Study Room Vastu: लगभग सभी राज्यों में फरवरी महीने से 10वीं और 12वीं बोर्ड की परीक्षाएं शुरू हो जाएंगी। ऐसे में पढ़ाई की तैयारी करने के लिए बच्चों के पास बहुत कम समय बचा है। वर्तमान समय में शिक्षा क्षेत्र में बढ़ती प्रतियोगिता में जितनी तैयारी की जाए कम ही लगती है। इसलिए बच्चे परीक्षा की तैयारी में जुट गए हैं। वहीं कुछ बच्चों की समस्या यह रहती है कि परीक्षाएं नजदीक होने के बावजूद भी पढ़ाई में उनका मन नहीं लग पाता या पढ़ाई में एकाग्रता नहीं होती, पढ़ी हुई चीजों को याद रख पाना मुश्किल होता है। पढ़ाई को लेकर इस प्रकार के तनावों के उत्पन्न होने के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन एक कारण वास्तु दोष भी हो सकता है। अगर आपके बच्चे के साथ भी ऐसी समस्या है तो तुरंत बच्चों के स्टडी रूम में वास्तु के अनुसार बदलाव करें।
बता दें कि वास्तु शास्त्र हिंदू प्रणाली के प्राचीन शास्त्रों में एक है। खासकर इसमें दिशा के महत्व के बारे में बताया गया है। वास्तु के अनुसार यदि कोई चीज गलत दिशा या गलत तरीके से रखी हुई है तो इसका नकारात्मक प्रभाव झेलना पड़ सकता है। यही बात बच्चों के स्टडी रूम पर भी लागू होती है। इसलिए वास्तु शास्त्र में स्टडी रूम से संबंधित नियम बताए गए हैं। यदि इन नियमों के अनुसार आप बच्चों के स्टडी रूम का रख-रखाव करेंगे तो इससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार बढ़ेगा और बच्चे का मन पढ़ाई में लगेगा, जिससे उन्हें लक्ष्य प्राप्त करने में सफलता हासिल होगी।
स्टडी रूम के लिए बेहतर दिशा

बच्चा स्टडी रूम में पढ़ाई करता हो या घर के किसी अन्य कमरे में। पढ़ाई करने के लिए वास्तु शास्त्र में उत्तर-पूर्व दिशा को सबसे उत्तम माना जाता है। लेकिन इस बात का ध्यान रखें स्टडी रूम दक्षिण या दक्षिण पूर्व दिशा में नहीं होना चाहिए। साथ ही सीढ़ियों के नीचे खाली जगह में कभी भी बच्चों का स्टडी रूम या पढ़ने-लिखने की जगह नहीं बनानी चाहिए। ऐसा करने से पढ़ाई में बाधा उत्पन्न हो सकती है।
कमरे में नहीं होनी चाहिए ये चीजें
कमरे में रखी चीजें भी पढ़ाई से मन भटकाव का कारण बन सकती है। क्योंकि इन चीजों से पढ़ाई में बाधा उत्पन्न होती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार बच्चों के कमरे में ऐसी कोई भी चीज ना रखें जिससे नीरसता आती है। खासकर बच्चों के रूम में बड़ा शीशा या दर्पण, टीवी, मैगजीन, सीडी प्लेयर, गेम्स, कबाड़ या अनुपयोगी सामान भी नहीं होने चाहिए। इन चीजों को कमरे में रखने से नकारात्मक ऊर्जा का संचार बढ़ता है जिससे पढ़ाई में भटकाव की स्थिति उत्पन्न होती है।
स्टडी टेबल या कमरे में रखें ये सामान

वास्तु शास्त्र के अनुसार आप बच्चों के कमरे या स्टडी टेबल पर देवी सरस्वती की मूर्ति रख सकते हैं। इन्हें ज्ञान की देवी कहा जाता है। इसके साथ ही आप बुद्धि के दाता भगवान गणेश की छोटी सी प्रतिमा भी टेबल पर रख सकते हैं। लेकिन इस बात का भी ध्यान रखें कि बच्चों के टेबल में अत्यधिक सामान फैला ना हो। टेबल को कुछ इस प्रकार रखें कि खिड़की या दरवाजे से सूर्य की रोशनी कमरे के भीतर आती हो। क्योंकि सूर्य देवता तेज और शक्ति के प्रतीक माने जाते हैं। इसलिए बच्चों का कमरा उत्तर पूर्व दिशा में बनवाना उचित माना जाता है।
रंगों का भी रखें ध्यान

हर रंग का हमारे जीवन पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार बच्चों के पढ़ाई करने के कमरे की दीवारों का रंग आसमानी, सफेद या बादामी रंग का होना अच्छा माना जाता है। आप स्टडी टेबल, अलमारी आदि भी इसी रंग के रख सकते हैं। लेकिन बच्चों के कमरे में बहुत ही ज्यादा चटकीले या गहरे रंग जैसे नीला, काला या लाल पेंट नहीं करना चाहिए।
