इच्छा-गृहलक्ष्मी की कहानियां
Iccha

Hindi Kahani: अनामिका इतने बड़े घर की बहू बनकर आयी थी उसके के हिस्से में सिर्फ घर का काम आया था, क्योंकि वह कम पढ़ी लिखी और गरीब परिवार की बेटी थी ।

पिता ने अपनी जिम्मेदारी पूरी करने के लिए पांच बहनों में सबसे बड़ी अनामिका की बहुत पढ़ने की कुछ बनने की इच्छा को अपनी मजबूरी बता कर मार दिया था , और उसकी कम उम्र में शादी कर दी वह भी एक बड़े परिवार में जहाँ की सास ससुर के अलावा संयुक्त परिवार में दादी सास भी रहती थी, इतने बड़े परिवार में आकर कम उम्र की अनामिका के ऊपर पूरे घर को संभालने की जिम्मेदारी आ गई ।

सास थोड़ी बहुत मदद कर देती थी, ननद अपनी पढ़ाई में व्यस्त रहती थी और  घर में होती तो नई नई डिश बनाने को बोलती रहती । पूरा परिवार खाने का शौकीन था  हर दिन तरह तरह का खाना और नई नई डिश जो गरीब परिवार की अनामिका ने कभी देखी सुनी भी नही थी , 

इस सबमें अनामिका अपनी पहचान बनाने की इच्छा को बिल्कुल मार चुकी थी न ही किसी को परवाह थी की अनामिका क्या चाहती है, 

इस कारण इतने लोगों का खाना बनाने से लेकर और भी सारे काम उसको ही करने होते थे।

बस बर्तन और साफ- सफाई के लिए ही काम वाली आती थी।

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समय बीतता चला गया अनामिका इसी बीच दो बच्चों की माँ भी बन गई ।

 उसकी दोनो ननद की शादी के बाद उसके देवरों की भी शादी हो गई लेकिन देवरानी भी नौकरी करती थी जो बहुत पढ़ी लिखी और अमीर खानदान की थी जिनको घर के काम से को मतलब नही था । सास सबके बीच अपनी छोटी बहू की तारीफ करते नही थकती थी।

यह सब देख कर अनामिका को मन में बहुत दुख होता , वह जब भी अकेले में होती वह रोकर अपना मन हल्का कर लेती , पति कृष्ण मोहन तो काम में इतने डूबे रहते थे अपनी माँ की ही साइड लेते, उनको अनामिका के दुख दर्द का कोई पता ही नही था ।

वह बस उसको घर की जिम्मेदारी उठाने वाली पत्नी के समान ही दर्जा देते थे, जो की बस घर संभालने वाली  एक औरत थी उनकी निगाह में , इस कारण वह कभी अपने मन की बात उनको नही बोल पाती थी। 

 वक्त के साथ अनामिका की जिम्मेदारी कम होने के बजाय बढ़ती ही चली गई इतने लोगों के बीच घर का काम करते करते वह बस एक घर में काम करने वाली महिला बन कर रह गई, जिसका अपना कोई वजूद ही नही था ।

उसके दोनो बच्चें जो अब बड़े हो गए थे ,वह अपनी मम्मी की हालत  और  उनके प्रति  परिवार के अवहेलना भरे व्यवहार को देख कर बहुत ही गुस्सा करते और कहते मम्मी आप अपना वजूद क्यों  खो रही हो  नौकरानी के जैसे काम करके,आपको भी पूरा सम्मान मिलना चाहिए आपकी अपनी भी अहमियत है आप क्यों सबके लिए  दिन रात इतना करती हो इन लोगो के लिए आपकी कोई अहमियत नहीं है  इन लोगों की निगाह में आप जितना झुकोगी उतना ही लोग झुकायेंगे, आप टीचर बनकर लोगों के लिए अच्छा कर सकतीं हैं, 

आप खुद को कमजोर क्यों समझती हो आजकल मोबाइल और मीडिया में लोग अपनी प्रोफाइल बना कर अपने हुनर को सारे देश विदेश में फैलाकर कितने लोग फेमस हो चुके है उनके लाखो फालोवर  होते है और वह आज लाखो रुपए कमा रहे हैं। आप  भी  ऐसा कर सकती हो अगर आप तैयार हो और हिम्मत करोगी तो ये बहुत जल्दी होगा, 

 उसकी बेटी सुनीता बोली मम्मी 

क्लास विथ अनामिका ” के नाम से आपका चैनल बना दूंगी आप देखना कितनी जल्दी आप अपनी एक नई पहचान बना लोगी मैं इस में आपकी मदद  करूँगी अपनी पढ़ाई के बीच से समय निकाल कर।

अब आपको इन लोगों को कुछ बनकर दिखाना होगा अपना खोया आत्मविश्वास और अपना वजूद पाना होगा ।

अनामिका अपने बच्चों को देखकर रो पड़ी आज उसके बच्चे उसके दर्द को महसूस कर रहे थे ।

वह भी एक नए विश्वास से जुट गई थी अपने परिवार के बीच अपनी एक नई पहचान बनाने को वह अपने बच्चों की मेहनत को और विश्वास को यूंही नही जाने देगी ।

आज एक साल बाद अनामिका का यूट्यूब चैनल

वीडियो और रील की बदौलत देश विदेश में मशहूर हो गई थी ।

उसके लाखो फालोवर्स थे जो कि उसकी पढ़ाने के तरीके को पसंद करते थे , और उसको फॉलो करते थे ।

अब वह अपनी देवरानियों से भी ज्यादा कमाती थी और अपने आप को अपने हुनर के दम पर उनसे खुद को  बेहतर साबित कर चुकी थी एक नई पहचान के साथ । अपनी सालों पहले की दबी इच्छा को आज साकार रूप दे चुकी थी अनामिका आज लाखों महिलाओं के लिए प्रेरणा बन चुकी है