लेकिन जिद थी, हार न मानने की। राजमल ने सीखने की ललक नहीं छोड़ी। इसके बाद भी पढ़ते रहे। पिछले साल ही उन्होंने राजस्थान विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान, इतिहास और हिंदी में ग्रेजुएशन किया। पुराने दिनों को याद करते हुए वे बताते हैं, ‘मजदूरी करते हुए दिन का 70 रुपए मिलता था, फिर एक दिन पिता ने कहा, आगे पढ़ाई करो’ इसके बाद वह जयपुर चले गए। जयपुर में सिक्योरिटी गार्ड की भर्ती चल रही थी तो वे वहां चले गए जिससे बाद वह ट्रेनिंग के लिए गुरुग्राम आए । फिर दिल्ली मेट्रो में सिक्योरिटी गार्ड बने और फिर वह जेएनयू पहुंचे। राजकमल मीणा सन् 2014 से जेएनयू के अंदर सिक्यूरिटी गार्ड की नौकरी कर रहे हैं। कल तक राजमल मीणा देश की जिस प्रतिष्ठित यूनिवर्सिर्टी में बतौर गार्ड काम किया करते थे आज उसी यूनिवर्सिटी में उनका एडमिशन हो गया है। राजमल रशियन लैंग्वेज की प्रवेश परीक्षा उतीर्ण कर चुके हैं। राजमल बताते हैं कि जेएनयू के माहौल ने उन्हें बहुत प्रभावित किया ,यह कैंपस पर्यावरण और पढ़ाई की नजर से इतना खूबसूरत है कि यहां पढ़ने का हमेशा मन करता है। 

बीए-रशियन लैंग्वेज के चुनाव पर वह कहते हैं, ‘इसके बारे में बहुत नहीं सोचा था। रशिया के बारे में अखबार में पढ़ता था, रशियन साहित्य भी बहुत उत्कृष्ट है तो इसी को चुन लिया।’

आज भले ही राजमल का जेएनयू में एडमिशन हो गया हो पर इसके लिए उन्होंने बहुत कड़ी मेहनत की है। अपनी तैयारी के बारे में वे कहते हैं, गार्ड की नौकरी करते हुए वक्त निकालना थोड़ा मुश्किल जरूर होता है पर कैंपस में स्टूडेंट, प्रोफेसर सबने हौसला बनाए रखा। नौकरी के दौरान, घर पर जब भी टाइम मिलता मैं पढ़ता। मैंने पढ़ने के लिए अपने फोन में कई एप इंस्टॅाल किए। इस पर मैं उन पर करेंट अफेयर्स पढ़ने लगा था। लगभग हर दिन मैं करीब चार घंटे रोज अपनी पढ़ाई पर खर्च करता था। आज खुश हूं कि मेरी मेहनत रंग लाई है। हालांकि अभी मैं सिविल सर्विस की भी तैयारी कर रहा हूं। ये नहीं जानता हूं कि भविष्‍य में मेरी ये तैयारी क्‍या मोड़ लेगी लेकिन फिर भी मैं कोशिश करूंगा। साथ ही जेएनयू में पढ़ाई का माहौल देखकर मैं हमेशा सोचता हूं कि मेरे बच्‍चे भी यहीं पढ़ाई करें। अभी तो बेटी नौंवी की पढ़ाई कर रही है, जबकि दूसरा बच्‍चा चौथी कक्षा में पढ़ता है। मैं चाहता हूं कि भविष्य में दोनों इसी कैंपस से पढ़ाई करें। मेरी इस सफलता पर कॉलेज के प्रोफेसर भी मुझे बधाई दे रहे हैं। साथ ही आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।

राजमल मीणा उन तमाम लोगों के लिए जीती जागती मिसाल हैं, जो अपने हालात का रोना रोते हैं। उन्हें राजमल मीणा जी से प्रेरणा लेनी चाहिए कि कितनी भी विकट स्थिति आ जाए, आप हार मत मानिए बस संघर्षरत रहिए। एक न दिन आपकी मेहनत जरूर रंग लाएगी। 

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