fifty shades of grey novel in Hindi: यहां कितनी शांति है। यहां की बत्तियां मद्धिम हैं। मैं बड़े ही आराम से गरमाहट भरे बिस्तर में हूं। हम्म …मैंने आंखें खोलीं और पल भर के लिए उस अजीब-सी शांतिदायक भावना का आंनद लिया। मुझे कुछ अंदाजा नहीं था कि मैं कहां हूं। मेरे पीछे बने बोर्ड पर बड़ा सा सूरज दिख रहा था। ये तो जाना-पहचाना सा लग रहा है। कमरा काफी बड़ा और हवादार है और इसमें भूरे, सुनहरे और बिस्कुटी रंग का फर्नीचर देखा जा सकता है। मैंने इसे पहले कहीं देखा है। कहां? दिमाग हाल की सुरक्षित यादों के बीच कुछ खंगालने लगा। अरे! मैं तो हीथमैन होटल में हूं… एक सुइट में। मैं तो केट के साथ ऐसे ही एक सुइट में खड़ी हो चुकी हूं। ये उससे बड़ा दिख रहा है। ओह शिट! मैं तो क्रिस्टियन ग्रे के सुइट में हूं। मैं यहां कैसे आई?
पिछली रात की टूटी-फूटी यादें आंखों के आगे मंडराने लगीं और मैं शर्मिंदा होती चली गई। शराब का नशा-नहीं, वह उल्टी, फिर जोस का बर्ताव और फिर ग्रे का आना। मैं अंदर ही अंदर सिकुड़ गई। मुझे ये याद नहीं कि यहां कब आई। मैंने इस समय अपने अंतर्वस्त्रों के साथ टीशर्ट पहन रखी है। हाय! मेरी जींस और जुराबें कहां हैं?
मैंने पास वाले मेज पर नजर मारी। इस पर एक गिलास संतरे के जूस के साथ दो गोलियां एडविल भी रखी हैं। वाह! ये बंदा तो सब जानता है। उसे पता था कि मुझे उठते ही इनकी जरूरत होगी। हालांकि मुझे अपनी तबीयत खराब नहीं लग रही। संतरे का जूस बड़ा स्वादिष्ट था। प्यास भी बुझी और ताजगी का एहसास भी हुआ।
तभी दरवाजे पर आहट हुई। कलेजा उछलकर मुंह को आ गया। ऐसा लगा कि किसी ने मेरी आवाज ही छीन ली हो। वह दरवाजा खोल कर अंदर आ गया।
हाय! लगता है कि कसरत कर रहा था। वह ए
क झूलते हुए सलेटी अनी पजामे में है और साथ ही बिना बांहों की सलेटी टी-शर्ट पहनी है, जो उसके बालों की तरह पसीने से तर है। क्रिस्टियन ग्रे का पसीना; थोड़ा अजीब लगा। मैंने गहरी सांस लेकर आंखें बंद कर लीं। ऐसा लगा मानो मैं दो साल की बच्ची हूं, आंखें बंद करने का मतलब है कि मैं यहां हूं ही नहीं।
“गुड मोर्निंग एनेस्टेसिया! कैसा महसूस कर रही हो?”
“जितना होना चाहिए, उससे कहीं बेहतर।” मैं हौले से बोली
मैंने उसे कनखियों से देखा। उसने कुर्सी पर एक बड़ा सा बैग रखा और गले में पड़े तौलिए के दोनों छोरों को हाथों से थामकर मुझे देखने लगा। कुछ समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या सोच रहा था। उसे अपनी सोच और भावनाएं छिपाना बखूबी आता है।
“मैं यहां कैसे आई?” मैंने हौले से पूछा।
वह बिस्तर के एक कोने में बैठ गया। वह इतना पास था कि मैं उसे छू सकती थी, उसकी गंध ले सकती थी। ओह! पसीने की गंध और क्रिस्टियन के शरीर से आती बॉडीवाश की खुशबू!! ये नशा तो सिर चढ़कर बोलता है। ये मारगरीटा से कहीं बेहतर है और अब तो मैं अपने तर्जुबे से कह सकती हूं।
“जब तुम ढेर हो गई तो मुझे लगा कि तुम्हारे घर तक कार ले जाकर उसकी सीटों को खतरे में डालना ठीक नहीं होगा इसलिए मैं तुम्हें होटल ले आया, जो वहां से ज्यादा दूर नहीं था।”
“क्या तुमने मुझे बिस्तर में लिटाया?”
“हां “
“क्या मैंने और उल्टी की थी?”
