किसी किताब के पन्नों में लिखा था
नारी को देवी का रूप कहा था
पर आज नारी को कोई देवी
नहीं मानता
उसे खुलेआम बदनाम करने से कोई नहीं चुकता
पुराणों में जहां नारी की शक्ति
को दर्शाया
आज वहां नारी को समझ कोई
नहीं पाया।
जिस देश में नारियों को देवी के रूप में पूजा
वहीं उनके साथ खिलवाड़ करने से
कोई नहीं चुका
दुष्ट कर रहे हैं
उन पर बार-बार अत्याचार
फिर भी चुप बैठी है दुनिया, देख नारी का ये हाल
कभी शारीरिक दमन तो, कभी हो रहा है बलात्कार
नारी ही जाने कैसे सहन करती है अपना ये हाल।
आज घर के बाहर नहीं है अब
वह सुरक्षित
कैसे करेगी वह अब अपने अंगों
को रक्षित
भूल गए हैं आज, हम अपने अस्तित्व की बात
आओ अब जाग जाएं हम, नारी को फिर से माने देवी हम
हर मुश्किल हर पल में दें
उसका साथ
समझे अपने को सुरक्षित इस संसार में वह आज।
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