Women’s Day Special: इक्कीसवीं सदी की महिला अब सारी बेड़ियां तोड़कर रोज नए आयाम गढ़ रही है। हर क्षेत्र में अपनी धमक बनाए हुए हैं, राष्ट्रीय -अंतरराष्ट्रीय स्तर पर। अब महिलाएं सभी रूढ़िवादी सोच को पीछे छोड़ते हुए घर से बाहर आ रही हैं। समाज द्वारा बनाए गए महिला-पुरुष के अंतर को नकारते हुए आगे बढ़ रही हैं। पहले के समय बिजनेस पुरुषों के लिए होते थे या इस काम को केवल वही कर सकते हैं जैसी सोच को बदल दिया है। महिलाएं अब उधम के क्षेत्र में इतिहास रच रही हैं। सिर्फ देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी उनकी काबिलियत और जज्बे की बात हो रही है। आज इस लेख में उन महिलाओं के बारे में जानेंगे जिन्होंने अपने दम पर बिजनेस को खड़ा किया और उसे सफलता की ऊंचाइयों पर ले गईं।
रोशनी नाडर

यह देश की सबसे अमीर महिला हैं। यह तमगा इन्हें 2020 में मिला। रोशनी एचसीएल कॉरपोरेशन की सीईओ और एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर हैं और इनका पूरा नाम रोशनी नाडर मल्होत्रा है। 2020 में कोटक वेल्थ व हुरुन इंडिया ने भारत की सबसे धनी और एक्टिव महिलाओं की सूची तैयार की थी जिसमें 54850 करोड़ की कुल संपत्ति के साथ रोशनी नाडर मल्होत्रा ने टॉप पर जगह बनाई।
रोशनी किसी भी आईटी कंपनी को लीड करने वाली पहली महिला हैं। इसके अलावा इन पर शिव नाडर फाउंडेशन के ट्रस्ट की भी जिम्मेदारी है। रोशनी को एचसीएल की बागडोर अपने पिता और एचसीएल के संस्थापक शिव नाडर से मिली लेकिन रोशनी ने इसकी सफलता को बनाए रखने के साथ ही नई बुलंदियों पर अपनी मेहनत से पहुंचाया।
राधिका अग्रवाल

राधिका अग्रवाल का नाम आपने भले ना सुना होगा लेकिन आपने शॉपक्लूज का नाम जरूर सुना होगा। यह एक ई-कॉमर्स साइट है, जहां से आपकी जरूरत के सभी समान उपलब्ध हैं। राधिका अग्रवाल इसी ऑनलाइन मार्केटप्लेस शॉपक्लूज की सह-संस्थापक हैं। वह यूनिकॉर्न क्लब में प्रवेश करने वाली पहली भारतीय महिला हैं। उनकी सफलता ही अन्य उद्यमियों और युवाओं को स्टार्टअप में आने के लिए प्रेरित कर रही है।
अब तो ऑनलाइन युवाओं के बिजनेस का सबसे बड़ा अखाड़ा बन गया है, जहां युवा आपस में लड़ने के बजाय एक-दूसरे को सहयोग कर और एक-दूसरे से प्रेरित होकर आगे आ रहे हैं। तभी तो राधिका की कंपनी में युवाओं को जॉब पर रखने में काफी प्राथमिकता दी जाती है। इन्होंने वाशिंगटन विश्वविद्यालय से एमबीए की डिग्री और गोल्डमैन सैक्स और नॉर्डस्ट्रॉम जैसी बड़ी कंपनियों के साथ काम किया। लेकिन शुरू से अपना कुछ करना था तो सारे बड़े ऑफर छोड़ कर शॉपक्लूज़ शुरू किया। 2016 में आउटलुक ने इन्हें बिजनेस वुमन ऑफ वर्थ अवार्ड से सम्मानित किया था।
श्रद्धा शर्मा