“नहीं “
“क्या मेरे कपड़े तुमने उतारे?” मैं बुदबुदाई।
“हां।” उसने मुझे शरमाते देख एक भौं उंची की।
“हमने…? मैंने कहने की कोशिश पर आवाज गले में ही दब गई
“एनेस्टेसिया! तुम शराब के नशे में बेसुध थीं और मैं अपने साथ के लिए ऐसी युवतियों को पसंद करता हूं जो पूरी तरह से सक्रिय और तैयार हों।
“आई एम सॉरी।”
उसके चेहरे पर छोटी-सी मुस्कान खेल गई।
“कल शाम बड़ी भयंकर थी। मैं तो उसे कभी नहीं भूल सकती।”
‘‘मैं भी नहीं” – अरे, ये तो मेरा मजाक उड़ा रहा है। कमीना कहीं का! मैंने तो नहीं कहा था कि मुझे लेने आ जा। कुल मिलाकर लग रहा था कि मैं कल की कहानी की खलनायिका थी।
ये उपन्यास ‘फिफ्टी शेड्स ऑफ ग्रे’ किताब से ली गई है, इसकी और उपन्यास पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर जाएं – fifty shades of grey(फिफ्टी शेड्स ऑफ ग्रे)
“तुम्हें अपने जेम्स बांड के इस्तेमाल आने वाले उपकरणों की मदद से मुझे खोजने की क्या जरूरत थी?” मैंने पलटवार किया। उसने मुझे हैरानी से देखा और अगर मैं गलत नहीं हूं तो शायद उसके दिल को थोड़ी ठेस भी लगी।
“पहले तो फोन के माध्यम से किसी का पता जानने की तकनीक नेट पर उपलब्ध है। दूसरे, मेरी कंपनी किसी भी तरह के जासूसी सामान में न तो निवेश करती है और न ही बनाती है। तीसरे, अगर मैं तुम्हें लेने न आया होता तो बेशक आज सुबह तुम उस फोटोग्राफर के बिस्तर में मिलतीं और इतना तो मैं भी याद रख सकता हूं कि तुम इस कहानी के लिए बिल्कुल तैयार नहीं थीं।” उसके चेहरे पर कड़वाहट थी।
हाय! मैंने होंठ काटने की कोशिश की पर हंसी नहीं रुकी।
“तुम किस मध्यकालीन दरबार के पन्नों से निकलकर आए हो? ऐसा लगता है कि कोई अकडू राजा अपनी शेखी बघार रहा है।”
उसका मूड अचानक बदल गया। आंखों में मुलायमियत के साथ चेहरे पर मीठी सी मुस्कान खिल गई।
“एनेस्टेसिया! मुझे तो ऐसा नहीं लगता। हो सकता है कि मैं दुष्ट राजा रहा होऊं।” उसने उपहासपूर्ण मुस्कुराहट के साथ सिर हिलाया।” कल रात कुछ खाया था?” ऐसा लगा मानो मुझे झिड़की दी जा रही हो। मैंने गर्दन हिला दी। अब मैंने ऐसा कौन सा जुर्म कर दिया? उसने जबड़े भींचे पर चेहरे पर कोई भाव नहीं आने दिए।
“तुम्हें कुछ खाना चाहिए था। तभी तो तुम बीमार पड़ीं। सच कहूं तो शराब पीने से पहले तुम्हें कुछ खाना जरूर चाहिए।” उसने अपने बालों में हाथ फेरा और मैं जानती हूं कि वह उत्तेजित होने पर ऐसा ही करता है।
“क्या तुम मुझे लगातार फटकारते ही रहोगे?”
“क्या मैं ऐसा कर रहा हूं?”
“लगता तो यही है “
“तुम लकी हो कि बस फटकार ही रहा हूं।”
“कहना क्या चाहते हो?”
“अगर तुम मेरी होतीं तो कल जो सीन तुमने क्रिएट किया, उसके बदले में तुम पूरे एक सप्ताह तक बैठने के लायक न रहतीं। तुमने कुछ खाया नहीं, नशे में चूर हो गई और खुद को खतरे में डाला।” उसने आंखें बंद कीं और अपने कंधे झटके। मुझे सोचकर ही बुरा लग रहा है कि तुम्हारे साथ क्या हो सकता था।
मैंने भी उसे घूरा। इसकी परेशानी क्या है? इसे क्या पड़ी है? अगर मैं उसकी…वैसे मैं उसकी नहीं हूं। हालांकि मेरे भीतर का एक हिस्सा उसका होने के लिए तड़प रहा है। उसके शब्दों ने एक अजीब-सी खलबली पैदा कर दी थी। मैं अपने भीतर की उस लड़की की हरकतें देखकर दंग थी-वह उसका होने के ख्याल से ही लाल रंग की छोटी स्कर्ट पहनकर खुशी से झूम रही थी।
“मुझे कोई नुकसान न होता। मैं केट के साथ थी।”
“और वह फोटोग्राफर?” वह मुझ पर झपटा।
हम्म..नादान जोस। मुझे उससे भी निपटना होगा।
“जोस ने हद पार की थी।” मैंने कंधे झटके।
“खैर, अगली बार जब वह हद पार करे तो उसे थोड़ी तमीज सिखानी होगी।”
“तुम काफी अनुशासनप्रिय लगते हो।” मैं फुंफकारी।
“ओह एनेस्टेसिया! तुम्हें बिल्कुल पता नहीं है।” उसकी आंखें सिकुड़ गईं और फिर वह दुष्टता से हंसने लगा। एक ही पल में वह मुझे उलझन में डाल रहा था। गुस्सा दिला रहा था और उसी पल में अपने सम्मोहन में भी जकड़ रहा था। उसकी मुस्कान कितनी दिलकश है। मैं तो ये भी भूल गई कि वह बात क्या कर रहा था।
