Mobile Phone Habit: आज के डिजिटल युग में, मोबाइल हर किसी की जरूरत बन गया है। अब सिर्फ व्यस्क ही नहीं, बल्कि बच्चे भी मोबाइल का इस्तेमाल करने लगे हैं। ऑनलाइन क्लासेस से लेकर स्कूल प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लिए उन्हें अक्सर मोबाइल की जरूरत पड़ती है। हालांकि, अधिकतर बच्चे मोबाइल को सिर्फ अपनी क्लासेस या प्रोजेक्ट्स तक ही सीमित नहीं रखते हैं, बल्कि इसका इस्तेमाल अपने एंटरटेनमेंट के लिए भी करते हैं।
कुछ बच्चों को मोबाइल की इतनी बुरी लत लग जाती है कि वे देर रात भी मोबाइल देखने से नहीं चूकते। लेकिन जब वे देर रात मोबाइल देखते हैं तो इससे उनकी नींद भी खराब होती है। साथ ही साथ, पढ़ाई में फोकस करना, आंखों की रोशनी कम होना व अन्य कई तरह की हेल्थ प्रोब्लम्स का सामना करना पड़ सकता है। अमूमन यह देखने में आता है कि पैरेंट्स बच्चों को बहुत देर तक मोबाइल चलाने के लिए मना करते हैं लेकिन फिर भी बच्चे उनकी बात नहीं मानते हैं। ऐसे में जरूरी होता है कि आप कुछ अतिरिक्त टिप्स अपनाकर बच्चे की इस आदत को छुड़वाएं। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे ही आसान तरीकों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें अपनाकर आप अपने बच्चे की देर रात मोबाइल चलाने की आदत में बदलाव कर सकते हैं-
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जानें असली कारण

अगर आपका बच्चा हर रात देर तक मोबाइल देखता है तो सीधे बच्चों को डांटने या उसे मना करने की जगह आप उससे बात करें और यह समझने की कोशिश करें कि वह देर रात तक क्यों जागता है। मसलन, क्या वे गेम खेल रहे हैं, दोस्तों से चैट कर रहे हैं या वीडियो देख रहे हैं? इससे आपको वास्तविक समस्या का समाधान करने में मदद मिलेगी। कई बार बच्चे अपने चिंता व तनाव को दूर करने के लिए भी मोबाइल का सहारा लेते हैं। ऐसे में आप उनकी चिंता को दूर करने के लिए कुछ अतिरिक्त उपाय खोजें।
सेट करें फैमिली रूल्स
अगर आप बच्चे को देर तक स्क्रीन देखने से रोकना चाहते हैं और उनके स्क्रीन टाइम को लिमिटेड करना चाहते हैं तो ऐसे में आपको कुछ फैमिली रूल्स बनाने चाहिए। मसलन, स्लीपिंग टाइम से एक घंटा पहले किसी को भी मोबाइल फोन इस्तेमाल करने की अनुमति ना हो। ध्यान दें कि यह रूल सिर्फ बच्चों के लिए ही नहीं, बल्कि बड़ों के लिए भी हो। अगर आप खुद फोन या टीवी देखते हैं तो ऐसे में आपके लिए बच्चे को मना करना काफी मुश्किल होगा। अगर आप उसे रोकेंगे भी, तब भी वह आपकी बात नहीं मानेगा। आपको इस बात पर फोकस करना चाहिए कि बच्चे हमेशा अपने बड़ों को देखकर सीखते हैं। इससे जब आप खुद उस रूल को फॉलो करें तो बच्चे भी वैसा ही करेंगे।
अपनाएं कुछ ट्रिक्स

कई बार ऐसा होता है कि बच्चे पैरेंट्स के मना करने पर फोन साइड में रख देते हैं, लेकिन कुछ समय बाद वे उसे इस्तेमाल करने लग जाते हैं। ऐसे में बच्चे की आदत को बदलने के लिए आपको कुछ अतिरिक्त ट्रिक्स अपनाने की जरूरत है। मसलन, रात में घर के सभी फोन कहीं एक अलग जगह पर रखे जाएं। अगर ऐसा करना संभव नहीं है तो कम से कम चार्जिंग स्टेशन आप लिविंग एरिया में बनाएं। इससे बच्चा बेडरूम में अपना फोन चार्ज करते हुए लेट नाइट फोन नहीं देख पाएगा। उसे बार-बार कुछ देर और फोन इस्तेमाल करने की इच्छा नहीं होगी।
नींद के महत्व को समझाएं
जब आप बच्चों को हैंडल करते हैं तो आपको यह समझने की जरूरत है कि सिर्फ सीधेतौर पर मना कर देने से वे कभी भी बात नहीं मानते। जब उन्हें किसी काम को करने के लिए कहा जाता है या फिर किसी काम से मना किया जाता है तो ऐसे में उन्हें एक सॉलिड कारण देने की जरूरत होती है। इसलिए, अगर आप चाहते हैं कि बच्चे खुद ब खुद लेट नाइट फोन देखना बंद कर दें तो ऐसे में आपको पहले उन्हें अच्छी नींद का महत्व समझाना होगा। उन्हें यह बताएं कि नींद किस तरह उनके मूड, ध्यान और शारीरिक विकास को प्रभावित करती है। जब वे देर रात तक जागने के बुरे प्रभावों को समझेंगे तो इससे वे खुद ब खुद अपनी इस आदत में बदलाव करने की कोशिश करेंगे। साथ ही साथ, उन्हें यह भी बताएं कि स्क्रीन से निकलने वाली नीली रोशनी उनकी नींद के पैटर्न को कैसे बाधित कर सकती है, जिससे उन्हें सोना और फिर सुबह एकदम फ्रेश तरीके से उठने में समस्या होती है।
दिन में फिजिकल एक्टिविटी पर करें फोकस

यह भी एक स्मार्ट तरीका है बच्चों की देर रात मोबाइल की लत को दूर करने का। जब बच्चे दिनभर कई तरह की अलग-अलग फिजिकल एक्टिविटी में इनवॉल्व होते हैं तो ऐसे में वे रात में खुद को अधिक थका हुआ महसूस करते हैं और उन्हें नींद आती है। जिससे वे मोबाइल या स्क्रीन देखने के कम इच्छुक होते हैं। इसलिए, अगर आप अपने बच्चे की लेट नाइट मोबाइल की आदत को बदलना चाहती हैं तो उन्हें दिन में कई तरह की अलग-अलग फिजिकल एक्टिविटी या फिजिकल गेम्स खेलने के लिए प्रोत्साहित करें।आप अपने इस छोटे से कदम से बहुत बड़ा बदलाव नोटिस करेंगे।
