fifty shades of grey novel in Hindi
fifty shades of grey novel in Hindi

fifty shades of grey novel in Hindi: मोमबत्ती की लौ बहुत गर्म है। यह गर्म हवा में टिमटिमाते हुए नाच रही है। चारों ओर घूमते परवाने दिख रहे हैं। मैं न चाहते हुए भी खिंचती चली जाती हूं और मैं उड़ते-उड़ते सूरज के बहुत पास पहुंच गई हूं। मैं गर्मी और रोशनी के बीच पिघल रही हूं। मैं बहुत गरमाहट महसूस कर रही हूं। गर्मी……ओह! इसने मुझे जगा दिया।

मैंने आंखें खोलीं तो पाया कि क्रिस्टियन ग्रे किसी जीते गए झंडे की तरह मुझसे लिपटा है। उसका सिर मेरी छाती पर टिका है। उसके एक हाथ और टांग ने मेरे बाकी शरीर को घेरा हुआ है। अपने शरीर की गरमाहट से मेरा दम घोंट रहा है और वह भारी है। मुझे यह समझने में एक पल लगा कि वह अब भी मेरे बिस्तर में गहरी नींद ले रहा है और बाहर सुबह हो गई है। उसने पूरी रात मेरे साथ बिताई है।

मेरी दाईं बांह फैली है और अचानक ही दिमाग में आया कि वह साथ सोया हुआ है। मैं उसे छू सकती हूं। मैंने अपनी अंगुलियां उसकी पीठ पर फेरीं। उसने गले से एक भर्राहट सी निकाली और वह हिला। उसने नींद में ही मेरे साथ बदन को सटा लिया। उसकी भूरी उनींदी आंखें बालों के नीचे से झांकीं।

“गुडमोर्निंग !”उसने कहा और त्योरी चढ़ा ली। “ओह! मैं तो नींद में भी तुम्हारा दीवाना बना हुआ हूं।” मैं उसकी उत्तेजना को महसूस कर सकती हूं और मेरी हैरानी देखकर उसने धीमी सी सेक्सी मुस्कान दी।

“हम्म….संभावनाएं तो हैं पर हमें रविवार तक इंतज़ार करना चाहिए।” उसने अपनी नाक से मेरे कान को गुदगुदा दिया।

मैं घबरा गई और उसकी शरीर की गरमाहट से पिघल गई।

“तुम बहुत हॉट हो।” मैं हौले से बोली

“तुम भी इतनी बुरी नहीं हो। उसने कहा और मुझे अपने साथ चिपका लिया।”

मैं थोड़ा और घबरा गई। मेरा यह मतबल नहीं था। वह एक कोहनी के बल लेटकर मुझे निहारने लगा। वह झुका और मेरे देखते-देखते होठों पर प्यारा सा चुंबन अंकित कर दिया।

“अच्छी नींद आई?” उसने पूछा।

मैंने उसे घूरते हुए हामी भरी। …और एहसास हुआ कि बस गर्मी लगने के आधे घंटे को छोड़ दें तो मैंने पूरी नींद ली।

“हां, मैंने भी। वैसे समय क्या हो गया?”

मैंने घड़ी पर नज़र डाली।

“साढ़े सात हो गए।”

“हैं! साढ़े सात?” वह झट से पलंग से कूदा और जींस चढ़ा ली।

मैं बैठकर उसे चकित होकर देख रही हूं। क्रिस्टियन ग्रे को आज देर हो गई। वह घबराया हुआ है। उसके साथ तो ऐसा कभी नहीं होता। मैंने तो ऐसा पहले कभी नहीं देखा। मुझे बाद में एहसास हुआ कि मेरा रात वाला दर्द भी खत्म हो गया था।

“देखो! तुमने मुझ पर कितना बुरा असर डाल रखा है। आज मेरी एक मीटिंग थी। मुझे जाना ही होगा। मुझे आठ बजे पोर्टलैंड पहुंचना था। क्या तुम मुझ पर हंस रही हो?”

“हां”

वह भी हंस दिया। “मुझे देर हो गई। मैं कभी लेट नहीं होता। मिस स्टील! मेरी जिंदगी में यह भी पहली बार है।”

उसने झट से जैकेट पहनी और दोनों हाथों से मेरा सिर थामकर बोला-

“तो रविवार को मिल रहे हैं।”

उसके शब्दों में जाने कैसा जादू भरा है कि मैं मीठे से एहसास से भर गई।

उसने मुझे झट से चूमा। पास की मेज से अपना सामान और जूते उठाए-उसने उन्हें पहना नहीं।

“टेलर आकर बीटल का काम कर देगा। मैं गंभीर था। तुुम उसे मत चलाना। मैं तुमसे रविवार को मेरे यहां मिलूंगा। समय मिलते ही मेल करूंगा।” और वह किसी हवा के झोंके की तरह गायब हो गया।

क्रिस्टियन ग्रे ने अपनी एक रात मेरे साथ बिताई और मैं बहुत सुकून महसूस कर रही हूं। हमने कोई शारीरिक संबंध भी नहीं बनाए। बस एक-दूसरे की बांहों में सोए भर थे। उसने कहा था कि वह कभी किसी के साथ नहीं सोता पर वह मेरे साथ तीन बार सो चुका है। मैं मुस्कुराते हुए पलंग से निकल आई। मैं पिछले दिन के मुकाबले खुद को ज्यादा आशावादी महसूस कर रही हूं। चाय की तलब होते ही मैंने किचन की ओर रुख किया।

नाश्ते के बाद नहाई और क्लेटन में आखिरी दिन के लिए कपड़े बदले। ये एक युग का अंत होगा-मिस्टर व मिसेज क्लेटन, डब्लयूएसयू, वैंकूवर, अपार्टमेंट और मेरी बीटल! सबको मेरी अलविदा। मैंने घड़ी पर नज़र डाली। आठ बजने को थे। मेरे पास काफी वक्त है।