“मैं नहाने जा रहा हूं। तुम पहले तो नहीं जाना चाहतीं।” उसने अपनी गर्दन झटकी और खीसें निपोरीं। ऐसा लग रहा था मानो किसी ने मेरा दम घोंट दिया हो। उसने उसी तरह मुस्कुराते हुए मेरे गालों और निचले होंठ पर अंगूठा फिराया।” एनेस्टेसिया सांस लो।” वह उठकर बोला। पंद्रह मिनट में नाश्ता लग जाएगा। तुम्हें भूख लगी होगी। वह बाथरूम की तरफ बढ़ा और दरवाजा बंद कर लिया।
मैंने अपनी बड़ी देर की रोकी हुई सांस छोड़ी। ये इतना दिलफरेब क्यों है? दिल में तो आ रहा है कि जाकर उसके साथ नहाने लगूं। आज तक कभी किसी के लिए दिल में ऐसे ख्याल नहीं आए। मेरे हारमोन तेजी से भाग रहे हैं। जहां उसने छुआ था, वह त्वचा उसकी छुअन के लिए तड़प रही है। पूरे शरीर में एक अजीब-सी बेचैनी हो रही है। मैं ये सब समझ नहीं पा रही। हम्म…ये उसे पाने की चाह है। कोरी तड़प। बेशक ये तड़प ऐसे ही जलाती है।
मैं नरम तकियों पर फिर से लेट गई। अगर तुम मेरी होतीं। ओह-मुझे उसका होने के लिए क्या करना होगा? जिंदगी में पहली बार ऐसा मर्द मिला है, जिसने सही मायनों में मेरे भीतर की औरत को जगाया है। माना वह काफी कठोर, जिद्दी और उलझा हुआ है। एक ही पल में झिड़कता है तो दूसरे ही पल किसी किताब के पहले संस्करण भेज देता है। फिर फोन से मेरा पता खोज लेता है। उसके होटल के सुईट में पूरी रात बिताने के बाद भी मैं खुद को सुरक्षित पा रही हूं। वह मेरी इतनी देखरेख करता है कि आधी रात को उठकर मुझे बचाने आ गया कि कहीं मैं किसी मुश्किल में न पड़ जाऊं। वह कोई दुष्ट राजा नहीं बल्कि चमकीली ढाल वाला क्लासिक रुमानी नायक है-सर गावैन या सर लैंसलॉट।
मैंने पलंग से बाहर आकर अपनी जींस की तलाश शुरू की। तभी वह बाथरूम से निकल आया। शेव तो नहीं बनाई पर गीले शरीर पर, कमर में एक तौलिया बंधा है और मैं वहां नंगी टांगों के साथ अकबकाई खड़ी हूं। वह मुझे पलंग से बाहर देखकर हैरान रह गया।
“अगर जींस खोज रही हो तो वह मैंने धोने भेज दी हैं। वह उल्टियों से गंदी हो गई थी।”
“ओह! मेरे चेहरे पर लाली आ गई। वह हमेशा मुझे इस तरह हत्थे से क्यों उखाड़ देता है?”
“मैंने टेलर को तुम्हारे लिए कुछ कपड़े और जूते लाने भेजा था। वे वहां कुर्सी पर बैग में हैं।”
साफ कपड़े। क्या बोनस है।
“उम्म..मैं नहा लेती हूं।” मैं हौले से बोली।
“थैंक्स!” बैग लिया और बाथरूम की ओर झपटी। उससे और कहती भी क्या? मैं जल्द से जल्द अधनंगे खड़े क्रिस्टियन की नजरों से दूर होना चाह रही थी। माइकेल एंजेलो का डेविड तो इसके सामने कुछ भी नहीं!
बाथरूम में चारों ओर भाप और गरमाहट है। मैंने कपड़े उतारे और झट से साफ गर्म पानी के नीचे जा खड़ी हुई। पानी की बौछारों ने शरीर को तरोताजा कर दिया। मैं क्रिस्टियन ग्रे को चाहती थी। दिल से चाहती थी। बस सीधी-सी बात है। जिंदगी में पहली बार किसी पुरुष को देखकर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाने को दिल किया था। मैं उसके मुंह और हाथों को अपने शरीर पर महसूस करना चाहती थी।
उसने कहा कि उसे अपने साथी का पूरी तरह से सचेतन होना पसंद है तो यह कह सकते हैं कि वह ब्रह्मचारी तो कतई नहीं है। लेकिन उसने पॉल या जोस की तरह मुझ पर लाइन मारने की कोशिश भी नहीं की। मुझे समझ नहीं आता। क्या वह मुझे पसंद करता है? उसने पिछले सप्ताह मुझे चुंबन भी नहीं दिया था। अगर मैं उसे पसंद नहीं हूं तो आज मैं यहां, उसके होटल के कमरे में क्या कर रही हूं? वह मुझे यहां क्यों लाया? ये उसका कैसा खेल है? वह क्या सोच रहा है? एना! तुम सारी रात उसके ही बिस्तर में थीं और उसने तुम्हें छुआ तक नहीं। तुम जरा हिसाब तो लगाकर देखो। मेरे भीतर बैठी लड़की ने अपनी भद्दा और बदसूरत चेहरा उठाया और मैंने उसे अनदेखा कर दिया।
पानी कितना आराम दे रहा है। हम्म.. मैं तो सारी जिंदगी इसी बौछार के नीचे बिता सकती हूं। मैंने बॉडी वाश उठाया तो उसकी जानी-पहचानी गंध आई। ये तो बड़ी प्यारी सी खुशबू है। मैंने उसे पूरे शरीर में मल लिया, मन ही मन सोचने लगी कि वह खुद इस झाग को मेरे शरीर के अंगों पर हौले-हौले हाथ फिराते हुए मल रहा है। उसकी लंबी अंगुलियां मेरी छातियों, पेट और शरीर के दूसरे हिस्सों मेें घूम रही हैं। ओह! मेरे दिल की धड़कन तेज हो गई। ये कितना अच्छा लग रहा है… ओह!
