Overview:कभी नहीं बनाए सेक्स संबंध? जानिए कैसे असर डाल सकता है ये आपकी सेहत पर
सेक्स न करना एक निजी फैसला है और आमतौर पर सेहत के लिए नुकसानदायक नहीं होता। हालांकि, इससे कुछ लोगों में हार्मोन का संतुलन, वेजाइना की सेहत, पेल्विक मांसपेशियों और मानसिक स्थिति पर असर पड़ सकता है। खासकर मेनोपॉज़ के बाद सूखापन या असहजता हो सकती है। सही जीवनशैली और एक्सरसाइज़ से इसे मैनेज किया जा सकता है। कोई भी परेशानी हो तो डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें।
No Sex and Its Impact on Health: हर इंसान का सेक्स को लेकर नजरिया अलग होता है। कोई इसे जरूरी मानता है, तो किसी को इसकी इच्छा ही नहीं होती। ये एकदम सामान्य बात है। अगर आपने कभी सेक्स नहीं किया या नहीं करना चाहते, तो इसका मतलब ये नहीं कि आप बीमार हो जाएंगे या आपकी उम्र जल्दी बढ़ने लगेगी।
हालांकि, कई लोग सोचते हैं कि सेक्स न करने से कहीं उनकी सेहत पर असर तो नहीं पड़ेगा। इस सवाल का जवाब जानने के लिए हमने बात की डॉ. काजल सिंह से, जो NIIMS मेडिकल कॉलेज की गायनेकोलॉजी डिपार्टमेंट में एसोसिएट प्रोफेसर हैं। उन्होंने बताया कि सेक्स न करना कोई बीमारी नहीं है, लेकिन इसके कुछ असर जरूर हो सकते हैं, जो उम्र, लाइफस्टाइल और हार्मोन पर निर्भर करते हैं।
डॉ. सिंह के मुताबिक, सेक्स न करने से कुछ शारीरिक बदलाव जरूर हो सकते हैं, जैसे वेजाइना में ड्रायनेस, पेल्विक मसल्स का कमजोर होना या हार्मोनल बदलाव। लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि ये चीज़ें और तरीकों से भी मैनेज की जा सकती हैं। आइए जानते हैं विस्तार से।
एस्ट्रोजन हार्मोन और वेजाइनल हेल्थ
एस्ट्रोजन एक ऐसा हार्मोन है जो महिलाओं की योनि की नमी और लचीलापन बनाए रखने में मदद करता है। डॉ. सिंह बताती हैं कि जो महिलाएं मेनोपॉज़ (रजोनिवृत्ति) से पहले की उम्र में हैं, उनके लिए रेगुलर सेक्स करना योनि की टोन बनाए रखने और उस हिस्से में ब्लड फ्लो बेहतर करने में मदद करता है।
लेकिन जो महिलाएं मेनोपॉज़ के बाद की उम्र में हैं, उनके लिए अगर लंबे समय तक कोई सेक्सुअल एक्टिविटी न हो, तो इससे योनि में सूखापन आ सकता है, त्वचा पतली हो सकती है और इंटिमेसी के दौरान जलन या दर्द जैसा महसूस हो सकता है। इसका कारण है शरीर में एस्ट्रोजन का कम हो जाना और सेक्सुअल उत्तेजना की कमी।
यह कोई बीमारी नहीं है, लेकिन अगर ये लक्षण ज़्यादा तकलीफ दें, तो डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए।
पेल्विक मसल्स और ब्लड सर्कुलेशन
सेक्स के दौरान शरीर की पेल्विक फ्लोर मसल्स एक्टिव हो जाती हैं और मजबूत बनती हैं।
ये मांसपेशियां हमारे यूटेरस (गर्भाशय), ब्लैडर (मूत्राशय) और आंतों को सपोर्ट देती हैं। अगर लंबे समय तक कोई सेक्सुअल उत्तेजना न हो, तो इन मांसपेशियों की ताकत और वहां के ब्लड फ्लो में थोड़ी कमी आ सकती है।
लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है। डॉ. सिंह कहती हैं कि अगर आप नियमित रूप से एक्टिव रहते हैं और खासतौर पर Kegel एक्सरसाइज़ करते हैं, तो बिना सेक्स के भी आप इन मांसपेशियों को मजबूत और स्वस्थ बनाए रख सकते हैं। यानी हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाकर भी आप अपने पेल्विक एरिया की देखभाल कर सकते हैं।
इम्यूनिटी और पीरियड्स पर असर होता है क्या?
कुछ स्टडीज़ में पाया गया है कि सेक्स इम्यून सिस्टम को मजबूत कर सकता है और पीरियड्स को रेगुलर बनाए रखने में मदद करता है। लेकिन डॉ. काजल साफ कहती हैं कि अगर आप सेक्स नहीं करतीं, तो इसका मतलब ये नही कि आपके पीरियड्स गड़बड़ हो जाएंगे। असली वजह अक्सर स्ट्रेस, वजन में बदलाव या हार्मोनल दिक्कतें होती हैं। यानी सेक्स न करने से सीधा असर नहीं होता, और दूसरी चीज़ें ज्यादा मायने रखती हैं।
मेंटल और इमोशनल हेल्थपर असर होता है क्या?
सेक्स न करने का असर आपकी मानसिक स्थिति पर निर्भर करता है। कुछ लोगों को इससे अकेला पन,आत्मविश्वास की कमी या रिश्तों में नज़दीकी घटने जैसी भावनाएं हो सकती हैं , जबकि कुछ लोग खुद से जुड़ाव और संतुलन महसूस करते हैं। अगर आपने अपनी मर्ज़ी से सेक्स न करने का रास्ता चुना है, तो आपको मानसिक रूप से भी सुकून मिल सकता है। सबसे जरूरी बात ये है कि आप अपने फैसले से संतुष्ट हैं या नहीं—बाकी सब सेकेंडरी है।
डॉ. सिंह बताती हैं कि हां, लंबे समय तक सेक्स न करने से शरीर में कुछ छोटे-छोटे बदलाव हो सकते हैं, जैसे योनि में ड्रायनेस (सूखापन) या उस हिस्से में ब्लड सर्कुलेशन थोड़ा कम हो जाना।
लेकिन घबराने की ज़रूरत नहीं है — ये सब बदलाव हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाकर या डॉक्टरी सलाह लेकर ठीक किए जा सकते हैं।
अगर आपको कोई असहजता महसूस होती है या वेजाइनल हेल्थ को लेकर चिंता है, तो गाइनेकोलॉजिस्ट से सलाह ज़रूर लें। आपकी सेहत आपके हाथ में है—ज़रूरी बात यह है कि आप खुश और स्वस्थ रहें।