फॉर्म: एनेस्टेसिया स्टील

सब्जैक्ट: कल की घटना…

डेट: मई 27 2011 08:05

टू: क्रिस्टियन ग्रे,

डियर मि. ग्रे

दरअसल आप जानना चाहते थे कि मैंने आपके जाने के बाद उलझन क्यों महसूस की-हमें अनुशासन के लिए सज़ा के किन रूपों को अपनाना होगा। खैर, इस सारी प्रक्रिया के दौरान मैंने खुद को बहुत हीन, छोटा और सताया गया महसूस किया। वैसे हैरानी यह भी है कि आपकी बात सही थी, मैंने यौन उत्तेजना का अनुभव भी किया। ये मेरे लिए बिल्कुल अनपेक्षित था। जैसा कि आप जानते हैं कि मेरे लिए ये सभी बातें बिल्कुल नई हैं-काश मैं और अधिक तैयार व अनुभवी होती। मैं अपनी यौनोत्तेजना को देख स्तब्ध हूं।

उसके बाद मैंने जो महसूस किया, मैं उसके लिए ज्यादा चिंतित हूं। उसे बता पाना भी ज्यादा कठिन है। मैं खुश थी क्योंकि तुम खुश थे। मुझे इस बात से चैन मिला कि ये सब उतना दर्दनाक भी नहीं था, जितना मैंने सोचा था। जब मैं तुम्हारी बांहों में थी तो…मैंने खुद को बहुत आरामेदह पाया लेकिन इस घटना के बाद की वह उत्तेजना अब भी मेेरे मन में अपराध बोध जगा रही है। ऐसा क्यों हुआ? क्या आपको अपने सवाल का जवाब मिल गया?

उम्मीद करती हूं कि आप अपनी मिल्कियत और अभिग्रहण वाली दुनिया में मग्न होंगे।

मेरे साथ रहने के लिए शुक्रिया

एना

फॉर्म: क्रिस्टियन ग्रे

सब्जैक्ट: अपने दिमाग को खुला रखो

डेट: मई 27 2011 08:24

टू: एनेस्टेसिया स्टील

मिस स्टील! मेल काफी रोचक रहा। अब तुम्हारे लिए जवाब:

मैं सज़ा देने के लिए यही तरीका पसंद करूंगा।

तो तुमने मार खाने के दौरान जो भी महसूस किया……तुमने तो खुद ये रास्ता चुना था? जानना चाहता हूं कि तुमने सचमुच ऐसा महसूस किया या तुम्हें लगता है कि तुम्हें ऐसा महसूस करना चाहिए? ये दोनों ही बातें अलग हैं? अगर तुम ऐसा महसूस कर रही हो तो तुम्हें अपने भावों पर काबू पाना सीखना होगा क्योंकि तुम्हारी जगह कोई भी सेक्स गुलाम होती तो यही करती।

मैं तो तुम्हारे अनाड़ीपन के लिए एहसानमंद हूं। मैं इसे मान देता हूं और इसे समझने की कोशिश करने लगा हूं। सादे शब्दों में कहूं तो…इसका मतलब है कि तुम हर तरह से मेरी हो।

हां, तुम यौन रूप से उत्तेजित हुई थीं, जो कि मेरे लिए भी कामोत्तेजना का कारण बना, इसमें कुछ भी गलत नहीं है।

मेरी खुशी के लिए यदि परम आनंद शब्द का प्रयोग किया जाए तो कहीं बेहतर होगा। मैं तुम्हारे साथ से केवल खुश नहीं हूं…।

यौन रूप से उत्तेजित करने के लिए दी गई मार से ज्यादा सज़ा वाली मार पीड़ादायी होती है। ये तुम जान लो। मेरा हाथ भी सूजा है पर मुझे अच्छा लगा।

मैंने भी तुम्हारी बांहों में बड़ी चैन की नींद ली।

अपराधबोध के बीच अपनी ऊर्जा नष्ट मत करो। हम दोनों ही वयस्क हैं और आपसी रजामंदी से बंद दरवाजों के पीछे यह सब कर रहे हैं। तुम्हें अपने दिमाग के ताले खुले रखने होंगे ताकि तुम अपने शरीर की सुन सको।

वैसे बता दूं कि मिल्कियत और अभिग्रहण वाली दुनिया तुमसे अधिक उत्तेजक नहीं है, मिस स्टील!

क्रिस्टियन ग्रे

सीईओ, ग्रे इंटरप्राइजिस होल्डिंग्स, इंक

हाय……… हर तरह से मेरी। मेरी सांस उथली हो आई।

फॉर्म: एनेस्टेसिया स्टील

सब्जैक्ट: रजामंद वयस्क

डेट: मई 27 2011 08:26

टू: क्रिस्टियन ग्रे

क्या तुम एक मीटिंग में हो?

मुझे खुशी है कि तुम्हारा हाथ भी सूज गया था।

और अगर मैं अपने शरीर की सुनती तो शायद अब तक अलास्का में होती

एना

पी.एस. – मैं इन भावनाओं को अपनाने के बारे में सोचूंगी।

फॉर्म: क्रिस्टियन ग्रे

सब्जैक्ट: तुमने पुलिश नही बुलवाई

डेट: मई 27 2011 08:35

टू: एनेस्टेसिया स्टील

मिस स्टील!

मैं एक मीटिंग में भावी बाजार की चर्चा कर रहा हूं, अगर तुम्हें इसमें रुचि है तो। वैसे रिकॉर्ड के लिए तुम मेरे साथ खड़ी थी और जानती थी कि मैं क्या करने जा रहा था। तुमने मुझे रोका नहीं-तुमने किसी सेफवर्ल्ड का इस्तेमाल नहीं किया। तुम एक वयस्क हो। तुम्हारे अपने चुनाव हैं। सच कहूं तो मैं तो अपनी हथेली को दोबारा तकलीफ देने के लिए तरस रहा हूं। ये तो साफ है कि तुम अपने शरीर के उचित हिस्से की बात नहीं सुन रहीं। अलास्का में बहुत ठंड है और भाग कर जाने की कोई जगह नहीं है। मैं तुम्हें खोज लेता। मैं तुम्हारे सेल फोन से पता लगा सकता हूं। याद है न?

