छोटे बच्चे का आईक्यू लेवल बढ़ाने के लिए इन बातों पर करें अमल: Toddlers IQ Level
Toddlers IQ Level

Toddlers IQ Level: बुद्धिमत्ता सिर्फ अच्छी पढ़ाई या जल्दी याद करने का नाम नहीं है, यह तर्कपूर्ण बात करने, समस्याओं का समाधान करने, सोचने-समझने और अनुभवों से सीखने की प्रक्रिया है। अमूमन बच्चे का बुद्धिमत्ता या आईक्यू लेवल का तकरीबन 90 प्रतिशत विकास जिंदगी के पहले 2-3 साल में हो जाता है। अगर पेरेंट्स समुचित ध्यान दें तो यह बच्चे के लिए वरदान साबित हो सकता है।

बच्चों के साथ अच्छी टोन में बात करें

Toddlers IQ Level
Toddlers IQ Level-Talk to child

बच्चों के दिमाग में भाषा अधिग्रहण उपकरण या लैंग्वेज एक्वेजिशन डिवाइस यूनिट होता है। आप जितना बच्चे के साथ बात करते हैं, उसके दिमाग का यह यूनिट विकसित होता है और उसकी भाषा विकसित होती है। भाषा बच्चे के आईक्यू लेवल बढ़ाने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। बच्चे को अलग-अलग तरह से कहानियां सुनाना, कविताएं गुनगुनाना उसके दिलोंदिमाग में गहरा असर डालती हैं। वो आपके लहजे को समझता है और आत्मसात करता है। इसलिए अपने छोटे बच्चे के साथ अलग-अलग सुर या लहजे में बात जरूर करनी चाहिए।

बच्चे के साथ आई-कॉन्टेक्ट बनाएं

बच्चे की जिंदगी के पहले 3 साल बहुत महत्वूर्ण होते हैं। अभिभावकों को रोजाना अपने बच्चे के साथ आई-कॉन्टेक्ट बनाकर विभिन्न तरह की एक्टिविटी करनी चाहिए। उनके साथ बात करना, उनके साथ समय बिताना चाहिए। ये एक्टिविटी उसके विकास में बहुत अहम भूमिका निभाती हैं।

नजदीकी बनाए रखने के लिए बच्चे को गोद में उठाएं

आमतौर पर माना जाता है कि बच्चे को गोदी में ज्यादा उठाना गलत है। इससे वे गोदी में रहने के आदी हो जाते हैं। थोड़ा बड़ा होने पर भी गोदी में रहने की ज़िद करते हैं और खुद नहीं चलते या एक्टिव नहीं होते। यह गलत है क्योंकि जब बच्चा चलने लगता है तो वो गोदी में कम ही आना चाहता है। इसलिए छुटपन में झप्पी बच्चे के लिए वाकई जादुई असर डालती है। वैज्ञानिक भी मानते हैं कि टच थेरेपी से बच्चे को आपकी नजदीकी का अहसास रहता है और वह खुद को सुरक्षित महसूस करता है। उसमें कॉन्फिडेंस आता है जो उसके बौद्धिक और भावनात्मक विकास में सहायक होता है। इसलिए जरूरी है कि बच्चे को भरपूर प्यार दें और ज्यादा से ज्यादा अपने सान्निध्य में रखें। यह तो तय है कि जितना प्यार आप छुटपन में बच्चे को दे पाएंगे, बड़े होने पर भले ही वे अपना दायरा बढ़ा लें, सदैव आपसे जुड़े रहेंगे।

किताबें पढ़ कर सुनाएं

किताबें चाहे किस्से-कहानियों की हों या ज्ञान-विज्ञान की, बच्चे के बौद्धिक विकास में मदद करती है। वैज्ञानिक भी मानते हैं कि अगर पेरेंट्स छुटपन से ही बच्चे को रात में सोने से पहले तरह-तरह की किताबें पढ़ कर सुनाते हैं। किताबें पढ़ने के दौरान बच्चे के दिमाग का विकास होता है। उसके सोचने और बोलने की क्षमता का विकास होता है। किताब से पढ़कर कहानी या बच्चे की दिलचस्पी की कोई दूसरी चीज सुनाई जा सकती है। जिसमें बच्चे को भी शामिल करना चाहिए यानी बच्चे से सुनाई जा रही कहानी से संबंधित सवाल पूछने चाहिए, उसकी जिज्ञासाओं और प्रश्नों का जवाब देना चाहिए। तो इससे न केवल बच्चे का ज्ञानवर्द्धन होता है, बल्कि वो खुद किताबें पढ़ने के लिए उत्साहित होते हैं। ऐसे बच्चों का आईक्यू लेवल अपेक्षाकृत ज्यादा होता है। जरूरी है कि किताबें रंगीन और चित्र आधारित हों, ताकि बच्चा उनकी ओर आकर्षित हो सके। एक रूटीन बन जाने पर बच्चे रात को बिना कुछ सुने नहीं सोएंगे। छुटपन में विकसित इस आदत की बदौलत थोड़ा बडे़ होने पर वे किताबे खुद ही पढ़ने लगेंगे।

