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Bitter Gourd Vastu: वास्तु शास्त्र के अनुसार, किसी भी पौधे को घर में सही दिशा में लगाना अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। हर पौधे की अपनी ऊर्जा होती है, जो व्यक्ति और उसके परिवार के जीवन पर असर डाल सकती है। करेले का पौधा, जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है, लेकिन वास्तु शास्त्र में इसे घर में लगाने के लिए कुछ दिशाओं में अशुभ माना गया है। विशेष रूप से उत्तर-पूर्व, दक्षिण, पश्चिम और ईशान कोण में करेले का पौधा लगाना नकारात्मक प्रभाव उत्पन्न कर सकता है। आइए, जानते हैं कि वास्तु शास्त्र के अनुसार किन दिशाओं में करेले का पौधा नहीं लगाना चाहिए और इसके पीछे क्या कारण हैं।

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उत्तर-पूर्व दिशा में करेले का पौधा क्यों नहीं लगाना चाहिए?

वास्तु शास्त्र में उत्तर-पूर्व दिशा (ईशान कोण) को घर की सबसे शुभ दिशा मानी गई है, जो सकारात्मक ऊर्जा और शुभता का प्रतीक होती है। इस दिशा में धार्मिक कार्य, पूजा-पाठ और ध्यान के लिए स्थान रखना लाभकारी माना जाता है। उत्तर-पूर्व दिशा में करेले का पौधा लगाने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। वास्तु के अनुसार, करेले जैसे पौधों को इस दिशा में रखने से मानसिक अशांति, कलह, और आर्थिक समस्याओं की संभावना बढ़ सकती है। इसलिए, इस दिशा में केवल शुभ फलदायी पौधे ही लगाए जाने चाहिए ताकि घर में सकारात्मक ऊर्जा और सुख-समृद्धि का वास हो।

दक्षिण दिशा में करेले का पौधा क्यों है अशुभ?

दक्षिण दिशा को वास्तु शास्त्र में यमराज की दिशा मानी जाती है और यह दिशा आमतौर पर अशुभ मानी जाती है। इस दिशा में करेले का पौधा लगाने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ सकता है। ऐसा करने से परिवार के सदस्यों के बीच कलह-कलेश और अशांति का वातावरण बन सकता है। वास्तु के अनुसार, दक्षिण दिशा में करेले का पौधा आर्थिक स्थिति को कमजोर कर सकता है, जिससे घर की आर्थिक स्थिरता प्रभावित हो सकती है। साथ ही, यह पौधा मान-सम्मान और प्रतिष्ठा पर भी नकारात्मक असर डाल सकता है, जिससे परिवार की सामाजिक स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।

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पश्चिम दिशा में करेले का पौधा क्यों नहीं लगाना चाहिए?

वास्तु शास्त्र में पश्चिम दिशा को वरुण देवता की दिशा माना गया है, जो जल, धन और समृद्धि से जुड़ी है। यह दिशा घर में धन और खुशहाली के संचार के लिए महत्वपूर्ण होती है। लेकिन, पश्चिम दिशा में करेले का पौधा लगाने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह हो सकता है। इससे परिवार के सदस्यों को आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है और धन का अभाव महसूस हो सकता है। इसलिए, यह दिशा समृद्धि के प्रतीक के रूप में मानी गई है और यहां करेले जैसे पौधों को लगाने से परिवार में मानसिक तनाव और आर्थिक परेशानियों की संभावना बढ़ जाती है।

ईशान कोण में करेले का पौधा क्यों है अशुभ?

ईशान कोण वास्तु शास्त्र में देवताओं की दिशा मानी गई है और इसे पवित्र और शुभ कार्यों के लिए सर्वोत्तम माना गया है। इस दिशा में धार्मिक कार्य और पूजा-पाठ करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जो सुख-शांति और समृद्धि को बढ़ाता है। लेकिन, इस पवित्र दिशा में करेले का पौधा लगाने से नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न हो सकती है, जो घर के वातावरण में अशांति फैला सकती है। ईशान कोण में केवल सकारात्मक ऊर्जा देने वाले पौधों को लगाने की सलाह दी जाती है ताकि घर में सदैव सुख और समृद्धि बनी रहे।

मैं आयुषी जैन हूं, एक अनुभवी कंटेंट राइटर, जिसने बीते 6 वर्षों में मीडिया इंडस्ट्री के हर पहलू को करीब से जाना और लिखा है। मैंने एम.ए. इन एडवर्टाइजिंग और पब्लिक रिलेशन्स में मास्टर्स किया है, और तभी से मेरी कलम ने वेब स्टोरीज़, ब्रांड...