काम पर जाओ।

क्रिस्टियन ग्रे

सीईओ, ग्रे इंटरप्राइजिस होल्डिंग्स, इंक

मैंने स्क्रीन को देखकर मुंह बनाया। बेशक वह सही कह रहा है। ये मेरा अपना चुनाव था। हम्म। क्या वह मुझे खोजने के लिए आने के बारे में गंभीर है? क्या मुझे अभी से बचाव का कोई रास्ता खोज लेना चाहिए? मेरा दिमाग अचानक मॉम के निमंत्रण पर चला गया और मैंने रिप्लाई बटन दबा दिया।

फॉर्म: एनेस्टेसिया स्टील

सब्जैक्ट: खोजी प्रवृत्ति

डेट: मई 27 2011 08:36

टू: क्रिस्टियन ग्रे

क्या तुमने अपनी खोजी प्रवृत्ति के लिए कोई उपचार लिया?

एना

फॉर्म: क्रिस्टियन ग्रे

सब्जैक्ट: खोजी? में?

डेट: मई 27 2011 08:38

टू: एनेस्टेसिया स्टील

मिस स्टील!

मैं डॉक्टर फ्लिन को अपनी खोजी और अन्य प्रकार की प्रवृत्तियों के लिए काफी पैसा दे रहा हूं।

काम पर जाओ।

क्रिस्टियन ग्रे

सीईओ, ग्रे इंटरप्राइजिस होल्डिंग्स, इंक

फॉर्म: एनेस्टेसिया स्टील

सब्जेक्ट: महंगे दिखावे

डेट: मई 27 2011 08:40

टू: क्रिस्टियन ग्रे

क्या मैं पूरी विनम्रता के साथ दूसरी राय लेने के लिए कह सकती हूं? मेरे हिसाब से डॉक्टर फ्लिन इतने असरदार नहीं हैं।

मिस स्टील

फॉर्म: क्रिस्टियन ग्रे

सब्जैक्ट: दूसरी राय

डेट: मई 27 2011 08:43

टू: एनेस्टेसिया स्टील

इस बात से तुम्हारा कोई मतलब नहीं है। वैसे मैं डॉक्टर से ही राय लेना चाहूंगा। तुम्हें अपनी कार में तेज चला कर जाना होगा। जिससे तुम अनावश्यक खतरे में पड़ सकती हो। मेरे हिसाब से ये नियमों के खिलाफ है।

काम पर जाओ।

क्रिस्टियन ग्रे

सीईओ, ग्रे इंटरप्राइजिस होल्डिंग्स, इंक

फॉर्म: एनेस्टेसिया स्टील

सब्जैक्ट: ओह चीखते हुए शब्द

डेट: मई 27 2011 08:47

टू: क्रिस्टियन ग्रे

दरअसल मैं ही तुम्हारी खोज के हिसाब से एक निजी ट्रेनर मिलने वाला है। मैंने त्योरी चढ़ाई। मु
झे कसरत करना सख़्त नापसंद है।

मैंने गाड़ी चलाने के दौरान अपने ई-मेल का विश्लेषण करना चाहा। कभी-कभी तो वह कमीनेपन की भी हद कर देता है। फिर अचानक ही उसकी मां ग्रेस का ख्याल आते ही मैं शर्मिंदा हो गई। उस बेचारी ने क्या बिगाड़ा है। वैसे भी उसने तो क्रिस्टियन को जन्म भी नहीं दिया। हम्म! वह अनजानी-सी पीड़ा की पूरी एक दुनिया है। वैसे क्रिस्टियन ग्रे! मुझे यह याद दिलाने के लिए मेहरबानी कि मैं एक वयस्क हूं और ये मेरा चुनाव है। समस्या यह है कि मैं केवल क्रिस्टियन को चाहती हूं, मेरा उसके प्रपंचों से भरे सामान व नियमों से कोई लेन-देन नहीं है। क्या मैं उसे यूं ही गले से लगाकर दुलार नहीं सकती? जहां तक उसकी सेक्स गुलाम बनने की बात है। मैंने कहा है कि मैं कोशिश करूंगी। ये भी अपने-आप में एक बड़ा काम होगा।

मैंने गाड़ी को क्लेटन में पार्क किया। यकीन नहीं आ रहा कि आज वहां मेरा आखिरी दिन है। खुशकिस्मती से स्टोर में भीड़ थी इसलिए समय आसानी से कट गया। लंच टाइम में मि. क्लेटन ने मुझे स्टोर से बुलवा लिया। वे एक मोटरसाइकिल कूरियर के साथ खड़े हैं।

“मिस स्टील?” कूरियर वाले ने कहा। मैंने सवालिया निगाहों से उन्हें ताका और उन्होंने भी अनजान बनते हुए कंधे झटक दिए। मेरा दिल डूब गया। अब क्रिस्टियन ने क्या भेज दिया? मैंने छोटे से पैकेट के लिए हस्ताक्षर किए और उसे झट से खोला। ये तो एक ब्लैकबैरी है। मेरा दिल और भी डूब गया। मैंने उसे ऑन किया।

फॉर्म: क्रिस्टियन ग्रे

सब्जैक्ट: उधार ब्लैकबैरी

डेट: मई 27 2011 11:15

टू: एनेस्टेसिया स्टील

मैं चाहता हूं कि तुमसे किसी भी समय संपर्क साध सकूं और यह तुम्हारे लिए एक ईमानदार संप्रेषण है इसलिए मुझे लगा कि तुम्हारे पास ब्लैकबैरी होना ही चाहिए।

क्रिस्टियन ग्रे

सीईओ, ग्रे इंटरप्राइजिस होल्डिंग्स, इंक

फॉर्म: एनेस्टेसिया स्टील

सब्जैक्ट: उपभोक्तावाद की अति

डेट: मई 27 2011 13:22

टू: क्रिस्टियन ग्रे

मेरे हिसाब से तुम्हें अभी डॉक्टर फ्लिन से बात करनी चाहिए।

तुम्हारी खोजी प्रवृत्ति बढ़ती ही जा रही है।

मैं काम पर हूं। घर जाकर ई-मेल करूंगी।

एक और उपकरण के लिए धन्यवाद!

