3 C’s of a Relationship: आज के भागादौड़ी भरे समय में किसी के प्यार में आना, रिश्ता बनाना जितना आसान हो गया है, उतना ही मुश्किल रिश्ते को लंबे समय तक बनाए रखना हो गया है। हर रिश्ते की शुरुआत दो लोगों के प्यार में पड़ने से होती है, लेकिन रिश्ते को निभाने के लिए सिर्फ प्यार ही काफी नहीं होता। किसी भी रिलेशनशिप को मजबूत बनाने के लिए रिश्ते में तीन स्तंभों की जरूरत होती है। रिश्ते के ये तीन स्तंभ है, 3C। 3C अर्थात है, कमिटमेंट, कंपैटिबिलिटी और कम्युनिकेशन। आइए जानते हैं इस लेख में, किस तरह से 3C का मैजिक आपके रिश्ते में प्यार और भरोसे को बढ़ाता है और आपके रिश्ते को मजबूत बनाता है।
क्या है 3C का मैजिक और अर्थ
किसी भी रिलेशनशिप में साथी एक दूसरे को समर्पित कर देते हैं तो उनके बीच भरोसा और प्यार दोनों ही बढ़ जाता है। पार्टनर साथ होने पर एक दूसरे पर अधिक भरोसा कर पाते हैं। यही भरोसा उन्हें भावनात्मक रूप से जोड़ता है। भावनात्मक रूप से जुड़े होने पर पार्टनर खुलकर अपने दिल की बात कर पाते हैं। अपने खुशी और डर दोनों को ही साझा कर पाते हैं। 3C होने पर पार्टनर्स में रिस्क लेने की क्षमता बढ़ जाती है। वह मिलकर किसी भी संकट का सामना करने के लिए तैयार होते हैं। यह 3C का मैजिक ही है जिसकी वजह से पार्टनर एक दूसरे के साथ मिलकर भविष्य की प्लानिंग कर पाते हैं। किसी भी रिश्ते में इसका होना साबित करता है कि आप अपने साथी के साथ अपने रिश्ते को निभाना चाहते हैं।

3C का अर्थ, कमिटमेंट अर्थात समर्पण, कंपैटिबिलिटी अर्थात मेल-जोल और कम्युनिकेशन अर्थात बातचीत। किसी भी रिश्ते को लंबा चलने के लिए इन 3C का होना जरूरी है। कमिटमेंट किसी भी रिश्ते को जिम्मेदारी से निभाने के लिए जरूरी है। कंपैटिबिलिटी दो लोगों के आदतों या जीवनशैली में ताल-मेल बिठाने के लिए जरूरी है, कम्युनिकेशन एक दूसरे के इच्छाओं और भावनाओं को समझने के लिए जरूरी है। आइए एक-एक करके 3C के बारे में विस्तार से जानते हैं।
कंपैटिबिलिटी
किसी भी रिलेशनशिप में दो लोगों का सहजता के साथ रहने के लिए कंपैटिबिलिटी का होना जरूरी है। कंपैटिबिलिटी अर्थात दो लोगों का एक साथ अच्छी तरह से काम करना, अगर किसी रिश्ते में कंपैटिबिलिटी है तो पार्टनर्स एक दूसरे के नजरिए को समझते हैं तथा मिलजुल कर कार्य को करते हैं। रिश्ते में अपने साथी को समझना जरूरी है, इससे पार्टनर्स के बीच छोटी-छोटी बातों को लेकर टकराव कम होता है। रिलेशनशिप में कंपैटिबल होने से आपसी संबंध समय के साथ और मजबूत होता है तथा वह आसानी से भविष्य के लिए बड़े फैसले कर पाते हैं। एक कंपैटिबल रिश्ता पार्टनर्स को मानसिक और भावनात्मक रूप से मजबूत बनाता है। जरूरी नहीं की दो लोगों के बीच सब समान हो, लेकिन जब पार्टनर्स एक दूसरे के जीवनशैली को समझते हैं तो उनके बीच संघर्ष कम होता है।
कमिटमेंट
कमिटमेंट, अर्थात समर्पण। जब रिश्ते में समर्पण की भावना हो तो रिश्ते में भरोसा और सुरक्षा अधिक होता है साथ ही एक दूसरे पर अधिक विश्वास कर पाते हैं। अगर पार्टनर्स के बीच भरोसा और विश्वास अधिक हो तो उनके बीच भावनात्मक जुड़ावा बढ़ता है। वह साथ में मिलकर भविष्य के लिए अच्छी योजनाएं बनाते हैं तथा साथ मिलकर उस योजना पर कार्य करते हैं। रिश्ते में कमिटमेंट होने पर आप अपने रिश्ते में आने वाली परेशानियों का साथ में सामना करने के लिए तैयार होते हैं। किसी भी रिश्ते में साथी का कमिटेड होना यह साबित करता है कि आप अपने रिश्ते को गंभीरता से ले रहे हैं तथा आप हर हालत में उसे निभाना चाहते हैं।
कम्युनिकेशन
किसी भी रिश्ते में कम्युनिकेशन बहुत जरूरी है, रिश्ते में आपसी बातचीत के बिना उसे मजबूत बना पाना मुमकिन नहीं। रिश्ते में पार्टनर्स का खुलकर बात करना रिश्ते को लंबा तथा मजबूत बनाता है। जब आप अपने साथी से खुलकर बात करते हैं तो आपके रिश्ते में गलतफहमियों की जगह नहीं रहती। आपसी बातचीत के जरिए आप अपने साथी के भावनाओं को समझ पाते हैं तथा उन्हें भावनात्मक रूप से सुरक्षित महसूस करवा पाते हैं। बेहतर कम्युनिकेशन के साथ आप अपने रिश्ते में आने वाली परेशानियों को भी आसानी से हल कर पाते हैं, किसी भी रिश्ते में कम्युनिकेशन प्यार जताने का प्रथम तथा सबसे आसान तरीका है।
