क्या पति पत्नी के उम्र के फासले रिश्तों में लाती हैं समस्याएं
पुराने वक़्त में विवाह के लिए लोग उम्र नहीं देखते थे। कच्ची उम्र में लड़के लड़कियों की शादी करा दी जाती थी। शादी में उम्र का फासला बहुत असर डालता है रिश्तों पर।
Age Gap Problems : भारत में शादी दो व्यक्तियों का धार्मिक मान्यताओं के अनुसार एक सूत्र में बांधना है। जिसमें दो व्यक्ति सामाजिक नियमों को पूरा करने के लिए एक बंधन में बंधते हैं जो बहुत ही पवित्र माना जाता है। पुराने वक़्त में विवाह के लिए लोग उम्र नहीं देखते थे। कच्ची उम्र में लड़के लड़कियों की शादी करा दी जाती थी। कभी तो कम उम्र की लड़कियों की शादी अपने से काफी उम्रदराज पुरुषों से करा दी जाती है। जो बिल्कुल भी सही नहीं होता था, उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिहाज से।
लेकिन समय बदला फिर लोगों में जागरूकता बढ़ी तो लोग सही उम्र में शादी कराने लगे। क्यूंकि शादी में उम्र का फासला बहुत असर डालता है रिश्तों पर। अगर 10 या 20 साल से ज्यादा अंतर है, तो विवाहित जोड़ों में तो रिश्तों में काफी समस्याएं आ सकती हैं।
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कितना हो एज गैप पति-पत्नी के बीच

हमारे भारतीय समाज में पत्नी की उम्र को पति से कम ही अच्छा माना गया है। हम उम्र भी अच्छे कपल साबित होते हैं। 4- 6 साल का गैप एक आइडियल गैप है पति पत्नी के बीच। लेकिन अगर यही गैप 8- 10 साल से ऊपर का है तो बहुत ही दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में इन कपल्स के बीच झगड़े ज्यादा होते हैं।
आजकल के कपल्स जरूरी नहीं कि लड़के ही उम्र में बड़े होते हैं बल्कि आधुनिक चलन में अब लड़कियां भी लड़कों से उम्र में बड़ी होती है। अगर ये अंतर 1 या 2 साल का है तो फिर भी ठीक है।लेकिन अगर उम्र का अंतर उससे अधिक है तो बाद में जाकर रिश्ते निभाने में दिक्कत भी आ सकती हैं। शुरुआती दौर में लोग जोश जोश में आकर शादी तो कर लेते हैं। शुरू शुरू में सब अच्छा लगता है, लेकिन बाद में ऐसी भी नौबत आती है कि कपल्स को अलग भी हो जाना पड़ता है।
इसका एक उदाहरण सैफ अली खान और अमृता सिंह का रिश्ता ही देख लें। रिसर्च की माने तो उम्र का अंतर वैवाहिक रिश्तों में बहुत मायने रखता है। उसके कई साइकोलॉजी और वैज्ञानिक कारण भी है।
मानसिक सोच का अंतर
उम्र का अंतर मानसिक सोच पर भी प्रभाव डालता है। उम्र में बड़ा पार्टनर चाहे स्त्री हो या पुरुष उसका व्यवहार काफी हद तक मैच्योर होगा।
जहां कम उम्र वाला पार्टनर रोमांस की बातें चाहेगा तो अधिक उम्र वाला पार्टनर कैरियर को प्रायोरिटी देगा। उम्र का ये अंतर मानसिक सोच पर भी पड़ता है। जहां कम उम्र वाले पार्टनर का एनर्जी लेवल या जीवन जीने का तरीका थोड़ा बचकाना या फुर्तीला होगा वहीं अधिक उम्र वाले पार्टनर वो लेवल पहले ही जी चुके होंगे तो उन्हें ये सब बातें रोमांचक नहीं लगती हैं। जिससे रिश्तों में खीझ और गुस्सा फिर झगड़ा शुरू होने लगता है।
स्वास्थ्य समस्याएं

वहीं अधिक उम्र की महिला बच्चे के जन्म के बाद शरीर में आए बदलाव से और भी उम्रदराज लगेंगी।जो कहीं ना कहीं सामाजिक दबाव में उन्हें कुंठाग्रस्त करेगा। जिससे पार्टनर्स के बीच दूरियां पैदा हो सकती है।
लड़कियां हार्मोन चेंज की वजह से जल्दी उम्रदराज लगने लगती हैं। उन्हें फिर अपने लुक्स को लेकर चिंता सताने लगती है। वक़्त के साथ उम्र में बड़ी महिला अपने पार्टनर के साथ मिसमैच होने लगती है और उनके अंदर डर सा बैठ जाता है।
यही वजह है कि अधिक उम्र का अंतर वैवाहिक रिश्तों में कई समस्याएं उत्पन्न करता है। जबकि हमउम्र या आइडियल उम्र के कपल्स के रिश्ते ज्यादा रोमांचक और रोमांटिक होते हैं। क्यूंकि वो जिंदगी को लगभग एक ही दृष्टि से देखते हैं और उनका एनर्जी लेवल भी समान रहता है,जिससे रिश्ते ज्यादातर सफल रहते हैं। हालांकि दोनों ही स्थिति में कुछ अपवाद जरूर हो सकते हैं।