“नाश्ता तैयार है।” उसने दरवाजा खटखटाया और मैं चौंक गई।
“अच्छा…।” मुझे मेरे रुमानी सपने से किसी ने झटका देकर जगा दिया था।
मैंने झट से नहा कर दो तौलिए लिए। एक से बालों को कारमैन मिरांडा की तरह लपेट लिया और दूसरे से शरीर को सुखाने लगी। हालांकि तौलिए की छुअन भी भली लग रही थी पर मैं जल्दबाजी में उसका आनंद नहीं ले सकी।
मैंने टेलर के लाए बैग को देखा। टेलर न सिर्फ मेरे लिए नई जींस और जूते लाया था बल्कि उसमें हल्की नीली कमीज, जुराबें और अंतर्वस्त्र भी थे। साफ अंतर्वस्त्रों का जोड़ा। वह भी कोई हल्का नहीं बल्कि वह तो सुंदर डिजाइन वाली यूरोपियन लिंगरी थी। उन पर इतना पैसा लगाने की क्या जरूरत थी? मैं तो उसकी लेस और बुनावट देखकर ही दंग रह गई। वाह। वे तो पूरी तरह से फिट भी आए। मैं यही सोचकर लजा गई कि किस तरह टेलर ने लिंगरी स्टोर में खड़े होकर मेरे लिए ये चीजें ली होंगीं। मैं सोच रही थी कि बेचारे को अपनी नौकरी के लिए क्या-क्या करना पड़ता होगा।
मैंने झट से कपड़े पहने। बाकी कपड़े भी पूरी तरह से फिट थे। मैंने तौलिए से ही बालों को थोड़ा सुखाया और उन्हें काबू करने की नाकामयाब कोशिश की। हमेशा की तरह उन्होंने मेरे काबू में आने से मना कर दिया और यही तय पाया गया कि उन्हें एक पोनीटेल में बांध दिया जाए। हालांकि बालों में बांधने के लिए भी अभी कुछ मेरे पास नहीं था। बेशक पर्स में से कुछ मिलना चाहिए। मैंने गहरी सांस ली। उलझे हुए मि. ग्रे से मुलाकात का समय हो गया था।
जब बाहर आई तो देखकर अच्छा लगा कि कमरा खाली था। मैंने झट से पर्स पर नजर मारी, वह तो कहीं नहीं दिखा। एक और गहरी सांस भरते हुए, सुईट के बड़े कमरे में कदम रखा। ये बहुत बड़ा था। वहां की बैठक में बहुत सुंदर काउच और मुलायम कुशन रखे थे। बड़ी सी कॉफी टेबल पर चमकदार किताबें, लेटेस्ट तकनीक वाले आईमैक के साथ स्टडी एरिया और सामने दीवार पर बड़ा सा प्लाजमा स्क्रीन टीवी देखा जा सकता था। क्रिस्टियन कमरे के दूसरी ओर एक बड़े से डाइनिंग टेबल पर बैठा अखबार पढ़ रहा था। उसका आकार तो टेनिस के कोर्ट जितना होगा, ऐसा है कि मैं टेनिस नहीं खेलती, वैसे मैंने केट को कई बार खेलते देखा है।
“केट!” मैं बोली और क्रिस्टियन ने मेरी ओर ताका।
“वह जानती है कि तुम यहां हो और जिंदा हो।” मैंने इलियट को मैसेज दे दिया है। उसने चेहरे हल्के से हास्य के साथ कहा।
अरे नहीं! मुझे याद है कि कल रात केट कैसे नाच रही थी। बेशक उसके सारे लटके-झटके क्रिस्टियन के भाई को रिझाने के लिए ही थे। वह मेरे यहां रात ठहरने के बारे में जाने क्या-क्या सोचेगी? मैं तो आज से पहले कभी बाहर नहीं रही। वह अब भी इलयिटके साथ है। उसने आज से पहले दो बार ही ऐसा किया है और दोनों बार मुझे पूरा-पूरा हअ ता उसके गुलाबी पजामे को सहना पड़ा है। उसे तो यही लगेगा कि मैं क्रिस्टियन के साथ एक रात बिताने के लिए यहां आई थी।
क्रिस्टियन बड़ी अजीब निगाहों से मुझे देख रहा है। उसने सफेद लिनन की कमीज पहनी है, जिसका कॉलर और कफ दोनों ही खुले हैं।
उसने मेज पर एक ओर संकेत किया-बैठो। मैंने वही किया, जो मुझे कहा गया था। मेज पर खाने की चीजों का ढ़ेर पड़ा है।
“मुझे तो पता नहीं था कि तुम नाश्ते में क्या लेती हो इसलिए ये मंगवाया है।” उसने मुझे थोड़ी टेढ़ी सी मुस्कान दी।
“आपकी बड़ी मेहरबानी।” नाश्ते के मामले में उसकी पसंद ने तो मुझे चौंका कर रख दिया।
मैंने पैनकेक, मेपल सिरप, अंडों की भुर्जी और बेकन लिया। क्रिस्टियन ने अंडों की सफेदी से बने ऑमलेट की ओर वापिस जाते हुए एक दबी मुस्कान दी। खाना स्वादिष्ट था।
“चाय?”