जब मैंने कहा था कि तुम एक संपूर्ण उपभोक्ता हो तो गलत नहीं था।

तुमने यह क्यों किया?

एना

फॉर्म: क्रिस्टियन ग्रे

सब्जैक्ट: छोटा मुंह और बड़ी बात

डेट: मई 27 2011 13:24

टू: एनेस्टेसिया स्टील

मिस स्टील! हमेशा की तरह बढ़िया बात कही।

डॉक्टर फ्लिन छुट्टी पर हैं।

और मैंने यह काम इसलिए किया क्योंकि मैं कर सकता हूं।

क्रिस्टियन ग्रे

सीईओ, ग्रे इंटरप्राइजिस होल्डिंग्स, इंक

मैंने उसे अपनी जेब में रखा और मैं अभी से उससे नफ़रत करने लगी हूं। बेशक क्रिस्टियन को ई-मेल करने की मुझे लत हो गई है पर मुझे काम भी तो करना है। यह एक बार फिर से बजा……ओह! कितना लोभनीय…पर मैंने पूरी संकल्पशक्ति के साथ उसे अनुसना कर दिया।

चार बजे के करीब, मि. और मिसेज क्लेटन ने दुकान के सभी कर्मचारियों को एक जगह एकत्र किया और बड़ी ही शर्मिंदगी से भरी बेतरतीब स्पीच देने के बाद मुझे तीन हजार डॉलर का चेक गिफ्ट किया। उसी पल में, पिछले तीन सप्ताह की घटनाएं मेरे सामने ताज़ा हो गईं। परीक्षा, ग्रेजुएशन, एक कमीनगी की हद तक दीवाना अरबपति, कौमार्य का भंग होना, कठोर व कोमल सीमाएं, ऐसे प्लेरूम जिनमें कोई कंसोल यानी खेलने के उपकरण नहीं थे, हेलीकॉप्टर की उड़ानें और ये हकीकत कि मैं कल यहां से चली जाऊंगी। मैंने सारी कड़ियां जोड़कर देखीं। मेरा अवचेतन आश्चर्य में है। मैंने क्लेटन को गले से लगा लिया। वे बहुत दयालु और उदार नियोजक रहे हैं। मुझे उनकी याद आएगी।

घर पहुंची तो केट को अपनी कार से निकलते देखा।

“ये क्या है?” उसने अचानक अंगुली उठाते हुए पूछा।

मैं खुद को रोक नहीं पाई-ये एक कार है। उसने आंखें सिकोड़ीं और मुझे ऐसा लगा कि कहीं वह भी मुझे क्रिस्टियन की तरह… “मेरा ग्रेजुएशन का उपहार।” मैंने बड़े ही बेलाग भाव से कहा। जी हां, मुझे तो अकसर इसी तरह नई कारें उपहार में मिलती रहती हैं, कोई बड़ी बात नहीं है… उसका मुंह खुला का खुला रह गया।

“अरे वाह! क्या दरियादिल आशिक है! है न?”

मैंने हामी भरी। मैंने मना करना चाहा पर जीत नहीं सकी और ये चीज़ इतनी लुभावनी थी कि क्या कहूं…।

केट ने होंठ भींचे-“इसमें कोई शक नहीं कि तू उसके घेरे में है। कल रात वह यहीं था न?”

“हां”

“चल पैकिंग पूरी करें।”

मैं हामी दी और उसके साथ अंदर चल दी। फिर मैंने क्रिस्टियन का ई-मेल देखा।

फॉर्म: क्रिस्टियन ग्रे

सब्जैक्ट: रविवार

डेट: मई 27 2011 13:40

टू: एनेस्टेसिया स्टील

क्या मैं तुम्हें रविवार को एक बजे मिलूं?

डॉक्टर से डेढ़ बजे एस्काला में मुलाकात का समय है।

मैं सिएटल के लिए निकल रहा हूं।

उम्मीद करता हूं कि तुम्हारी तैयारी अच्छी चल रही होगी। मैं रविवार के इंतज़ार में हूं।

क्रिस्टियन ग्रे

सीईओ, ग्रे इंटरप्राइजिस होल्डिंग्स, इंक

हे भगवान! ये बंदा तो मौसम का हाल भी पूछ सकता है। मैंने तय किया कि सामान बांधने के बाद उसे ई-मेल करूंगी। एक ही मिनट में कितनी मज़ाकिया बातें करता है तो दूसरे ही मिनट में कितना औपचारिक और रूखा बर्ताव करने लगता है। इससे पार पाना बेहद कठिन है। सच कहूं तो ऐसा लग रहा है मानो कोई अपने कर्मचारी को ई-मेल भेज रहा हो। मैंने ई-मेल पर नज़र मारी और केट के साथ सामान बांधने चल दी।

केट और मैं रसोई में थे तो दरवाजे पर दस्तक सुनाई दी। टेलर पोर्च में खड़ा है, वह अपने सूट में लाजवाब दिख रहा है। मैंने ध्यान से देखा तो उसके बालों के कट, छरहरी काया और ठंडी नज़रों से साफ दिख रहा था कि वह पहले सेना में रहा होगा।

“मिस स्टील! मैं आपकी कार के लिए आया हूं।”

“अरे हां, क्यों नहीं, मैं अभी चाबियां लाई।”

