सुहागिन महिलाएं क्यों पहनती हैं चूड़ियां? जानें धार्मिक व वैज्ञानिक कारण: Hindu Rituals
Hindu Rituals for Bangles

Hindu Rituals: सनातन संस्कृति में महिलाओं द्वारा किए जाने वाले श्रृंगार को बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है। हिंदू धर्म में महिलाओं को घर की लक्ष्मी कहा जाता है। इसलिए विवाह के बाद महिलाओं का श्रृंगार करना शुभ होता है। शास्त्रों में महिलाओं द्वारा किए जाने वाले श्रृंगारों की संख्या 16 बताई गई है। माना जाता है कि जो महिलाएं माता लक्ष्मी के समान श्रृंगार करती हैं उनके जीवन में हमेशा सुख समृद्धि बनी रहती है और उन्हें अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है। सनातन धर्म संस्कृति में विवाहित महिलाओं को चूड़ियां अवश्य पहननी चाहिए। चूड़ियां महिलाओं के सुहाग की निशानी होती है। हिंदू धर्म में विवाह के बाद महिलाओं को उनके पति के नाम से चूड़ियां पहनाई जाती हैं। इन चूड़ियों को विवाहित महिलाएं अपने पति के जीते जी कभी भी अपने हाथ से नहीं उतारती हैं। महिलाओं द्वारा हाथों में चूड़ियां पहनने से उनकी सेहत भी अच्छी बनी रहती है। आज इस लेख में महिलाओं द्वारा चूड़ियां पहनने के धार्मिक और वैज्ञानिक कारणों के बारे में जानेंगे।

वैदिक काल से हैं चूड़ियां पहनने की परंपरा

Hindu Rituals
Scientific Hindu Rituals

पंडित इंद्रमणि घनस्याल बताते हैं कि विवाहित महिलाओं द्वारा अपने हाथों में चूड़ियां पहने की परंपरा वैदिक काल से चली आ रही है। कई पुरानी मूर्तियों में हिंदू देवियों को हाथो में चूड़ियां पहने हुए देखा जा सकता है। सुहागिन महिलाओं के चूड़ियां पहनने से उनके पति की आयु लंबी होती है। चूड़ियों की आवाज से घर में सकारात्मक माहौल बना रहता है। शास्त्रों में बताया गया है कि जो महिलाएं चूड़ियां पहनती हैं उनके पति पर कोई संकट नहीं आता। स्वयं माता लक्ष्मी उनके पति की रक्षा करती हैं। हरे और लाल रंग की चूड़ियां पहनने से महिलाओं के वैवाहिक जीवन में प्रेम बढ़ता है। महिलाओं के हाथों की चूड़ियां घर की सुख समृद्धि और खुशहाली का प्रतीक होती हैं। कलाई में पहनी गई कांच की चूड़ियों के आपस में टकराने से जो आवाज निकलती है उस आवाज से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है।

चूड़ियां पहनने के वैज्ञानिक कारण

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विवाहित महिलाओं द्वारा हाथ में चूड़ियां पहनने से उनकी कलाई में घर्षण होता है जिसके कारण उनके शरीर के प्रत्येक अंग में रक्त का प्रवाह भी अच्छे तरीके से होता है। अच्छे रक्त प्रवाह से महिलाओं को उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) जैसी शारीरिक समस्याएं नहीं होती। साथ ही रक्त प्रवाह के सही होने से मानसिक तनाव भी नहीं होता है। वैज्ञानिक तथ्यों के अनुसार, गर्भवती महिलाओं द्वारा चूड़ियां पहनने से उनके बच्चे का दिमागी विकास भी सही तरीके से होता है। गर्भावस्था के सातवें महीने से बच्चे अपने आस पास की आवाजों को सुनते हैं। इसलिए जब महिलाओं की कलाईयों की चूड़ियां आवाज करती हैं तो यह बच्चे के दिमागी विकास में सहायक होती है। विज्ञान यह भी मानता है कि हमारे हाथों की कलाईयों के आसपास कुछ एक्यूपंक्चर पॉइंट्स होते हैं। जब महिलाएं कलाईयों में चूड़ियां पहनती है तब इन एक्यूपंक्चर पॉइंट्स पर दबाव बनता है जिससे उनके शरीर में ऊर्जा पैदा होती है। इसी ऊर्जा के कारण उनका शरीर दिनभर ऊर्जावान बना रहता है।

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