Wedding
Pre-Wedding Ceremony Credit: Istock

भारत में शादी समारोह किसी त्‍योहार से कम नहीं होता। दोस्‍त, रिश्‍तेदारों के साथ ढोल-नगाड़े पर थिरकना, स्‍वादिष्‍ट व्‍यंजनों का स्‍वाद चखना, मस्‍ती, आतिश्‍बाजी और चकाचौंध से भरी इंडियन वेडिंग हर किसी के लिए एक सपने जैसी होती है। शादी केवल एक नए रिश्‍ते की शुरूआत नहीं होती बल्कि नई पीढ़ी को पुराने रीति-रिवाजों से जोड़े रखने का एक माध्‍यम भी होती है। शादी के दौरान पारंपरिक रीति-रिवाजों और मंत्रों के साथ वर-वधू सात जन्‍म के बंधन में बंधने की कसमें खाते हैं। हालांकि धर्म और समुदाय के अनुसार शादी की रस्‍में और नियम अलग-अलग हो सकते हैं। लेकिन कुछ रस्‍में ऐसी हैं जो हर धर्म में एक समान पूरी धूमधाम से मनाई जाती हैं। शादी से पहले निभाई जाने वाली रस्‍में यानी प्री-वेडिंग रिचुअल्‍स दूल्‍हा-दुल्‍हन के लिए बेहद खास होती हैं। आजकल इन रस्‍मों को मॉर्डन टच देकर आकर्षक और यादगार बनाया जाता है। तो चलिए जानते हैं शादी से पहले की रस्‍मों के बारे में जो आपके रिश्‍ते को प्‍यार और विश्‍वास से भर देती हैं।

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रोका

शादी की रस्‍में
Roka Ceremony

भारत में प्री-वेडिंग रिचुअल्‍स की शुरुआत रोका समारोह से होती है। इस रस्म के माध्‍यम से रिश्‍ता पक्‍का किया जाता है, जो कि पूरी तरह से निजी कार्यक्रम होता है। इसमें रिश्‍तेदारों और करीबी दोस्‍तों को शामिल किया जा सकता है। इस रस्‍म के तहत दुल्‍हे वाले दुल्‍हन के घर जाकर शगुन और मिठाई देते हैं और शादी की तारीख फाइनल करते हैं। वैसे तो रोका कार्यक्रम हर समाज में एक समान ही होता है लेकिन शहर और समुदाय अलग-अलग होने की वजह से इसके नियमों में अंतर देखा जा सकता है।

लगन पत्रिका

रोका कार्यक्रम के बाद बारी आती है लगन पत्रिका की। भारत में किसी भी कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार करने से पहले तारीख सुनिश्चित की जाती है। जिसके लिए शुभ मुहूर्त निकाला जाता है। लग्‍न पत्रिका एक सदियों पुरानी वैदिक रस्‍म है जो विवाह की तारीख की घोषणा करती है। लगन पत्रिका तैयार करने के लिए घर में पुजारी को आमंत्रित किया जाता है और वे परिवार व मेहमानों के सामने जोड़े की लग्‍न पत्रिका का पाठ करते हैं। ये रस्‍म सगाई से पहले ही पूर्ण की जाती है। लग्‍न पत्रिका में अंकित शादी के कार्यक्रमों और तारीख के अनुसार तैयारी शुरू की जाती है।

सगाई

शादी की रस्‍में
Engagement

शादी का मुख्‍य कार्यक्रम होता है सगाई। सगाई का कार्यक्रम काफी भव्‍य होता है जिसमें सभी करीबी रिश्‍तेदारों और दोस्‍तों को शामिल किया जाता है। इस रस्‍म में दूल्‍हा-दुल्‍हन अंगूठियों का आदान-प्रदान करते हैं और हमेशा के लिए एक साथ रहने का वादा करते हैं। इस दौरान घर के बड़े-बुजूर्ग वर और वधू को आर्शीवाद देते हैं। सगाई का कार्यक्रम शादी के कुछ दिन पहले आयोजित किया जाता है।

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गणेश पूजा

कोई भी हिंदू पूजा या शादी की रस्‍म भगवान गणेश का आर्शीवाद लिए बिना पूरी नहीं होती। शादी के कार्यक्रमों की शुरुआत करने से पहले वर-वधु के घर में गणेश पूजा की जाती है। ये पूजा शादी से लगभग 4 दिन पहले की जाती है जिसके बाद लड़के और लड़की को घर से बाहर न जाने की हिदायत दी जाती है। माना जाता है कि ये पूजा कपल्‍स के जीवन में सौभाग्‍य और खुशहाली का प्रतीक होती है।