बेशक यह काम उसके कामों की लिस्ट में तो नहीं आता होगा। मैंने फिर से उसके कामों की सूची पर विचार किया। मैंने उसे चाबियां दीं और बड़ी अजीब-सी खामोशी के बीच हल्कीनीली बीटल के पास पहुंचे। मैंने दरवाजा खोला और ग्लब बॉक्स से अ लैशलाइट हटा दी। बस हो गया। बीटल में और कुछ नहीं है। अलविदा वांडा, बहुत-बहुत धन्यवाद! मैंने दरवाजा बंद करते-करते उसकी छत को बांहों से घेर लिया।

“तुम मि. ग्रे के लिए कब से काम कर रहे हो?” मैंने पूछा।

“चार साल से मिस स्टील।”

अचानक ही दिल में आया कि उस पर ही सवालों की झड़ी लगा दूं। ये आदमी अपने बॉस के बारे में क्या जानता है, उसके कौन से राज़ इसे पता हैं? पर हो सकता है कि इसने भी किसी एनडीए पर हस्ताक्षर किए हों। मैंने उसे घबराहट के साथ देखा। उसके चेहरे पर भी रे के चेहरे जैसे ऊष्ण भाव थे।

“वे एक अच्छे इंसान है। मिस स्टील! उसने एक मुस्कान के साथ कहा। फिर मुझे देखकर गर्दन हिलाई और कार में चला गया।

अपार्टमेंट, बीटल क्लेटन-ये सब अब बदल गया है। मैंने अंदर जाते हुए सिर को झटका। और क्रिस्टियन ग्रे तो इनमें से सबसे बड़ा बदलाव है। टेलर को लगता है कि वह एक अच्छा इंसान है। क्या मैं उस पर भरोसा कर सकती हूं?

जोस उस रात हमारे साथ चाइनीज़ डिनर में शामिल हुआ। हमारा काम पूरा हो गया। हम जाने को तैयार हैं। वह अपने साथ बीयर की बोतलें लाया था, मैं और केट काउच पर बैठे और वह हमारे पास फर्श पर ही आलथी-पालथी लगाकर बैठ गया। हमने कचरा टीवी. देखा, बीयर चढ़ाई और बीयर का असर होते ही हम पुरानी यादें दोहराने लगे। हमने एक साथ चार अच्छे साल बिताए थे।

जोस और मेरे बीच का तनाव घुल गया था और हम उस जबरन लिए जाने वाले चुंबन को भूल गए थे। वैसे एक बात बता दूं, अंदर बैठी लड़की बड़ी ही अधीरता से अंगूर के दाने चबा रही है और आने वाले रविवार के इंतज़ार में है। दरवाजे पर आहट हुई और मेरा कलेजा उछलकर मुुंह को आ गया…कहीं?

केट ने दरवाजा खोला और इलियट को सामने पाते ही उसके पांवों तले जमीन खिसक गई। उसने उस पर बॉलीवुड स्टाइल झपट्टा मारा और वह जल्द ही यूरोपियन आर्ट हाउस की गलबांहीं में बदल गया। ओए-होए बल्ले-बल्ले! जोस और मैं एक-दूसरे को देख रहे हैं और मुझे केट के इस बर्ताव से हल्की खीझ हो रही है।

“क्या हम बार तक चलें?” मैंने जोस से पूछा और उसने हामी दे दी। हम अपने सामने चल रहे तमाशे से सिटपिटा गए थे। केट ने मुझे देखा और शरमा गई।

“जोस और मैं एक पैग लगाकर आते हैं।” मैंने उसे देखकर आंखें नचाईं। उफ्फ! मैं अपने समय में तो आंखें नचा ही सकती हूं।

“ठीक है।” वह दमकी।

“हाय इलियट! बाय इलियट।”

उसने मुझे देखकर अपनी नीली आंख दबाई और जोस और मैं किशोरों की तरह खिलखिलाते हुए दरवाजे से बाहर हो गए।

जब हम बार जाने लगे तो मैंने जोस की बांह में बांह डाल दी। ओह! ये कितना सादा दिल इंसान है। मैं आज तक इस बात की कद्र नहीं कर पाई।

“तुम अब भी मेरे शो की ओपनिंग में आ रही हो, आओगी न?”

“बेशक जोस, वह होगा कब?”

“9 जून”

“उस दिन क्या वार है?” मैं अचानक घबरा गई।

“वीरवार है।”

“हां, मैं आ सकती हूं… तुम सिएटल में हमारे यहां आना।

“तुम मुझे रोक कर तो दिखाओ।” उसने खीसें निपोर दीं।

जब हम बार से आए तो बहुत देर हो गई थी। केट और इलियट कहीं नहीं दिख रहे थे पर हाय! दूसरे कमरे से आती उनकी आवाजें तो हमें सुन ही सकते थे। कहीं हमारी भी इसी तरह से आवाजें…। मुझे पता है कि क्रिस्टियन तो ऐसा नहीं है। मैं इस सोच से शरमाकर अपने कमरे की ओर लपकी। गले लगाने के बाद जोस लौट गया। पता नहीं, उसे शो में भी देख पाऊंगी या नहीं? जो भी हो उसे अपनी प्रदर्शनी लगाने का मौका मिल ही गया। मैं उसे और उसके भोलेपन को याद करूंगी। मैं उसे बीटल के बारे में नहीं बता सकी। मुझे पता है कि वह पता चलते ही हड़बड़ा जाएगा और भन्नाएगा और मैं इस काम के लिए सिर्फ एक ही इंसान को सह सकती हूं। कमरे में आते ही लैपी ऑन किया और क्रिस्टियन का ई-मेल मेरा इंतजार कर रहा था।

फॉर्म: क्रिस्टियन ग्रे

सब्जैक्ट: तुम कहां हो

डेट: मई 27 2011 22:14

टू: एनेस्टेसिया स्टील

मैं काम कर रहा हूं। घर जाकर तुम्हें ई-मेल करूंगा

क्या तुम अभी काम पर हो या तुमने अपने फोन, ब्लैकबैरी और मैकबुक पैक कर दिए हैं?

