रंग हो सुनहरा
नव जोश नव ओज नव उल्लास हो
सर्व ओर उजास हो
फैले चहुंओर उजियारा
न हो कोई दीन दुखी औ बेचारा
स्वागतम!नूतन वर्ष तुम्हारा 🌹
सुखमय आंगन सबका घर हो
खुशियाँ की रंगोली हो
धन -धान्य रहे यहाँ भरपूर भरा
निरोगी काया जग का हो सारा
यह ब्रम्हांड हो संतुलन से भरा
स्वागतम!नूतन वर्ष तुम्हारा🌹
चहक महक जीवन बगिया हो
नव प्राण नव चेतना हो
अधरों पर नवगीत हो
ईश्वर से यही अरमान है हमारा
प्राची से दिनकर ने भी पुकारा
नववर्ष आओ स्वागत तुम्हारा
स्वागतम!नूतन वर्ष तुम्हारा 🌹
चलो नव निर्माण हेतु तैयार हो
वक़्त सुनहरा है हमारा तुम्हारा
तुम हम रौनक बिखरें बन सितारा
मन में हो नव कल्पनाओं प्रेरणाओं
का पिटारा
स्वागतम!नूतन वर्ष तुम्हारा🌹
कोई न डरा न सहमा हो
बात कभी न इतनी गहरा हो
बीते बरस का न कोई घाव हरा हो
स्वागत
करती ‘अंजलि’ काव्य पुष्पों से तुम्हारा
स्वागतम!नूतन वर्ष तुम्हारा
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