“जी, प्लीज!”
उसने मुझे छोटी-सी चाय की केतली दी जिसमें गर्म पानी था, साथ ही मेरी मनपसंद चाय का बैग भी था। तो उसे याद रहा?
“तुम्हारे बाल तो गीले हैं।” उसने डांटा।
“मुझे बाल सुखाने के लिए ड्रायर नहीं मिला।” मैंने शर्मिंदा होते हुए कहा।
क्रिस्टियन के चेहरे पर गंभीर रेखाएं खिंच गईं पर वह बोला कुछ नहीं।
“कपड़ों के लिए धन्यवाद!”
“एनेस्टेसिया! मुझे खुशी हुई। ये रंग तुम पर फब रहा है।”
मैं लजा कर अपनी अंगुलियों को देखने लगी।
“पता है, वैसे तुम्हें तारीफ लेना भी सीखना होगा।” उसकी आवाज में फटकार है।
“मुझे आपको इन कपड़ों के लिए पैसे देने चाहिए।”
उसने ऐसे घूरा मानो मैं उसे नीचा दिखाने की कोशिश कर रही होऊं। मैंने बात आगे बढ़ाई
“तुमने मुझे पहले ही किताबें दे दी हैं। जो मैं नहीं रख सकतीं पर ये कपड़े… मुझे इनके तो पैसे देने दो।” मैं उसे देखकर मुस्कुराईं।
“एनेस्टेसिया! भरोसा करो। मैं इन पर खर्च कर सकता हूं।”
“ये तो कोई बात नहीं हुई। तुम्हें मेरे लिए इन्हें क्यों खरीदना चाहिए?”
“क्योंकि मैं ऐसा कर सकता हूं। उसकी आंखों में दुष्ट सी चमक थी।”
“तुम कोई काम कर सकते हो इसका मतलब ये तो नहीं कि तुम्हें इसे करना ही चाहिए।” मैंने जवाब दिया और उसने अपनी भौं नचाई। उसकी आंखें चमकने लगीं और अचानक मुझे लगा कि हम किसी और बारे में बात कर रहे थे पर मैं नहीं जानती कि वह क्या बात थी। जिससे मुझे याद आया।
“क्रिस्टियन! मुझे किताबें क्यों भेजीं?” मेरे स्वर में नरमी थी। उसने अपना कांटा और छुरी नीचे रखा और मुझे गहराई से देखा। उसकी आंखें एक अलग ही भावना से चमक रही थीं। हाय! मेरा तो हलक ही सूख गया।
“जब तुम्हें साइकिल वाला कुचल कर जाने ही वाला था और तुम मेरी बांहों में गिर कर-क्रिस्टियन! मुझे चूम लो! क्रिस्टियन मुझे चूम लो जैसी नजरों से देख रही थीं तो… वह थोड़ा रुक कर बोला-मुझे लगा कि तुमसे माफी मांगने के साथ-साथ चेतावनी भी दे देनी चाहिए। उसने अपने बालों में हाथ फिराया। एनेस्टेसिया! मैं रुमानी किस्म के लोगों में से नहीं हूं। मेरी रुचियां बड़ी अलग तरह की हैं। तुम्हें मुझसे परे रहना चाहिए।” उसने अपनी आंखें बंद कर लीं मानो हार गया हो। हालांकि तुममें कोई बात तो है कि मैं खुद को तुमसे दूर नहीं रख पा रहा। वैसे लगता है कि तुमने तो पहले ही उस बात को जान लिया है।
मेरी भूख तो खत्म हो गई थी। वह मुझसे दूर नहीं रह सकता!
“तो दूर मत रहो।” मैं हौले से बोली।
उसकी आंखें हैरानी से और भी फैल गईं। तुम्हें नहीं पता कि तुम क्या कह रही हो
“तो मुझे समझाओ न।”
हम एक-दूसरे को बैठे देख रहे थे और दोनों में से कोई भी खाने को हाथ तक नहीं लगा रहा था।
“तो तुम लड़कियों से परे रहने में तो विश्वास नहीं रखते न…?”
उसकी आंखों में शरारती चमक उभर आई।
“नहीं, एनेस्टेसिया! मैं ऐसा कोई विश्वास नहीं रखता।” उसने कहा और मेरे गाल गुलाबी हो गए। दिमाग ने फिर से काम करना बंद कर दिया। मुझे तो यकीन नहीं आया कि मैंने उससे ये बात इतनी जोर से कैसे कह दी?