मुझे फोन करो वरना मुझे मजबूरन इलियट से बात करनी होगी।

क्रिस्टियन ग्रे

सीईओ, ग्रे इंटरप्राइजिस होल्डिंग्स, इंक

मर गई। जोस। शिट!!!

मैंने फोन उठाया। पांच मिस्ड कॉल और एक वॉयस मैसेज। मैंने मैसेज सुना। उसी का था।

तुम्हें मेरी उम्मीदों पर खरा उतरना सीखना होगा। मैं बहुत धीरज वाला इंसान नहीं हूं। अगर तुम कहती हो कि तुम काम खत्म होने बाद बात करोगी तो तुम्हें शिष्टता का पालन करते हुए बात करनी चाहिए। वरना मुझे चिंता होगी और मेरा इस भाव से कोई गहरा परिचय नहीं है और मैं इसे सह भी नहीं पाता। मुझे फोन करो।

आज तो मर ही गए! क्या वह मुझे कभी चैन की सांस लेने देगा? मैंने फोन को मुंह चिढ़ाया। वह मेरा दम घोंट रहा है। मैंने उसे कॉल किया। बेशक वह सारा गुस्सा निकालेगा और यह सोचकर ही मेरी जान निकल गई।

“हाय!” उसकी मुलायम आवाज़ ने तो मुझे हैरान कर दिया। कहां तो मैं उसका गुस्से से भरा स्वर सुनने को तैयार थी।

“हां!”

“मुझे तुम्हारी चिंता हो रही थी।”

“पता है, सॉरी! मैं कॉल नहीं कर सकी पर मैं ठीक हूं।”

वह एक क्षण के लिए रुका।

“आज की शाम कैसी रही?”

“हां। हमने पैकिंग की और फिर जोस के साथ बाहर से मंगाकर चाइनीज़ खाया।” वह कुछ नहीं बोला।

मैंने जोस का नाम लेते हुए जोर से आंखें भींच लीं।

“तुम अपनी सुनाओ।” मैंने उस चुप्पी को तोड़ना चाहा।

“मैं फंड जमा करने वाले एक डिनर में गया। बस बाकी तो वही बोरिंग जिंदगी…।”

वह कितना उदास और हारा हुआ लग रहा है। मेरा कलेजा कचोट उठा। मैंने देखा कि वह आधी रात को अकेला बैठा पिआनो पर उदास धुनें बजा रहा है।

“काश तुम यहां होते।” मैंने कहा क्योंकि मैं चाहती थी कि उसे बांहों में भरकर पुचकार दूं। उसके दिल को बहला दूं। बेशक वह मुझे ऐसा करने ने देता पर मैं ऐसा करना चाहती हूं।

“क्या तुम ऐसा चाहती हो?” ओह नहीं! क्या वह सचमुच…?

“हां।”

“मैं रविवार को मिलूंगा।”

“हां, रविवार!”मेरे पूरे शरीर में सिरहन-सी दौड़ गई।

“शुभरात्रि”

“शुभरात्रि सर”

उसकी गहरी सांस से पता चला कि उसने भी मेरा यह संबोधन सुना।

“एनेस्टेसिया! शुभकामनाएं।” फिर हम दोनों ही किशोरों की तरह फोन पर टंगे रहे। दोनों में से कोई भी रखना नहीं चाहता था।

“तुम रखो।” मैंने कहा।

“नहीं, मैं नहीं रखना चाहता।”

“मैं भी नहीं चाहती।”

“मैं भी नहीं।”

“क्या तुम मुझसे नाराज़ थे?”

“हां”

“क्या अब भी हो?”

“नहीं”

“तो तुम सज़ा नहीं दोगे?”

“नहीं, मैं वर्तमान में जीता हूं।”

“हां, मैंने देखा है।”

“मिस स्टील फोन रखो”

“सर! क्या आप यही चाहते हैं?”

“एनेस्टेसिया सोने जाओ।”

“जी, सर”

हम दोनों ही लाइन पर बने रहे।

“क्या तुम्हें लगता है कि तुम कभी ऐसा कुछ कर पाओगी जो तुम्हें करने को कहा जाता है?”

हो सकता है। रविवार के बाद देखेंगे…”और मैंने फोन बंद कर दिया।

इलियट खड़ा अपनी ही कारीगरी पर मुग्ध है। उसने पाइक प्लेस मार्केट वाले घर में हमारे टी.वी. को सैटेलाइट सिस्टम में लगा दिया है। केट और मैं काउच पर बैठे खिलखिला रहे हैं और उसके पावर ड्रिल के कौशल को देखकर चकित हैं। बेशक ईंटों वाली दीवार पर चपटा स्क्रीन अटपटा दिख रहा है पर कोई बात नहीं मुझे इसकी आदत हो जाएगी।

“देखा बेबी! कितना आसान था।” उसने चौड़े सफेद दांतों की मुस्कान दी और वह तो काउच में ही धंस ही गई।

मैंने दोनों को देखकर आंखें बांधे नचाई।

“बेबी! मैं यहीं रह जाता पर आज बहन पेरिस से आ रही है और डिनर सबके साथ करना होगा।”

“क्या उसके बाद आ सकते हो?” केट ने रोमानी होते हुए पूछा। मैंने एक और डिब्बा खोलने का बहाना करते हुए रसोई की राह ली क्योंकि वे ज्यादा ही आगे बढ़ रहे थे।

“देखूंगा कि निकल सकता हूं या नहीं।” उसने कहा।

“मैं तुम्हें छोड़ आती हूं।” केट ने कहा।

“अच्छा एना!”वह बोला।

“बाय इलियट! मेरी ओर से क्रिस्टियन को हाय कहना।”

“बस हाय?” उसने हैरानी से कहा।

“हां।” मैं घबरा गई। उसने मुझे देखकर आंख मारी और मैं लाल पड़ गई।

वे दोनों नीचे उतर गए। इलियट बड़ा प्यारा है और क्रिस्टियन से तो बहुत अलग है। वह बड़े दिल से केट के सामने अपनी भावनाएं प्रकट करता है। वे एक-दूसरे के बिना रह ही नहीं पाते और सच कहूं तो यह देख-देखकर मुझे जलन होने लगती है।

