Surya Grahan 2023 Sutak: वर्ष 2023 का पहला सूर्य ग्रहण वैशाख कृष्ण पक्ष की अमावस्या को लगेगा। हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 20 अप्रैल को है। ऐसे में इस साल का पहला सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल 2023 को लगेगा। विज्ञान में सूर्य ग्रहण को खगोलीय घटना माना जाता है, लेकिन धार्मिक शास्त्रों में सूर्य ग्रहण का अपना महत्व बताया गया है। 20 अप्रैल को लगने वाले सूर्य ग्रहण कई देशों में देखा जा सकता है। हालांकि, इसका प्रभाव भारत में नहीं दिखाई देगा। 20 अप्रैल का सूर्य ग्रहण ऑस्ट्रेलिया, प्रशांत महासागर, पूर्व और दक्षिण एशिया, अंटार्कटिका और हिंद महासागर सहित विभिन्न क्षेत्रों में देखा जा सकेगा। जब भी सूर्य ग्रहण या चंद्र ग्रहण की बात होती है तो सूतक काल की भी चर्चा जोरों पर रहती है। ऐसे में आज पंडित इंद्रमणि घनस्याल से जानेंगे सूतक व पातक काल क्या होता है और ग्रहण के इनका संबंध का महत्व क्या है।
क्या होता है सूतक व पातक काल?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब भी सूर्य ग्रहण या चंद्र ग्रहण लगता है, तो उस दौरान सूतक काल शुरू हो जाता है। सूतक काल को धर्म शास्त्रों में अशुभ काल माना जाता है, जिसमें कोई भी धार्मिक कार्य नहीं किए जाते हैं। सूतक काल में मंदिरों के पट बंद रहते हैं और पूजा पाठ जैसे कार्य भी बंद हो जाते हैं। ना सिर्फ ग्रहण के समय, जब घर पर बच्चे का जन्म होता है तब भी सूतक काल मान्य होता है। इस दौरान कुछ दिन के लिए धार्मिक कार्य नहीं किए जाते हैं। वहीं, सूतक काल के अलावा पातक काल भी लगता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब घर परिवार में किसी की मृत्यु हो जाती है तो 13 दिन तक पातक काल लग जाता है। जिसमें भी धर्म कर्म जैसे कार्य करना बंद होता है।
सूतक काल के समय क्या करें और क्या नहीं?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य ग्रहण के दौरान सूतक काल लागू होता है। इस काल में मंदिर में पूजा पाठ करना निषेध होता है। वहीं, ग्रहण के प्रभाव से बचने के लिए भोजन व जल में तुलसी के पत्ते डाले जाते हैं। सूतक काल के दौरान विशेष तौर पर गर्भवती महिलाओं को ध्यान रखना चाहिए। सूतक काल शुरू होने से लेकर समाप्त होने तक संभव हो तो घर में ही रहे। सूतक काल में गभर्वती महिलाएं किसी भी नुकीली चीजों का प्रयोग नहीं करें। घर के मंदिर में पर्दा लगाकर पट बंद कर दें और भगवान का स्मरण करते रहे।
क्या भारत में दिखेगा सूर्य ग्रहण 2023?

इस बार सूर्यग्रहण 20 अप्रैल 2023 को है। इस दिन वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या भी है। सूर्य ग्रहण सुबह 7 बजकर 5 मिनट पर प्रारंभ होगा और दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर रहेगा। यह सूर्य ग्रहण कंबोडिया, चीन, अमेरिका, माइक्रोनेशिया, मलेशिया, फिजी, जापान, समोआ, सोलोमन, बरूनी, सिंगापुर, थाईलैंड, अंटार्कटिका, ऑस्ट्रेलिया, वियतनाम, ताइवान, पापुआ न्यू गिनी, इंडोनेशिया, फिलीपींस, दक्षिण हिंद महासागर, दक्षिण प्रशांत सागर और न्यूजीलैंड में दिखाई देगा। लेकिन, यह भारत में नहीं दिखेगा। इसलिए इसका प्रभाव भी नहीं पड़ेगा और ना ही सूतक काल लागू होगा।
यह भी पढ़ें: साल का पहला सूर्य ग्रहण 2023 कब और कहां दिखाई देगा? सूतक काल समेत सभी जरूरी बातें आप भी जान लें: Surya Grahan 2023
