Certain Vastu defects like a bedroom in the wrong direction or mirrors facing the bed can create tension between couples
Relationship comparison toxic habit

Relationship Comparison: रिश्ते में पार्टनर जब अपने साथी की तुलना किसी और से करने लगते हैं तो उनके रिश्ते में कई तरह की परेशानियां आने लगती है। किसी भी रिलेशनशिप के लंबा चलने के लिए अपने साथी पर विश्वास और उनका सम्मान बहुत जरूरी है। जब आप अपने साथी की तुलना किसी और से करते हैं तो आप अपने साथी के इसी विश्वास को ठेस पहुंचाते हैं तथा अपने रिश्ते को भी कमजोर बनाते हैं। आज हम इस लेख में इसी विषय पर बात करेंगे, किस तरह आप अपने साथी की तुलना किसी और से करके अपने रिश्ते को खराब करते हैं तथा कैसे इस गलती को सुधार कर आप अपने रिश्ते को बचा सकते हैं। आईए जानते हैं इस लेख में।

Relationship comparison toxic habit
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अविश्वास की भावना: जब आप अपने साथी की तुलना किसी और व्यक्ति या खुद से करते हैं तो उसके मन में खुद के प्रति अविश्वास की भावना का जन्म होता है। वह अपने आप को आपकी लाइफ में सही इंसान नहीं समझता। उसके मन में हर वक्त यह ख्याल आता है कि शायद वह एक अच्छा पार्टनर नहीं है। रिश्ते में इस तरह का अविश्वास रिश्ते को कमजोर करता है।

संतुष्टि की कमी: जब हम रिश्ते में अपने साथी की तुलना किसी और से करते हैं तो हमारे अंदर और असंतुष्टि की भावना का जन्म होता है। हम अक्सर अपने साथी से वह सब अपेक्षाएं करते हैं, जिससे हम उसकी तुलना करते हैं। हमारे साथी द्वारा हमारी अपेक्षाएं पूरी न कर पाने की स्थिति में हम उनसे नाराज होते हैं, गुस्सा दिखाते हैं, जिसका बुरा असर हमारे रिश्ते पर भी पड़ता है।

आत्मविश्वास में कमी: जब हम अपने साथी की तुलना किसी और से करते हैं तो अनजाने में ही सही हम उनके आत्मविश्वास को कम कर देते हैं। हम दूसरों से उनकी तुलना करके उन्हें महसूस करवाते हैं कि वह हमारे रिश्ते को बचाने या उसमें प्यार भरने के लिए प्रयास नहीं कर रहे या जो कर रहे हैं वह काफी नहीं। इस तरह की सोच के साथ रिश्ता कमजोर होता जाता है।

रिश्ते में तुलना करना बिल्कुल भी सही नहीं है। तुलना करने से केवल नकारात्मक परिणाम ही प्राप्त होते हैं। इसका हमारे रिश्ते पर किसी भी प्रकार का सकारात्मक असर नहीं होता है। रिश्ते में तुलना करना हमेशा हमें यह याद दिलाता है कि हम जिस व्यक्ति के साथ रिश्ते में हैं, उसमें कमी है। वह वो व्यक्ति नहीं जो मेरे लिए परफेक्ट पार्टनर बन सके। इस तरह के ख्याल के साथ हमारा रिश्ता गहरा नहीं बन पाता है। जो हमारे पास है उसे ठुकराकर हम किसी और की तलाश करते हैं। जो हमारे जीवन में असंतुष्टि का कारण बनता है।

एक दूसरे के गुणों को देखें: संसार में ऐसा कोई व्यक्ति नहीं जिसके अंदर कोई कमी ना हो। सभी के अंदर कुछ ना कुछ कमी है, हमारे अंदर भी है। रिलेशनशिप में हमें अपने साथी के कमियों की बात नहीं खूबियों की बात करनी है। हमें अपने साथी के उन गुणों की सरहाना करनी चाहिए, जिसके कारण हम उनसे प्यार करते हैं। रिलेशनशिप में एक दूसरे के गुणों की सराहना करके हम अपने साथी के आत्मविश्वास को बढ़ा सकते हैं तथा एक दूसरे के प्रेरणास्रोत बन सकते हैं।

अपने साथी से संवाद करें: कई बार रिश्ते में संवाद की कमी से रिश्ता खराब होने लगता है। अगर रिलेशनशिप में लगे कि किसी के अंदर कोई विशेष गुण है तो उसके बारे में बात करें अपने साथी से उसे सीखने का प्रयास करें। ऐसा कोई व्यक्ति नहीं जिसके पास कोई गुण नहीं, सभी के पास गुण है और इस गुण को अपने साथी से सीखे बिना किसी आलोचनात्मक दृष्टिकोण के।

निशा निक ने एमए हिंदी किया है और वह हिंदी क्रिएटिव राइटिंग व कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। वह कहानियों, कविताओं और लेखों के माध्यम से विचारों और भावनाओं को अभिव्यक्त करती हैं। साथ ही,पेरेंटिंग, प्रेगनेंसी और महिलाओं से जुड़े मुद्दों...