“अगले कुछ दिनों के लिए तुम्हारे क्या प्लांस हैं?” उसने धीमे सुर में पूछा।
“मैं आज दोपहर से काम पर जा रही हूं। अभी क्या बजा है?” मैं अचानक भयभीत हो गई।
“अभी तो दस बजे हैं; काफी वक्त है। कल कैसा रहेगा?” उसने मेज पर कोहनियां रखते हुए, लंबी अंगुलियों से चिबुक थाम ली।
“केट और मैं सामान पैक करेंगे। हम अगले सप्ताह सिएटल जा रहे हैं और इस सप्ताह मैं क्लेटन में काम करने वाली हूं।”
“सिएटल में कोई जगह देख ली है?”
“हां।”
“कहां?”
“मुझे पता तो याद नहीं। ये कहीं पाइक मार्केट डिस्ट्रीक्स में है।”
“मेरे यहां से ज्यादा दूर नहीं है।” वह मुस्कुराया। तो सिएटल में क्या काम करोगी?”
ये इतने सारे सवाल क्यों कर रहा है? लगता है इसे भी केट की तरह ज्यादा पूछताछ करने की बीमारी है।
“मैंने कुछ इंटर्नशिप के लिए आवेदन किया है। उन्हीं का इंतजार है।”
“जैसा कि मैंने कहा था, मेरी कंपनी में आवेदन किया?”
“आपकी कंपनी?
“मिस स्टील! मेरा मजाक उड़ा रही हो। उसने अपनी गर्दन एक ओर झटकी, ऐसा लगा मानो उसका दिल बहल रहा हो पर फिर भी कुछ पक्का नहीं कहा जा सकता था। मैं लजा कर अपने नाश्ते को देखने लगी। जब यह इस तरह के सुर में बोलता है तो इसकी आंखों की तरफ देखना लगभग नामुमकिन हो जाता है।
“मैं इस होंठ को काटना पंसद करूंगा।” वह हौले से बोला
मेरी तो सांस वहीं थम गई, मुझे पता ही नहीं था कि मैं अपना निचला होंठ चबा रही हूं और मेरा मुंह खुला का खुला रह गया। आज से पहले किसी ने कभी मुझसे इतनी सेक्सी बात नहीं कही। दिल इतनी तेजी से धड़कने लगा मानो मैं हांफने लगी। मैं अपनी ही सीट पर सिकुड़ कर उसकी आंखों की गहराईयों से बचने की कोशिश करने लगी।
“तो करते क्यों नहीं?” मैंने चुपके से चुनौती दी।
“क्योंकि एनेस्टेसिया! जब तक तुम मुझे ऐसा करने की लिखित अनुमति नहीं देतीं, तब तक मैं तुम्हें छूने वाला नहीं हूं।” उसके होठों पर मुस्कान खेल गई।
“क्या?”
“इसका क्या मतलब है?”
“ठीक वही, जो मैंने कहा।”
उसने आह भरी और सिर झटक कर मेरी ओर देखा। “एनेस्टेसिया! तुम्हें कुछ दिखाना है। आज शाम को तुम्हारा काम कितने बजे खत्म होगा?”
“आठ के करीब।”
“हम आज शाम या अगले शनिवार मेरे यहां डिनर के लिए सिएटल चल सकते हैं और वहीं तुम्हें सारी हकीकत बता दूंगा। फिर जैसी तुम्हारी मर्जी।”
“तुम मुझे अभी क्यों नहीं बता सकते?”
“क्योंकि मैं अपने नाश्ते और तुम्हारे साथ का आनंद ले रहा हूं। एक बार वह बात पता चल जाने के बाद शायद फिर तुम मुझसे मिलना ही न चाहो।”
ये कहना क्या चाहता है? क्या इसके पास ग्रह के किसी हिस्से से लाए गए सफेद गुलाम बच्चे हैं? क्या ये किसी अंडरवर्ल्ड क्राइम सिंडीकेट का हिस्सा है? तभी तो ये इतना अमीर है। क्या वह बड़ा अधार्मिक है? क्या वह नपुंसक है? बिल्कुल नहीं, ये तो वह अभी मेरे सामने साबित कर सकता था। मैं तो इन संभावनाओं पर विचार करते-करते ही पानी-पानी हो गई। ये बातें तो मुझे कहीं नहीं ले जा रहीं। मैं क्रिस्टियन ग्रे नाम की इस पहेली को जल्द से जल्द सुलझाना चाहूंगी। अगर ये कहना चाहता है कि इसका राज जानने के बाद मैं इससे मिलना ही नहीं चाहूंगी तो बेशक यही ठीक होगा। मेरे भीतर बैठी लड़की चिल्लाई-खुद से झूठ मत बोल। ये सब तेरे बस का नहीं है।
“आज रात?”
उसने भौं नचाई।
“तुम भी हव्वा की तरह ज्ञान और जानकारी का फल खाने के लिए कितनी बेचैन दिखती हो।”
“मि. ग्रे! क्या आप मेरा मजाक उड़ा रहे हैं?” मैंने प्यार से पूछा।
उसने अपनी आंखें सिकोड़ीं और जेब से ब्लैकबेरी निकाला। फिर एक नंबर बटन दबाया।
“टेलर! मुझे चार्ली टैंगो चाहिए।”
वह मुझसे दूर नहीं रह सकता!
