Deal with Toxic People
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सारा दिन काम करने के बावजूद अक्सर बहुओं को तारीफ की जगह ताने मिलते हैं। ये ताने कानों से होते हुए सीधे दिल पर चुभते हैं। ऐसे में युवतियां अवसाद और चिंता का शिकार होने लगती हैं।

How to Deal with Toxic People: हर नई बहू यही चाहती है कि उसके ससुराल वाले उससे हमेशा खुश रहें। इसके लिए वो काफी कोशिशें भी करती हैं। लेकिन कई बार हर कोशिश नाकाम नजर आती है। सारा दिन काम करने के बावजूद अक्सर बहुओं को तारीफ की जगह ताने मिलते हैं। ये ताने कानों से होते हुए सीधे दिल पर चुभते हैं। ऐसे में युवतियां अवसाद और चिंता का शिकार होने लगती हैं। हालांकि अगर आप जिंदगी में खुश रहना चाहती हैं तो कुछ बातों को फॉलो करना सीख लें।

सबसे पहले करें ये दो काम

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सबसे पहले दो काम करें। ओवरथिंकिंग बंद करें और दूसरों से उम्मीद करना छोड़ देें। इससे आप तुरंत राहत महसूस करेंगी। दूसरों से सम्मान और प्यार पाने की जिद छोड़कर खुद पर फोकस करना शुरू करें। अपनी भावनात्मक ताकत बढ़ाएं। जिससे कोई आपको चोट न पहुंचा सके। अपने साथ बुरा व्यवहार करने की इजाजत आप किसी को न दें। ऐसा करके आप खुद अपना सम्मान करें और खुद को न्याय भी दिलाएं।

स्वीकार करना सीखें

ऐसा कितनी बार होता है कि आप सबकी पसंद का खाना बनाती हैं और तारीफ करने की जगह सास उसमें कमियां निकाल देती हैं। अगर यह बात आपको बार-बार चोट पहुंचाती है तो आप खुद को बदलें। आप स्वीकार लें कि वो ऐसा ही व्यवहार करेंगी, लेकिन आपको उसपर ध्यान ही नहीं देना है। आप आराम से भोजन का स्वाद लें और चली जाएं। इससे आप रिलेक्स महसूस करेंगी। और सामने वाला अपने उद्देश्य में विफल होगा।

शांत रहना है अच्छा

बातों पर एकदम से प्रतिक्रिया देने से बचें। इसकी जगह शांत रहकर पहले मामले को संभालें। अगर चर्चा के दौरान आपके पति अक्सर यही कहते हैं कि ‘तुम ज्यादा ही सोचती हो।’ तो आपको उसपर तुरंत रिएक्शन देने की कोई जरूरत नहीं है। क्योंकि आप कैसे रिएक्ट करती हैं ये आपकी अपनी मर्जी है। इसमें आपको किसी के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है। चेहरे पर शांत मुस्कान ही इसका जवाब दे देगी।

इस तरीके से दें जवाब

कभी-कभी शब्द वो काम नहीं करते हैं जो शांति कर जाती है। अगर आपकी किसी से लगातार बहस हो रही है। आप सामने वाले की बात से सहमत नहीं हैं तो जरूरी नहीं है कि आप उससे अपनी बात मनवाने की कोशिश करें। आप ‘ठीक है’ बोलकर, वहां से चली जाएं। सामने वाले को खुद इस उलझन में छोड़ दें। यकीन मानें ऐसा ट्रीटमेंट चिल्लाने से बेहतर है।

अपने आप को करें सपोर्ट

एक बेहतर और शांत जिंदगी जीने के लिए आपको किसी के सहारे या अनुमति की जरूरत नहीं होनी चाहिए। आप खुद अपने आप को सपोर्ट करना सीखें। अगर आप सही हैं तो कभी न झुकें। न ही किसी की मदद या सहमति की आस लगाएं। आप अपने आपमें पूर्ण रूप से सक्षम हैं। बस जरूरत है तो इस ताकत को पहचानने की।

बंद करें हर किसी को सफाई देना

‘अरे, तुम्हें नौकरी की क्या जरूरत है’, ‘अब तो शादी को बहुत साल हो गए बच्चा प्लान करो’, ‘तुम बहुत फिजूल खर्च करती हो’…ये ऐसी बातें हैं जो अक्सर हर घर में होती हैं। अगर ससुराल वाले अक्सर ऐसे ही सवाल करते हैं तो उन्हें हर बार सफाई देने की जरूरत नहीं है। क्योंकि यह जिंदगी आपकी है और आपको इसे अपने अनुसार जीने का पूरा हक है। इस तरह से आप अपने जीवन की डोर हर किसी को पकड़ने से रोक सकती हैं।

मैं अंकिता शर्मा। मुझे मीडिया के तीनों माध्यम प्रिंट, डिजिटल और टीवी का करीब 18 साल का लंबा अनुभव है। मैंने राजस्थान के प्रतिष्ठित पत्रकारिता संस्थानों के साथ काम किया है। इसी के साथ मैं कई प्रतियोगी परीक्षाओं की किताबों की एडिटर भी...