Side Effects Of Cauliflowers – स्वादिष्ट और पोषक तत्वों से भरपूर गोभी या फूलगोभी सबसे अधिक पसंद की जाने वाली सब्जियों में से एक है। गोभी की सिर्फ सब्जी ही नहीं बल्कि करारे मसालेदार पराठें और मुसल्लम भी बनाया जा सकता है। सर्दियों के मौसम में खासतौर पर फूलगोभी के व्यंजनों का आनंद लिया जाता है। फूलगोभी में जहां कार्बोहाइड्रेट, फैट, प्रोटीन, आयरन, कैल्शियम, पोटेशियम और कॉपर होता है वहीं इसमें अधिक मात्रा में डायट्री फाइबर होता है जो गैस, कब्ज और दस्त जैसी समस्याओं को बढ़ावा दे सकता है। गोभी का सीमित मात्रा में सेवन किया जाना जरूरी है अन्यथा इससे कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। तो चलिए जानते हैं फूलगोभी से होने वाले साइड इफेक्ट्स के बारे में।
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किडनी स्टोन का खतरा

फूलगोभी को अक्सर वजन कम करने और कम कैलोरी वाली सब्जी के रूप में जाना जाता है। इसमें भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो किडनी को रेडिकल फ्री डैमेज से बचाती है। इसके अलावा इसमें मौजूद फाइबर विषैले पदार्थों को खत्म करके किडनी की प्रक्रिया को आसान बनाते हैं। लेकिन फूलगोभी में प्यूरीन नामक ऑर्गेनिक कंपाउंड भी होता है जो शरीर में प्यूरिन की मात्रा को बढ़ाने का काम कर सकता है। इसलिए अत्यधिक फूलगोभी के सेवन से बचना चाहिए। इससे किडनी स्टोन का खतरा कई गुना बढ़ सकता है।
शुगर हो सकती है फ्लक्चुएट
फूलगोभी में मौजूद डायट्री फाइबर ब्लड फ्लो द्वारा शुगर को अब्जॉर्ब करने की दर को कम करते हैं जिससे ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित किया जा सकता है। इसलिए फूलगोभी को सीमित मात्रा में खाएं अन्यथा, वे ब्लड शुगर को सामान्य स्तर से नीचे गिरा सकते हैं। इससे भूख, अत्यधिक पसीना, कंपकपी, चक्कर, दिल की धड़कन, मनोदशा और चिड़चिड़ापन आदि की समस्या हो सकती है। इसके अलावा फूलगोभी डायबिटीज की दवा के प्रभाव को भी कम कर सकती है।
पाचन तंत्र पर प्रभाव
फूलगोभी में डायट्री फाइबर होते हैं जो कॉस्टीपेशन में सुधार कर सकती है। इसके अलावा पाचन संबंधित समस्याओं जैसे पेट दर्द, गैस, सूजन और पेट फूलना आदि से राहत दिलाते हैं। हालांकि अत्यधिक फाइबर आंत को अत्यधिक उत्तेजित कर सकता है। इससे पेट में ऐंठन, दस्त, कब्ज और आंत में गैस जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
गर्भावस्था में परेशानी

फूलगोभी में विटामिन, मिनरल, एंटी-ऑक्सीडेंट और डायट्री फाइबर होता है जो गर्भावस्था में लाभदायक माना जाता है। लेकिन इस दौरान फूलगोभी के अधिक सेवन से गैस्टेशनल डायबिटीज का खतरा बढ़ सकता है। इसके अलावा इससे कब्ज की समस्या भी हो सकती है। गर्भावस्था में फूलगोभी का सेवन कम मात्रा में किया जाना चाहिए ताकि इसका प्रतिकूल प्रभाव न पड़े।
हाईपरटेंशन की समस्या
हाईपरटेंशन यानी हाई बीपी एक आम समस्या है जो दुनियाभर में लाखों लोगों को प्रभावित करती है। हाई बीपी हार्ट संबंधित समस्याओं का भी एक प्रमुख कारण है। फूलगोभी में पोटेशियम होता है जो हाई बीपी को कंट्रोल करने में मदद कर सकता है लेकिन अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से हाई पोटेशियम ब्लड प्रेशर लेवल को असामान्य रूप से कम कर सकता है, जिससे चक्कर, अधिक पसीना, मितली, एकाग्रता की कमी और बेहोशी जैसी स्थिति का सामना करना पड़ सकता है।