चार्ली टैंगो। अब ये कौन है?
“पोर्टलैंड से, हां, बीस तीस…नहीं एस्काला रहेगा। रात को।”
सारी रात।
“हां। कल सुबह बुलाने पर। मैं पोर्टलैंड से सिएटल तक चला लूंगा।”
“पायलट?”
“बाइस तीस से स्टैंडबाय पायलट?” उसने फोन नीचे रख दिया। न दुआ, न सलाम।
“क्या लोग हमेशा वही करते हैं, जो तुम कहते हो?”
“हां, अगर उन्हें अपनी नौकरी बचानी है।” उसने साफ लहजे में कहा।
“और अगर वे तुम्हारे लिए काम नहीं करते?”
“ओह! एना, मुझे काम निकलवाना आता है। तुम्हें पहले अपना नाश्ता खत्म करना चाहिए। फिर मैं तुम्हें तुम्हारे घर छोड़ दूंगा। मैं तुम्हें आज क्लेटन से आठ बजे ले लूंगा। हम मेरे हेलीकॉटर से सिएटल जाएंगे।”
मैं उसे देखकर लगातार पलकें झपकाती रही।
“उड़ान से?”
“हां “
“क्यों?”
वह दुष्टता से मुस्कुराया, “क्योंकि मैं ऐसा कर सकता हूं। पहले नाश्ता खत्म करो।”
अब मैं कैसे खा सकती हूं? मैं क्रिस्टियन ग्रे के साथ उसके हेलीकॉप्टर में सिएटल जाने वाली हूं और वह मेरा होंठ काटना चाहता है …मैं इस सोच से भीतर ही भीतर सिकुड़ गई।
“खाओ! इस बार और तेज आवाज आई। एनेस्टेसिया! मुझे झूठन बचाने से सख्त नफरत है।”
“मैं ये सारा नहीं खा सकती।” मैंने मेज पर बचे खाने को देखकर कहा।
“अपनी प्लेट का खाना खत्म करो। अगर तुमने कल रात सही तरह से खाया होता तो तुम यहां न होतीं और मुझे ये सब इतनी जल्दी न बताना पड़ता।” उसके चेहरे पर एक उदासी भरी रेखा खिंच गई। वह गुस्से में दिखा।
मैंने भौं नचाई और अपना ठंडा हो चुका खाना खत्म करने की जी तोड़ कोशिश करने लगी। क्रिस्टियन मैं इस समय इतनी उत्तेजित हूं कि ये खाना मेरे अंदर नहीं जा रहा। तुम समझते क्यों नहीं? मेरे भीतर की लड़की ने अपनी सफाई दी। लेकिन वह जिस तरह छोटे बच्चे की तरह मुंह फुलाए बैठा था, उसके सामने अपनी सफाई देने की हिम्मत ही नहीं हुई। छोटा बच्चा, वाह मुुझे ये सोच पसंद आई।
“इसमें इतना मजाकिया क्या है?” ओह! शायद मेरी हंसी उस तक पहुंच गई थी। मैंने किसी तरह पैनकेक का आखिरी टुकड़ा निगला और उसे झांका। वह मुझे ही घूर रहा था।
“गुड गर्ल। वह बोला। तुम बाल सुखा लोगी तो मैं तुम्हें घर छोड़ दूंगा। मैं नहीं चाहता कि तुम बीमार पड़ो।” उसके इन शब्दों में कितने भाव छिपे थे। वह कहना क्या चाहता है? मैंने सोचा कि मेज से उठने से पहले उसकी इजाजत लूं पर फिर ठिठक गई। उठकर सीधा बेडरूम में गई और एक ख्याल ने मेरे कदम वहीं रोक दिए।
“कल रात तुम कहां सोए थे?”
मैंने उससे पूछा। मुझे तो वहां कोई कंबल या चादर नहीं दिख रहे थे। हो सकता था कि उसने उन्हें सहेज दिया हो।
“अपने बिस्तर में।” उसने आसानी से कहा
“ओह “
“हां! बेशक मेरे लिए भी नई सी बात थी।”
“…और वहां सेक्स… नहीं…।” मैंने लजाते हुए कहा।
“नहीं, उसने गर्दन हिलाई। किसी के साथ अपने बिस्तर में सोना एक नई बात थी।” फिर वह अपना अखबार उठाकर पढ़ने लगा।
ये आदमी कहना क्या चाहता है? क्या ये कभी किसी के साथ नहीं सोया? क्या ये कुंआरा है? लगता तो कुछ यही है। मैं वहीं खड़ी उसे अविश्वास से घूरती रही। मैं तो आज तक ऐसे रहस्यमयी इंसान से नहीं मिली और मुझे पता चला है कि मैं ग्रे के साथ सोई थी। काश! मैं उसे सोता हुआ देख पाती। खैर, आज सब साफ हो ही जाएगा।
उसके कमरे में मैंने यहां-वहां दराजों में हाथ मारा और मुझे ड्रायर मिल गया। मैंने अपनी अंगुलियों से बाल सुलझाते हुए उन्हें सुखाने की भरपूर कोशिश की। मैं अपने दांत साफ करने के लिए बाथरूम में गई तो वहां ग्रे का ब्रश दिख गया। अरे, इससे ब्रश करने का मतलब होगा…। मैंने कनखियों से बाहर झांका और उसके ब्रश को मुंह से लगा लिया। वह गीला है इसका मतलब है कि उसने इसका इस्तेमाल कर लिया है। मैंने झट से उस पर पेस्ट लगाया और फट से दांत साफ किए। सच ऐसी शरारत करने में बड़ा मजा आया।
मैंने कल के मैले कपड़े वहां से उठाए और खाली बैग में डाल लिए। फिर मैं बाहर आकर अपना पर्स और जैकेट खोजने लगी। वाह! बालों के लिए पर्स में एक बैंड भी मिल गया। क्रिस्टियन मुझे बड़ी हैरानी से बाल बांधते देखता रहा। वह फोन पर किसी से बात कर रहा था।
“वे दो चाहते हैं?… उनकी कितनी कीमत होगी?…ओ के, हमें कौन से सुरक्षा संसाधन मिलेंगे?…. वे स्वेज के रास्ते जाएंगे …? बेन सूडान कितना सुरक्षित है?… वे डारफर कब पहुंचेंगे? …… ठीक है, यही करते हैं। मुझे साथ-साथ बताते रहना।” उसने फोन रख दिया।
“चलने के लिए तैयार?”
