panna-national-park

Panna National Park Travel Guide: मध्यप्रदेश में स्थित पन्ना राष्ट्रीय उद्यान वन्यजीव प्रेमियों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है। यह उद्यान केन नदी के किनारे फैला हुआ है और अपनी समृद्ध जैव विविधता, घने जंगलों, मनमोहक जलप्रपातों और ऐतिहासिक स्थलों के कारण देशभर के पर्यटकों को आकर्षित करता है। वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला यह उद्यान न केवल टाइगर रिजर्व के रूप में प्रसिद्ध है बल्कि यहाँ की हरियाली, नदियां और दुर्लभ जीव-जंतु इसे एक अनूठा पर्यटन स्थल बनाते हैं। जंगल की अनगिनत कहानियाँ, नदी के किनारे घड़ियालों का बसेरा, झरनों का संगीत और घने वृक्षों के बीच छिपे वन्यजीव मिलकर पन्ना को अद्भुत बना देते हैं।

Panna National Park Guide
Panna National Park Guide

पन्ना राष्ट्रीय उद्यान को वर्ष 1994 में टाइगर रिजर्व का दर्जा दिया गया था। एक समय ऐसा आया जब यहाँ बाघ विलुप्त होने की कगार पर पहुँच गए थे लेकिन वन विभाग और सरकार के प्रयासों से अब यहाँ लगभग 50 बाघ देखे जा सकते हैं। यहां बाघों के अलावा भी कई वन्यजीव देखने को मिलते हैं जैसे कि जंगल का राजा तेंदुआ, जो घनी झाड़ियों में छिपकर शिकार करता है। मृगों की दुनिया का नटखट चीतल और विशालकाय नीलगाय। जंगली भालू जो शहद और छोटे कीटों की खोज में रहता है। लकड़बग्घे जंगल की सफाईकर्मी की भूमिका निभाते हैं। सफारी के दौरान जब जंगल में कोई जंगली जानवर अचानक सामने आ जाता है तो दिल की धड़कनें तेज़ हो जाती हैं।

Ken River
Ken River, home to crocodiles

पन्ना राष्ट्रीय उद्यान को और भी खास बनाती है केन नदी जो इस जंगल की जीवनरेखा है। यह नदी न केवल यहाँ के जीव-जंतुओं को जल प्रदान करती है बल्कि अपने आप में एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल भी है। केन नदी में स्थित घड़ियाल अभयारण्य उन पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र है जो मगरमच्छ और दुर्लभ घड़ियालों को देखना पसंद करते हैं। यहां नौका विहार का आनंद लेते हुए नदी के ठंडे पानी में तैरते इन जीवों को देखना एक अलग ही रोमांचक अनुभव होता है।

rare birds
World of rare birds

अगर कोई पक्षी प्रेमी है तो पन्ना राष्ट्रीय उद्यान उसके लिए स्वर्ग के समान है। यहाँ के घने जंगलों और नदी के किनारे 200 से अधिक पक्षी प्रजातियाँ पाई जाती हैं। हर सुबह जब सूरज की पहली किरणें जंगल पर पड़ती हैं तो यहाँ के पक्षियों का मधुर संगीत कानों में गूँजने लगता है। कुछ प्रमुख पक्षी जो यहाँ देखे जा सकते हैं उनमें भारतीय गिद्ध जो जंगल का सफाईकर्मी माना जाता है। विशालकाय बाज़ जो अपनी तेज़ नज़र और उड़ान के लिए प्रसिद्ध है। रंग-बिरंगे किंगफिशर और धनेश पक्षी जो नदी किनारे दिखाई देते हैं। सर्दियों के मौसम में यहाँ कई प्रवासी पक्षी भी आते हैं, जो इस जंगल की सुंदरता को और बढ़ा देते हैं।

पन्ना राष्ट्रीय उद्यान केवल वन्यजीवों का घर ही नहीं बल्कि प्राकृतिक सुंदरता का भी धनी है। यहाँ रानेह जलप्रपात और बामनी जलप्रपात ऐसे दो स्थान हैं जहाँ प्रकृति अपनी पूर्ण भव्यता में दिखती है। रानेह जलप्रपात केन नदी पर बना यह झरना अपने रंगीन ग्रेनाइट पत्थरों के कारण प्रसिद्ध है। बारिश के दिनों में जब पानी अपनी पूरी गति से बहता है तो यह नज़ारा देखने लायक होता है। बामनी जलप्रपात शांति और हरियाली से भरपूर यह स्थान उन लोगों के लिए आदर्श है, जो शहर की भागदौड़ से दूर एक सुकून भरी जगह चाहते हैं।

संजय शेफर्ड एक लेखक और घुमक्कड़ हैं, जिनका जन्म उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में हुआ। पढ़ाई-लिखाई दिल्ली और मुंबई में हुई। 2016 से परस्पर घूम और लिख रहे हैं। वर्तमान में स्वतंत्र रूप से लेखन एवं टोयटा, महेन्द्रा एडवेंचर और पर्यटन मंत्रालय...