तिलक

शादी की रस्‍में
Tilak

ये प्री-वेडिंग सेरेमनी भारतीय शादी का सबसे अहम और मजेदार हिस्‍सा है। ये रस्‍म विशेष रूप से दूल्‍हे के लिए बनाई गई है। इस रस्‍म को पूरा करने के लिए दुल्‍हन के परिवार वाले दूल्‍हे के घर जाते हैं और उसे आर्शीवाद व तोहफे देते हैं। सामान्‍यतौर पर इस रस्‍म में दुल्‍हन के पिता या भाई दूल्‍हे को तिलक करके पान खिलाते हैं। दूल्‍हे को तिलक करने के बाद दोनों परिवारों के सदस्‍य एक-दूसरे को मिठाई खिलाते हैं और तोहफे का आदान-प्रदान करते हैं।

हल्‍दी

हल्‍दी सेरेमनी शादी का अहम कार्यक्रम होता है। ये रस्‍म शादी से दो दिन पहले आयोजित की जाती है। इस रस्‍म को वर और वधु दोनों के घर में निभाया जाता है। इसमें दूल्‍हा और दुल्‍हन के पूरे शरीर पर हल्‍दी का पेस्‍ट लगाने की परंपरा है। माना जाता है कि शरीर पर हल्‍दी लगाने से वर-वधु रोगों से दूर रहते हैं और उनमें निखार आता है। हल्‍दी के पेस्‍ट को दूध और गुलाब जल से तैयार किया जाता है। इसके अलावा हल्‍दी को शुभ माना जाता है इसलिए प्री-वेडिंग सेरेमनी में इसका अहम रोल होता है।

संगीत

शादी की रस्‍में
music

शादी का सबसे मजेदार इवेंट होता है संगीत। पहले ये कार्यक्रम वर-वधु के घर में अलग-अलग किया जाता था लेकिन कार्यक्रम को यादगार और आकर्षक बनाने के लिए अब इसे दूल्‍हे और दुल्‍हन के परिवार के सदस्‍य एक साथ करना पसंद करते हैं। संगीत में परिवार, रिश्‍तेदार और दोस्‍त मिलकर शादी से संबंधित गीत गाते हैं और कई डांस प्रस्‍तुतियां भी की जाती हैं। वर्तमान में इस रस्‍म को निभाने के लिए निजी क्‍लबों या होटलों को बुक किया जाता है। कार्यक्रम का मुख्‍य आकर्षण दूल्‍हा और दुल्‍हन की डांस परफॉर्मेंस होती है। संगीत कार्यक्रम में सभी को डांस करने का मौका मिलता है। इसके लिए हफ्तों पहले से तैयारी की जाती है।

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मेहंदी

मेहंदी की रस्‍म बहुत ही खास होती है, जिसका हर दुल्‍हन को बेसब्री से इंतजार होता है। ये रस्‍म दूल्‍हा और दुल्‍हन दोनों के घर में आयोजित की जाती है। इस रस्‍म में दुल्‍हन के लिए मेहंदी दूल्‍हे के घर से आती है, जिसे थाल में गुलाब के पत्‍तों और सेंट से सजाया जाता है। मेहंदी कार्यक्रम में दुल्‍हन के हाथों और पैरों पर मेहंदी से खूबसूरत डिजाइन बनाया जाता है। हिंदू मान्‍यता के अनुसार मेहंदी का गहरा रंग दुल्‍हन के प्रति दूल्‍हे के प्रेम का प्रतीक होता है। पहले केवल घर के सदस्‍यों द्वारा दुल्‍हन को मेहंदी लगाई जाती थी लेकिन अब मेहंदी आर्टिस्‍ट को बुक किया जाता है। मेहंदी समारोह में घर के सदस्‍य और दुल्‍हन की सहेलियां शानदार डांस भी करती हैं। मेहंदी के डिजाइन में दूल्‍हे का नाम विशेष तौर पर शामिल किया जाता है।

भात

शादी में एक खास रस्‍म भी होती है जो दूल्‍हे या दुल्‍हन के मामा पक्ष द्वारा पूरी की जाती है। शादी से पहले वर-वधु के मामा द्वारा भात भरे जाने की रस्‍म है। इस रस्‍म में मामा का बड़े धूमधाम से स्‍वागत किया जाता है और मामा अपने भांजे या भांजी को उपहार और आर्शीवाद देते हैं। पंजाबी समाज में मामा द्वारा कलीरें देने और पहनाने का रिवाज भी है।