मैंने हामी भरी। मैं सोच रही थी कि वह क्या बात कर रहा था। उसने एक नीली लाइनों वाली जैकेट पहनी, कार की चाबियां लीं और दरवाजे की ओर बढ़ गया।
“मिस स्टील! पहले आप। वह दरवाजा खोल कर खड़ा था।
मैंने रुककर एक बार उसे जी भर कर देखा। कल रात मेरी शराब और उल्टियों के बाद मैं उसके बिस्तर में थी और अब वह मुझे अपने साथ सिएटल ले जाना चाहता है। मुझे ही क्यों? मैं समझ नहीं पा रही। मैं दरवाजे की तरफ बढ़ी तो उसके शब्द याद आए- तुममें कुछ तो बात है ….।
खैर मि. ग्रे! यहां भी यही हाल है पर मैं तुम्हारा राज जानने को भी बेचैन हूं।
हम लिफ्ट की ओर बरामदे में चुपचाप चलते रहे और वह कनखियों से मुझे देखता रहा। लिफ्ट में हम दोनों के सिवाए कोई नहीं था और शायद उसी एकांत ने वहां के माहौल को एक नए ही रंग में बदल दिया।
मेरी सांसें तेज हो गईं और दिल तेजी से धड़कने लगा। उसने पल भर के लिए मुझे देखा और उसके मुंह से निकला-
भाड़ में जाए कागजी कारवाई!!!
फिर अचानक ही उसने मुझे जकड़ लिया। मेरे दोनों हाथ लिफ्ट की दीवार से टिके थे और हमारे होंठ आपस में मिल गए थे। उसने मुझे इस तरह से काबू कर लिया कि मैं चाह कर भी उसे छू नहीं सकती थी। ओह! क्रिस्टियन ग्रे, ग्रीक देवता! वह मुझे चाहता है और मैं उसे चाहती हूं। ओह! यहां आज इस लिफ्ट में।
“तुम कितनी प्यारी हो।” उसने एक-एक शब्द को हौले से कहा।
तभी लिफ्ट रुकी और वह उछलकर मुझसे परे हो गया। दरवाजा खुलते ही तीन लोग बिजनेस सूट पहने अंदर दाखिल हुए। हमें हल्की सी मुस्कान देकर खड़े हो गए। ऐसा लग रहा था कि कलेजा उछलकर बाहर आने वाला है। मैं चाहती थी कि झुककर अपने कांपते घुटनों को सहारा दे दूं, पर सबके सामने कैसे?
मैंने उसे देखा। वह तो बड़े मजे से ऐसे खड़ा था मानो अभी तक सिएटल टाइम्स की पहेली हल कर रहा था। कितनी गलत बात है । क्या उसे सचमुच मेरे होने या न होने से कोई फर्क नहीं पड़ता। उसने मुझे कनखियों से देखकर एक गहरी सांस छोड़ी तो मुझे एहसास हुआ कि उस पर भी असर हुआ। मेरे भीतर बैठी लड़की सांबा नाच करने लगी। तभी वे सभी लोग दूसरी मंजिल पर उतर गए। हमें अभी और नीचे जाना था।
“तुमने दांत साफ किए?” उसने मुझे घूरा।
“मैंने तुम्हारा टूथब्रश लिया था।”
उसके होठों पर आधी मुस्कान खेल गई।” ओह एनेस्टेसिया स्टील, मैं तुम्हारा क्या करुं?”
दरवाजा खुलते ही वह मुझे हाथ थाम कर बाहर ले गया।
“पता नहीं इन लिफ्टों में ऐसी क्या खूबी है?” शायद उसने खुद से ही कहा। वह लॉबी की ओर लंबे डग भरने लगा। मैंने उसके साथ चलने की भरपूर कोशिश की क्योंकि थोड़ीदेर पहले होटल हीथमैन की लिफ्ट नंबर तीन में मैं अपनी सारी जान निकाल आई थी। अब चलने की हिम्मत ही किसमें बची थी!