केट बीस मिनट बाद पिज्ज़ा लेकर लौटी और हम उस खुली जगह में, सामान के बीच बैठे खाने लगे। केट के पापा ने बड़ा अच्छा घर ले दिया है। तीन बेडरूम और एक लिविंग रूम, हमारे लिए तो बहुत है। वैसे भी ये पाइक प्लेस मार्केट में है इसलिए हम शहर के बीच ही हैं। रसोई और कमरों की साज-सज्जा भी सराहनीय है।

आठ बजे के करीब बाहर की घंटी बजी। केट देखने भागी और मेरा दिल उछल गया।

“डिलीवरी मिस स्टील के नाम!”मैं मायूस हो गई। वह नहीं आया।

“दूसरी मंजिल। दूसरा अपार्टमेंट।”

केट ने उसे अंदर बुला लिया और वह केट को टाइट जींस, टी-शर्ट और खुली लटों वाले जूड़े में देखकर चकित रह गया। अकसर लोग उसकी खूबसूरती के ऐसे ही दीवाने हो जाते हैं। उसके हाथ में एक शैंपेन की बोतल है जिसके साथ हेलीकॉप्टर के आकार का गुब्बारा टंगा है। उसने उसे मुस्कान के साथ विदा दी। और मुझे उस पर लिखा कार्ड पढ़कर सुनाने लगी।

लेडीज़

नए घर के लिए शुभकामनाएं

क्रिस्टियन ग्रे

केट ने हैरानी से सिर हिलाया।

“वह केवल नाम भी तो लिख सकता था। ये बैलून क्या है?”

“चार्ली टैंगो”

“क्या?”

“क्रिस्टियन मुझे अपने साथ इसी हेलीकॉप्टर में लाया था।” मैंने कंधे झटके।

वह मुझे मुंह फाड़े देखती रही। कहना पड़ेगा कि मुझे ऐसे मौके अच्छे लगते हैं। कैथरीन कैवेना के पास बोलने को शब्द न हों! मैंने एक पल तक इन पलों का भरपूर आनंद लिया।

“हां! वह अपना हेलीकॉप्टर खुद ही चला लेता है।” मैंने गर्व से कहा।

“बेशक उस अमीरजादे कमीने के पास चार्ली टैंगो नहीं होगा तो किसके पास होगा। तुमने बताया क्यों नहीं?” केट ने इल्ज़ाम लगाया पर वह साथ ही साथ खुश भी है।

“दिमाग में इतना कुछ चल रहा था कि याद ही नहीं रहा।”

उसने त्योरी चढ़ाई।

“क्या तुम मेरे पीछे से ठीक रहोगी?”

“बेशक। नई नौकरी, नया शहर और नया दोस्त?”

“क्या तुमने हमारा पता दिया था।”

“नहीं, उसके लिए तो ये पता लगाना बाएं हाथ का खेल है।”

केट ने भौं सिकोड़ी।

“वैसे मुझे हैरानी नहीं हुई। एना। वह मुझे चिंता में डाल रहा है। ये एक महंगी शैंपेन है और ठंडी भी है।”

बेशक! केवल वही ठंडी शैंपेन भेज सकता था या फिर सेक्रेटरी या टेलर के हाथों करवाया होगा। हमने उसे खोला तो चाय के कप ही दिखे, जो सबसे आखिर में पैक हुए थे।

बोलिंजर ग्रैंड एनी रोज़ 1999। एक एक्सीलेंट विंटेज! मैंने केट को देखकर दांत निकाले और हमने अपने कप टकराए।

मैं रात की गहरी नींद के बाद तरोताज़ा उठी। सयानी लड़की ने बंद डिब्बों की तरफ ईशारा किया- तुम्हें इन्हें आज खोलना चाहिए। पर अंदर बैठी लड़की कहां सुनती है। वह तो उछाले मार रही है। मैं आज के दिन के बारे में सोचकर उत्साहित हूं। पेट में अजीब-सी खलबली मची है। मैं कल्पना करने की कोशिश कर रही हूं कि वह मेरे साथ कैसे पेश आएगा। बेशक! मुझे उस अनुबंध पर भी हस्ताक्षर करने होंगे। मैंने इनबॉक्स से पिंग का स्वर सुना और मेल देखने आगे आ गई।

फॉर्म: क्रिस्टियन ग्रे

सब्जैक्ट: अंको में बसा मेरा जीवन

डेट: मई 29 2011 08:04

टू: एनेस्टेसिया स्टील

अगर गाड़ी चला कर आओगी तो तुम्हें एस्काला में भूमिगत गैराज में आने के लिए कोड की ज़रूरत होगी। 146963

पांचवीं बे में पार्क करना-यह मेरी ही है।

लिफ्ट के लिए कोड-1880

क्रिस्टियन ग्रे

सीईओ, ग्रे इंटरप्राइजिस होल्डिंग्स, इंक

फॉर्म: एनेस्टेसिया स्टील

सब्जैक्ट: एक एक्सीलेंट विंटेज

डेट: मई 29 2011 08:08

टू: क्रिस्टियन ग्रे

जी सर, समझ गई।

शैंपेन व टैंगो चार्ली के लिए धन्यवाद जो अब मेरे बिस्तर से बंधा है।

एना

फॉर्म: क्रिस्टियन ग्रे

सब्जैक्ट: जलन

डेट: मई 29 2011 08:11

टू: एनेस्टेसिया स्टील

तुम्हारा स्वागत है।

देर मत करना।

लकी चार्ली टैंगो

क्रिस्टियन ग्रे

सीईओ, ग्रे इंटरप्राइजिस होल्डिंग्स, इंक

मैंने उसकी तानाशाही पर आंखें नचाईं पर आखिरी लाइन पर मुस्कुराहट भी आ गई।

मैं हील में ऑडी भी चला सकती हूं। ठीक 12:55 पर एस्काला के गैराज में गाड़ी पार्क कर दी। वहीं उसकी बाकी गाड़ियां भी हैं। मैंने अपनी आंखों में लगाया गया मस्कारा देखा। बीटल में यह देखने के लिए शीशा नहीं था।