प्रशंसा करें

Appreciate them
Toddlers IQ Level-Appreciate them

पेरेंट्स को समय-समय पर छोटे-छोटे काम या बात के लिए बच्चे की प्रशंसा जरूर करनी चाहिए। यह उसके आईक्यू लेवल को बढ़ाने में सहायक होती है। बच्चे को डांटने-डपटने या मारने-पीटने के बजाय तारीफ करने से ज्यादा बेहतर परिणाम हासिल हो सकते हैं। अध्ययनों से भी साबित हुआ है कि जो अभिभावक अपने बच्चों की तारीफ करते हैं, उनका आईक्यू डांट-डपट और मारपीट का सामना करने वाले बच्चों से कहीं ज्यादा होता है। इसलिए जरूरी है कि बच्चे को छुटपन से ही यह अहसास दिलाते रहना चाहिए कि वो बुद्धिमान हैं और वो मेहनत करें तो समय के साथ खुद अव्वल दर्जे का बना सकते हैं।

स्क्रीन टाइम से रखें दूर

बच्चे के समुचित विकास खासकर आईक्यू लेवल को बढ़ाने के लिए जरूरी है कि वे स्क्रीन टाइम से दूर रहें। स्क्रीन से दूरी का पैमाना न केवल बच्चे पर बल्कि पेरेंट्स पर भी लागू होता है। बच्चे की जिंदगी के पहले दो साल बहुत अहम होते हैं। इस दरम्यान जरूरी है कि टीवी की आर्टिफिशियल या फेंटेसी की दुनिया की ओर आकर्षित न हों। इसके बजाय उन्हें घर-बाहर के लोगों के साथ बातचीत करने और उनके साथ विभिन्न तरह की एक्टिविटी करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। लिहाजा टीवी के साथ जितना कम जुडेंगे, उतना बच्चे बौद्धिक विकास अच्छा होगा।

एक्टिव रहना जरूरी

बच्चों के लिए एक्टिव रहना, खेलना-कूदना या एक्सरसाइज कराना बहुत जरूरी है। इससे बच्चे के दिमाग में खून की सप्लाई ज्यादा होती है। इससे दिमाग का विकास होता है और बच्चे के आईक्यू के लेवल में बढ़ोतरी होती है। एक्सरसाइज के दौरान बच्चों के दिमाग से कुछ कैमिकल्स रिलीज होते हैं जिन्हें न्यूरोट्रांसमीटर कहा जाता है। ये दिमाग के लिए बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। एक रिसर्च के मुताबिक बच्चे जो नियमित रूप से एक्सरसाइज करते हैं, उनकी कंसन्ट्रेशन आरामपरस्त या एक्सरसाइज करने से कतराने वाले बच्चों से बेहतर होती है। इसलिए पेरेंट्स को अपने बच्चे को एक्टिव रहने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।

भरपूर नींद लेने की आदत डालें

रात को 6-8 घंटे की नींद न केवल बच्चों के विकास के लिए बहुत जरूरी है, बल्कि उनके आईक्यू को बढ़ाने में भी सहायक है। अनिद्रा के शिकार बच्चों का आईक्यू कम हो जाता है। नींद की सिर्फ एक घंटे की कमी बच्चे के आईक्यू में इतना फर्क कर देती है जितना दूसरी और पांचवीं क्लास के बच्चे के आईक्यू में फर्क होता है। इसलिए पेरेंट्स को बच्चे को रात को टाइम से सो जाने की आदत डालनी जरूरी है।

दें सही डाइट

Diet
Toddlers IQ Level-Focus on kids diet

बच्चे का आईक्यू लेवल अच्छा बनाने के लिए जरूरी है कि छुटपन से ही उनकी डाइट पोषक तत्वों से भरपूर होनी चाहिए। खासकर ओमेगा-3 फैटी एसिड का मात्रा ज्यादा होनी चाहिए। अच्छी खुराक बच्चे को आईक्यू लेवल बढ़ाने में सहायक होती है। वो बच्चे जिन्हें पैदा होने के 3-4 साल तक खुराक की कमी को सामना करना पड़ता है, उनका आईक्यू लेवल काफी प्रभावित होता है। आयरन, आयोडीन की कमी की वजह से खून की कमी भी बच्चे के मानसिक विकास पर असर डालती है। इसलिए पेरेंट्स को उनकी डाइट का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

(डॉ भूपेन्द्र सिंगला, चाइल्ड स्पेशलिस्ट, नई दिल्ली)