romote Child’s Hidden Talent: हर बच्चा खुद में अलग व खास है। हर बच्चे की अपनी खूबियां होती हैं। बस जरूरत है कि उन्हें समय रहते पहचान लिया जाए। शिक्षक और माता-पिता ही अक्सर वे होते हैं, जो कम उम्र में ही बच्चे के टैलेंट को पहचान लेते हैं। यूं तो हर किसी का पैरेंटिंग स्टाइल अलग होता है, इसलिए हर बच्चे की परवरिश एक अलग तरह से होती है। चाहे आपका बच्चे को हैंडल करने का तरीका कोई भी हो, लेकिन फिर भी आपको अपने बच्चे के टैलेंट को कम उम्र में ही पहचान लेना चाहिए। यह ना केवल आगे चलकर उनके करियर के लिहाज से फायदेमंद है, बल्कि इससे बच्चे यहां तक कि समाज को भी लाभ मिलता है। अक्सर यह देखा जाता है कि बहुत से पैरेंट्स अपने बच्चे की प्रतिभा को पहचान ही नहीं पाते हैं। जिसके कारण वे केवल एक सामान्य जीवन ही जी पाते हैं। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे तरीकों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें अपनाकर आप बच्चों की छिपी हुई प्रतिभा को पहचान व निखार सकते हैं-
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एक्सप्लोर करें अलग-अलग एक्टिविटीज
कई बार ऐसा होता है कि खुद बच्चे को भी यह नहीं पता होता कि वह वास्तव में किस चीज में अच्छा है या फिर उसके अंदर क्या टैलेंट है। ऐसे में उस टैलेंट को पहचानने के लिए यह जरूरी है कि बच्चा अलग-अलग एक्टिविटीज को एक्सप्लोर करें। जब वह खेल-खेल में ही कई एक्टिविटीज को एक्सप्लोर करता है तो इससे उसे व पैरेंट्स को यह समझ में आता है कि उसे किस चीज में अच्छा लग रहा है या फिर वह किस चीज में बहुत अच्छा कर सकता है। हालांकि, इस दौरान बच्चे पर बहत अधिक बोझ ना डालें।
करें ऑब्जर्व
यह भी एक आसान तरीका है बच्चे के छिपे हुए टैलेंट को पहचानने का। अगर आप अपने बच्चे के वास्तविक टैलेंट को पहचानना चाहते हैं तो उस पर दबाव बनाने की जगह बस उसे ऑब्जर्व करें और उसकी बातें सुनें। बच्चे को जो चीज अच्छी लगती होगी या फिर वह जिस चीज में अच्छा करता होगा, वह आपसे उस बारे में डिस्कस करेगा। हो सकता है कि वह अकेले में उस एक्टिविटी को एन्जॉय करे। इसलिए, जब आप बच्चे को ऑब्जर्व करेंगे तो इससे आपको इस बारे में यकीनन जानकारी होगी।
दें सपोर्ट
कई बार ऐसा भी होता है कि बच्चा बहुत कुछ करना चाहता है, लेकिन पर्याप्त संसाधन ना होने की स्थिति में वह अपने विचारों व इच्छाओं को बीच में ही छोड़ देता है। इसलिए, अगर आपको बच्चे के टैलेंट को पहचानना है और उसे आगे बढ़ाना है तो कोशिश करें कि आप उसे जरूरी रिसोर्स या सामान जरूर अवेलेबल करवाएं। यह आर्ट आइटम्स से लेकर किताबें या फिर कोई क्लास या वर्कशॉप भी हो सकती है। इतना ही नहीं, अगर बच्चा कहीं पर थोड़ा निराश होता है तो उसे मोटिवेट भी जरूर करें।
टीचर्स से करें बात
बच्चा घर के अलावा स्कूल में सबसे अधिक समय बिताता है। ऐसे में बच्चे के छिपे हुए टैलेंट को पहचानने के लिए टीचर्स की मदद भी ली जा सकती है। आप बच्चे की टीचर से बात करने की कोशिश करें। साथ ही, यह भी जानने का प्रयास करें कि बच्चा किस चीज में सबसे अच्छा कर रहा है या फिर किस एक्टिविटी को सबसे ज्यादा एन्जॉय कर रहा है। इससे भी आप बच्चे की हॉबीज और उसके टैलेंट को पहचान पाएंगे।
करें सवाल जवाब
आप बच्चे के छिपे हुए टैलेंट को पहचानने के लिए उसके साथ कुछ सवाल जवाब भी कर सकते हैं। मसलन, उसे क्या करना अच्छा लगता है या फिर उसका सबसे फेवरिट करियर पसंदीदा क्या है। इस तरह के सवाल जब आप बच्चे से पूछते हैं तो आपको काफी हद तक उसके इंटरस्ट के बारे में जानकारी होती है और फिर आप बच्चे के टैलेंट को आगे बढ़ाने के लिए कुछ कदम उठा सकते हैं। हालांकि, यह सवाल जवाब का सेशन बच्चे के बोझिल या फिर बहुत प्रेशर वाला नहीं होना चाहिए। आप उसके साथ खेल-खेल में ये सवाल पूछ सकते हैं। आप चाहें तो इस सेशन को खेल का हिस्सा भी बना सकते हैं, जिसमें आप एक पेपर पर बच्चे के लिए कुछ सवाल लिखें और फिर उसे जवाब लिखने होंगे। जब वह सभी सवालों के जवाब देगा तो आप उसे इनाम के रूप में कुछ दे सकते हैं।
उपलब्धियों का मनाएं जश्न
जब बच्चा किसी भी एक्टिविटी में अच्छा करता है तो उसे प्रोत्साहित अवश्य करें। ना केवल खुलकर उसकी तारीफ करें, बल्कि उसकी उपलब्धियों का जश्न भी मनाएं। इससे बच्चे के अंदर एक आत्मविश्वास व उत्साह पैदा होता है। याद रखें, हर छोटी उपलब्धि जश्न मनाने लायक है, जो हमें हमारे लक्ष्यों के एक कदम करीब लाती है और हमें आगे बढ़ते रहने के लिए प्रेरित करती है। आपके इस एक छोटे से कदम से बच्चा अपना बेस्ट देने की कोशिश करता है और इस तरह आपको ना केवल उसके टैलेंट का पता चलता है, बल्कि आप उसे तराशने में भी अपनी भूमिका अदा करते हैं।
ना खोएं धैर्य
कई बार ऐसा होता है कि बच्चे को कोई एक्टिविटी करना बहुत अच्छा लगता है, लेकिन वह उसमें अच्छा नहीं करता है। ऐसे में आपको किसी भी तरह का नेगेटिव कमेंट नहीं करना चाहिए। वास्तव में आपको यह समझने की जरूरत है कि प्रतिभा को भी विकसित होने में समय और धैर्य की जरूरत होती है। इसलिए, ना तो खुद निराश हों और ना ही बच्चे की हिम्मत टूटने दें। उन्हें नियमित रूप से अभ्यास करने के लिए प्रोत्साहित करें। उन्हें याद दिलाएं कि प्रगति एक दिन में नहीं होती है, इसके लिए लगातार अभ्यास की जरूरत होती है।