चलो जी। अंदर बैठी लड़की दोनों हाथों में पम-पम लिए चीयरलीडिंग के मूड में लग रही है। मैंने रास्ते में अपनी पोशाक पर नज़र मारी। पिछली बार पहनी थी तो वह इसे उतारना चाहता था। दरवाजा खुला और मैं उसके घर पहुंच गई। टेलर वहीं खड़ा है।

“मिस स्टील! हैलो।”

“ओह! मुझे एना कहें।”

“एना। मि. ग्रे आपका इतंज़ार कर रहे हैं।” उसने कहा।

क्रिस्टियन वहीं बैठा रविवार के अखबार देख रहा है। मुझे पूरा कमरा ज्यों का त्यों याद है। वह सफेद लिनन की कमीज और जींस में बड़ा प्यारा लग रहा है। बाल बिखरे हैं और आंखों में दुष्टता से भरी चमक है।

मैं उसकी सुंदरता से अभिभूत होकर वहीं खड़ी रह गई। अचानक ही पूरी देह उसके लिए तरस उठी।

“हम्म…वही ड्रेस! मिस स्टील, आपका स्वागत है।” उसने मेरे होठों पर छोटा-सा चुंबन दिया और मेरी सांस जैसे अटक गई।

“हाय!” मैंने घबराकर कहा।

“तुम सही समय पर हो। मुझे समय की पाबंदी पसंद है। आओ। मैं तुम्हें कुछ दिखाना चाहता हूं।” उसने मेरे हाथ में सिएटल टाइम्स थमा दिया। आठवें पेज पर हम दोनों का वह चित्र है जो हमारे समारोह के दौरान लिया गया था।

क्रिस्टियन ग्रे अपनी मित्र के साथ वैंकूवर के स्नातक समारोह में।

मैं हंसी-“तो अच्छा, अब से हम दोनों दोस्त हैं।”

“हां, दिखता तो यही है। अगर अख़बार में छपा है तो सच ही होगा।” वह दबी हंसी हंसा।

मेरे साथ बैठकर उसने अपना पूरा शरीर मेरी ओर मोड़ लिया और टांग पर टांग रख ली। उसने अपनी लंबी तर्जनी से बालों की लट कान के पीछे कर दी। उसकी छुअन से मेरा शरीर जाग जाता है, उसके इंतज़ार में तड़पने लगता है।

“तो एनेस्टेसिया, तुम अब बेहतर जानती हो कि मैं कौन हूं।

“हां!” वह कहना क्या चाहता है?

मैंने धीमे से हामी भरी। उसने मन ही मन कुछ सोचा।

“तुमने कुछ खाया?”

मर गए।

“नहीं।”

क्या तुम्हें भूख लगी है?

“खाने की नहीं!” उसकी हैरानी देखने लायक थी।

वह मेरे कान में झुककर बोला-“मिस स्टील! हमेशा की तरह अधीर और इससे पहले कि मैं तुम्हें एक राज़ बताऊं। डॉक्टर कुछ ही देर में आने वाली हैं। काश! तुमने कुछ खाया हुआ होता।”

“ओह! मैं तो भूल ही गई थी।”

“तुम मुझे डॉ. ग्रीनी के बारे में क्या बता सकते हो?” मैंने बात का विषय बदला।

“वह सिएटल की सबसे बेहतर महिला-रोग विशेषज्ञ है। और क्या कह सकता हूं?”

“मैंने सोचा कि हम तुम्हारे डॉक्टर से मिल रहे थे और अब यह मत कहना कि तुम्हारी डॉक्टर एक औरत है क्योंकि मैं यकीन नहीं करूंगी।”

“मुझे लगा कि किसी विशेषज्ञ को दिखाना ही बेहतर होगा।”

अगर वह इतनी बड़ी डॉक्टर खासतौर पर मुझे देखने, रविवार को घर आ रही है तो उसे कितना पैसा दिया जा रहा होगा।

“एनेस्टेसिया! मॉम चाहती हैं कि तुम आज मेरे यहां डिनर पर चलो। शायद इलियट ने केट से भी कहा है। पता नहीं तुम्हें कैसा लगेगा? वैसे मुझे तुम्हें अपने परिवार से मिलवाना थोड़ा अटपटा-सा लगेगा।”

अटपटा क्यों?

“क्या तुम मुझसे शर्मिंदा हो?” मैं अपनी पीड़ा को छिपा नहीं सकी।

“बेशक नहीं।”

“तो इसमें अटपटा क्या है?”

“एनेस्टेसिया! मैंने आज तक ऐसा नहीं किया।”

“ऐसा क्यों है कि तुम तो आंखें नचा सकते हो पर मैं ऐसा नहीं कर सकती?”

“वैसे मुझे पता नहीं था पर मैं ऐसे करता भी नहीं हूं।”

अचानक टेलर आ गया।

“डॉक्टर आ गई हैं।”

“उन्हें मिस स्टील का कमरा दिखा दो।”

मिस स्टील का कमरा!

“किसी गर्भनियोजक के लिए तैयार?” उसने मुझसे पूछा और अपना हाथ आगे कर दिया।

“क्या तुम भी साथ आ रहे हो।” मैं हैरान थी।

“वैसे तो मुझे देखना अच्छा लगता पर कोई भी अच्छी डॉक्टर इसकी इजाज़त नहीं देगी।”

उसने मुझे बांहों में भर कर गहरा चुंबन दिया। और हम माथे जोड़कर खड़े रहे।

“मुझे खुशी है कि तुम यहां आईं। मैं तुम्हारे बिना रह नहीं पा रहा…।”