Summary: भारत के प्रमुख टाइगर रिज़र्व: बाघों के दीदार की बेहतरीन जगहें
भारत में बाघों की सबसे सुरक्षित और बड़ी आबादी पाई जाती है। ये शक्तिशाली शिकारी देश के विभिन्न टाइगर रिज़र्व जैसे जिम कॉर्बेट, कान्हा, रणथंभौर, सुंदरबन और बांधवगढ़ में देखे जा सकते हैं।
Tiger Reserves in India: भारत का राष्ट्रीय पशु बाघ शक्ति, फुर्ती और शौर्य का प्रतीक माना जाता है। यह वन्यजीवों की दुनिया का सबसे ताकतवर शिकारी है, जिसकी मौजूदगी जंगल के इकोसिटम को संतुलन देती है। इसकी पहचान इसके पीले-लाल रंग और काले धारियों से होती है, जो इसे अन्य जानवरों से अलग बनाती हैं। बाघ का वैज्ञानिक नाम ‘पेंथेरा टिगरिस’ है और इसकी औसतन आयु लगभग 10 वर्ष तक होती है, जबकि इसका वजन 300 किलोग्राम तक पहुंच सकता है।
भारत ही नहीं, बल्कि दुनियाभर के कई देशों में बाघ पाए जाते हैं। हालांकि, भारत में इनकी सबसे अधिक और सुरक्षित आबादी मानी जाती है। देशभर के कई नेशनल पार्क और टाइगर रिज़र्व में ये शान से विचरण करते हैं। पर्यटक बड़ी संख्या में जंगल सफारी के माध्यम से बाघों को नजदीक से देखने के लिए इन पार्कों का रुख करते हैं।
अगर आप भी बाघों का दीदार करना चाहते हैं, तो भारत के ये 5 प्रमुख टाइगर रिज़र्व आपके लिए बेहतरीन विकल्प हो सकते हैं…
जिम कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व, उत्तराखंड

भारत का सबसे पहला नेशनल पार्क, जिम कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व, उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित है। यह रिज़र्व न केवल बंगाल टाइगर के संरक्षण के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यहां हाथी, तेंदुआ, लंगूर और पैंगोलिन जैसे कई अन्य जानवर भी पाए जाते हैं। हरे-भरे जंगल और रामगंगा नदी का प्राकृतिक सौंदर्य इसे और खास बनाता है।
टिकट शुल्क: 3000 रुपए से 5000 रुपए के बीच
समय: सुबह 6 से 10 बजे तक, और दोपहर 2 से 6 बजे तक
निकटतम रेलवे स्टेशन: काठगोदाम
कान्हा टाइगर रिज़र्व, मध्य प्रदेश

मंडला और बालाघाट जिलों में फैला कान्हा टाइगर रिज़र्व मध्य प्रदेश के प्रमुख टाइगर प्रोजेक्ट्स में से एक है। यह लगभग 940 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है और 1973 से टाइगर रिज़र्व के रूप में संरक्षित है। यहां बाघों के साथ-साथ बारहसिंगा, भालू और कई दुर्लभ पक्षी प्रजातियाँ भी देखने को मिलती हैं।
टिकट शुल्क: 4000 से 5000 रुपए तक
समय: सुबह 6 से 9:30 बजे, दोपहर 2 से 6 बजे तक
निकटतम स्टेशन: जबलपुर और गोंदिया
रणथंभौर टाइगर रिज़र्व, राजस्थान
राजस्थान के सवाई माधोपुर में स्थित रणथंभौर टाइगर रिज़र्व एक ऐतिहासिक किले की पृष्ठभूमि में बसा है। करीब 1334 वर्ग किलोमीटर में फैला यह पार्क बाघों के साथ-साथ तेंदुए, भालू और नीलगाय जैसे जानवरों के लिए भी जाना जाता है। इसकी लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि देश-विदेश से पर्यटक यहां साल भर पहुंचते हैं।
टिकट शुल्क: 5000 से 6000 रुपए तक
निकटतम स्टेशन: सवाई माधोपुर
समय: सुबह 6 से 10 बजे, दोपहर 3 से 6:30 बजे तक
सुंदरबन टाइगर रिज़र्व, पश्चिम बंगाल
सुंदरबन टाइगर रिज़र्व, पश्चिम बंगाल का गौरव है और यह मैंग्रोव वनों के बीच बसा हुआ दुनिया का एकमात्र ऐसा स्थान है जहां डेल्टा क्षेत्र में बाघ पाए जाते हैं। यह रिज़र्व रॉयल बंगाल टाइगर के लिए विख्यात है और यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल है।
टिकट शुल्क: भारतीयों के लिए 60 रुपए, विदेशी पर्यटकों के लिए 500 रुपए
समय: सुबह 8 से शाम 4 बजे तक
निकटतम स्टेशन: कैनिंग
बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व, मध्य प्रदेश
उमरिया जिले में स्थित बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व अपने सघन जंगलों और बाघों की घनी आबादी के लिए जाना जाता है। लगभग 716 वर्ग किलोमीटर में फैला यह पार्क न केवल बाघों बल्कि विभिन्न प्रकार की वनस्पति और पक्षियों के लिए भी समृद्ध है। यहां सफारी के दौरान बाघों को देखने की संभावना सबसे अधिक मानी जाती है।
टिकट शुल्क: 5000 से 6000 रुपए तक
समय: सुबह 5:30 से 10 बजे, दोपहर 3 से 6 बजे तक
निकटतम स्टेशन: कटनी और उमरिया
