साइकोलॉजीकल एब्यूज की नई परिभाषा है 'गैसलाइटिंग', कहीं आप भी तो नहीं हैं इसके शिकार: Gaslighting Side Effects

Gaslighting Side Effects: जिंदगी में आगे बढ़ने के लिए और सही निर्णय लेने के लिए यह बेहद जरूरी है कि आप अपने फैसले खुद लें। लेकिन कई बार कुछ लोग सामने वाले की बातों से इतने प्रभावित हो जाते हैं कि उन्हें उन्हीं का नजरिया सही लगने लगता है। वे प्रभावित करने वाले शख्स के जैसा ही सोचने लगते हैं। इसे ही कहते हैं ‘गैसलाइटिंग’। यह बात आपको भले ही काफी सामान्य सी लगे, लेकिन असल में यह काफी गंभीर स्थिति होती है।

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Gaslighting Side Effects
According to psychologists, gaslighting is like hacking a person’s thinking.

मनोवैज्ञानिकों के अनुसार गैसलाइटिंग किसी भी शख्स की सोच को हैक करने जैसा है। इसके माध्यम से सामने वाला शख्स किसी भी व्यक्ति की सोच का दुरुपयोग कर सकता है। इस स्थिति से प्रभावित शख्स अपने तर्क और विवेक पर विश्वास खो देता है। और दूसरों की सोच के अनुसार ही निर्णय लेने लगता है। धीरे-धीरे प्रभावित शख्स डिप्रेशन का शिकार होने लगता है।  

स्टडी बताती हैं कि गैसलाइटिंग का कारण कोई भी हो सकता है। जैसे आपके पार्टनर, दोस्त, रिश्तेदार या फिर आपके ऑफिस के सहकर्मी, बॉस। यानी ऐसा कोई भी शख्स जो आपको बहुत ज्यादा प्रभावित करता है, वो आपके लिए गैसलाइटिंग का काम कर सकता है। गैसलाइटिंग प्रभावित शख्स की मेंटल हेल्थ पर बहुत बुरा असर डालती है। जिससे उसका कॉन्फिडेंस खत्म होने लगता है। उन्हें महसूस होने लगता है कि उनमें कई कमियां हैं। वे बीमार हैं और उनके जीवन में बुरी यादें ही हैं। वे जीवन से निराश होने लगते हैं।  

gaslighting
It is important to recognize gaslighting

गैसलाइटिंग को पहचानना जरूरी है। अगर कोई आपको लगातार अपनी सोच को स्वीकार करने के लिए दबाव बनाता है तो यह गैसलाइटिंग है। इससे कई तरीकों से बचा जा सकता है।

अगर आपको इस बात का एहसास है कि आप गैसलाइटिंग का शिकार हैं तो आप परेशान न हो। जाहिर है ऐसी स्थिति में आपको गुस्सा, चिंता, अवसाद होगा, लेकिन फिर भी आप शांत रहने की कोशिश करें। जब कोई आपको अपनी बात मानने के लिए बोले तो आप तुरंत प्रतिक्रिया न देकर शांत रहने की कोशिश करें।

लिखने से कई बातों का हल खुद-ब-खुद निकल जाता है। ऐसे में जब भी आपको कोई अपनी सोच को बदलने को कहे तो आप उन बातों, घटनाओं और स्थिति को नोट कर लें। इससे आप ये जान पाएंगे कि आखिर ऐसा क्यों किया जा रहा है।

गैसलाइटिंग एक साइकोलॉजीकल एब्यूज है। अगर आपको कोई गैसलाइट करने की कोशिश कर रहा है तो आप डरें नहीं, उसे खुलकर बता दें कि आप उनकी चालें समझ रहे हैं। उन्हें साफ लहजे में कहें कि उनकी गैसलाइटिंग की कोशिशें आपको प्रभावित नहीं करेंगी।  

माना कि गैसलाइटिंग के कारण आपका आत्मविश्वास कम हो गया है। लेकिन एक बार आपने अपने मन में इससे छुटकारा पाने की ठान ली तो फिर इससे उबरना संभव है। जरूरी है कि आप खुद पर विश्वास रखें। मेडिटेशन करें, खुश रहें।

दिल की बात अपने करीबियों से कहने पर आपका दिल हल्का होगा। आप चाहें तो अपनी इस स्थिति के बारे में बताएं और बातें करें। शायद कोई हल निकले और आप बेहतर फील करें। 

मैं अंकिता शर्मा। मुझे मीडिया के तीनों माध्यम प्रिंट, डिजिटल और टीवी का करीब 18 साल का लंबा अनुभव है। मैंने राजस्थान के प्रतिष्ठित पत्रकारिता संस्थानों के साथ काम किया है। इसी के साथ मैं कई प्रतियोगी परीक्षाओं की किताबों की एडिटर भी...