इन्हें भारत की डिजिटल कहानी वक्ता अर्थात डिजिटल स्टोरीटेलर कहा जाता है। श्रद्धा योरस्टोरी नाम का ऑनलाइन वेंचर चलाती हैं जिसमें सक्सेसफुल बिजनेस पर्सन या कुछ अलग करने वालों की कहानी बयां की जाती है।
बिहार जैसे पिछड़े राज्य से आकर अन्य उद्यमियों की कहानी सुनाने को बिजनेस बनाना एक बहुत रिस्की आइडिया था, वह भी 2008 के समय में जब स्मार्टफोन घर-घर की बात नहीं थे। लेकिन उन्होंने टाइम्स ऑफ इंडिया में एक ब्रांड सलाहकार की जॉब छोड़कर 2008 में योरस्टोरी शुरू की जहां वह दूसरे लोगों की सफलता की कहानियां सुनाती है और दूसरों की सफलता की कहानियां सुनाते-सुनाते श्रद्धा खुद सफल हो गईं। योरस्टोरी आज 12 भाषाओं में कहानी सुनाती है। हाल ही में रतन टाटा, वाणी कोला, कार्तिक मदसामी और टी वी मोहनदास पाई जैसे बड़े उद्योगपतियों ने योरस्टोरी में इन्वेस्ट किया है।
ऋचा कार

ऋचा देश की उभरती हुई बिजनेस वुमेन में से एक है। जीवामे को बहुत ही कम समय में ब्रांड बनाने का श्रेय अगर किसी को जाता है तो वह है केवल जिवामे सीईओ ऋचा कार को। इनकी कहानी स्पेशल इसलिए भी है क्योंकि जिस देश में अंडरगारमेंट्स उर्फ पेंटी और ब्रा (खासकर महिलाओं के) पर बात करना भी बेशर्मियत मानी जाती है उस देश में उसका बिजनेस करने के बारे में सोचना, काफी बोल्ड फैसला है।
आज भी महिलाएं मार्केट में हिचक से ही अंडरगारमेंट्स मांगती है और ज्यादा जांच किए बिना सीधे खरीद लेती हैं। इसी शर्म को तोड़ने के लिए रिचा ने जिवामे शुरू किया क्योंकि उसने अपनी मां को भी अंडरगारमेंट्स की शॉपिंग करते वक्त हिचकिचाते हुए देखा था। इस फैसले के खिलाफ तो शुरुआत में उसकी मां ही खड़ी हो गईं। उनके पिता को तो समझ ही नहीं आया कि वो कौन सा काम करना चाहती हैं। शुरुआत में तो लोगों ने भी उनके बिजनेस आइडिया का मजाक उड़ाया। लेकिन वह अपने इरादे में पक्की थीं, क्योंकि उनको मालूम था कि ये बिजनेस चलेगा।
उन्होंने बचपन से ही महिलाओं को अंडरगारमेंट्स खरीदते वक्त शर्माते हुए देखा। जिवामे की सफलता का अंदाजा आप इसी से लगा सकती हैं कि आज हर मिनट में एक अंडरगारमेंट्स जिवामे पर बिकता है। ऋचा अपने बिजनेस के लक्ष्य को लेकर पूरी तरह से साफ हैं कि उन्हें महिलाओं को हर हाल में सही साइज का अच्छा अंडरगारमेंट उपलब्ध कराना है। उनकी कंपनी जिवामे में 5 हजार लॉन्जरी स्टाइल, 50 ब्रांड और 100 साइज उपलब्ध हैं। कंपनी ने हाल ही में ट्राई एट होम का विकल्प भी ग्राहकों को दिया है। आज जिवामे में 270 करोड़ रुपये की कंपनी है।
ईशा अंबानी

अंत में बात करते हैं 4G इंटरनेट का आइडिया देने वाली ईशा अंबानी की जो देश की सबसे कम उम्र की महिला अरबपति भी हैं। मुकेश अंबानी की बेटी रिलायंस जियो में काफी अहम पद पर काबिज हैं। आने वाले सालों में उसने भारत को ही नहीं पूरी दुनिया को काफी उम्मीदे हैं। ईशा ने अमेरिका की येल यूनिवर्सिटी से साइकोलॉजी में पढ़ाई पूरी की है। जब ईशा ग्रेजुएशन कर रही थीं तब उन्होंने अपने पिता मुकेश अंबानी को सलाह दी कि किसी भी टेक्नोलॉजी को स्मूथ चलाने के लिए 4G इंटरनेट ब्रॉडबैंड बेहद जरूरी है। फिर क्या था…दिसंबर 2015 में Jio 4G इंटरनेट भारत में लॉन्च हो गया और पूरे देश के दूरसंचार मार्केट में काबिज।