Summary: नौसेना की पहली महिला फाइटर पायलट बनीं आस्था पूनिया
सब लेफ्टिनेंट आस्था पूनिया ने 2025 में भारतीय नौसेना की पहली महिला मरीटाइम फाइटर पायलट बनकर इतिहास रच दिया।
उनकी यह उपलब्धि नारी शक्ति, तकनीकी दक्षता और लैंगिक समानता की प्रेरणादायक मिसाल बन गई है।
Wings of Gold Indian Navy: भारतीय नौसेना के इतिहास में पहली बार कोई महिला मरीटाइम फाइटर पायलट बनी है और वह नाम है सब लेफ्टिनेंट आस्था पूनिया। 2025 में दर्ज हुई यह उपलब्धि सिर्फ वर्दी की नहीं, सोच की जीत है। अब समंदर की ताकत में महिला की मौजूदगी भी शामिल है। जहां अब तक सिर्फ पुरुषों का दबदबा रहा, वहां अब आस्था पूनिया ने अपने नाम की पताका फहरा दिया है। यह सिर्फ व्यक्तिगत नहीं, राष्ट्रीय उपलब्धि है। यह उपलब्धि न केवल उनके व्यक्तिगत साहस और समर्पण का प्रतीक है, बल्कि भारतीय रक्षा सेवाओं में लैंगिक समानता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है। आस्था की सफलता भारतीय नौसेना में नारी शक्ति के सशक्तिकरण की दिशा में एक नया अध्याय खोलती है।
नौसेना के इतिहास में पहली बार गूंजी महिला शक्ति की हुंकार
अब तक नौसेना में महिलाएं समुद्री टोही विमान और हेलिकॉप्टरों में ही तैनात की जाती थीं। लेकिन आस्था पूनिया ने इस परंपरा को तोड़ते हुए फाइटर स्ट्रीम में जगह बनाई, जहां उन्हें उन्नत युद्धक विमानों को उड़ाने का मौका मिला। यह कदम नौसेना में महिलाओं की भूमिका को नए स्तर पर ले जाता है और लड़ाकू भूमिकाओं में महिलाओं के लिए नए रास्ते खोलता है।
A New Chapter in Naval Aviation#IndianNavy marks a historic milestone with the graduation of the Second Basic Hawk Conversion Course on #03Jul 2025 at @IN_Dega.
— SpokespersonNavy (@indiannavy) July 4, 2025
Lt Atul Kumar Dhull and Slt Aastha Poonia received the prestigious 'Wings of Gold' from RAdm Janak Bevli, ACNS (Air).… pic.twitter.com/awMUQGQ4wS
‘विंग्स ऑफ गोल्ड’ की गौरवशाली प्राप्ति
आस्था ने विशाखापट्टनम स्थित INS डेगा में आयोजित सेकंड बेसिक हॉक कन्वर्ज़न कोर्स से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। इस कोर्स में उन्हें हॉक 132 जेट ट्रेनर विमान पर कठिन प्रशिक्षण दिया गया, जिसमें युद्ध कौशल, उच्च स्तरीय उड़ान तकनीक और संचालन की दक्षता शामिल थी।
इस प्रशिक्षण के अंत में उन्हें नौसेना के प्रतिष्ठित ‘विंग्स ऑफ गोल्ड’ से सम्मानित किया गया। यह सम्मान रियर एडमिरल जनक बेवली की उपस्थिति में एक औपचारिक समारोह में दिया गया।
तकनीक और ज्ञान की मजबूत नींव
हालांकि उनकी शैक्षणिक डिग्री की पूरी जानकारी सार्वजनिक नहीं है, लेकिन माना जाता है कि नौसेना के अधिकांश पायलटों की पृष्ठभूमि इंजीनियरिंग या तकनीकी होती है। आस्था पूनिया ने जेपी इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी में हैकाथॉन जैसी तकनीकी गतिविधियों में भाग लिया है, जो उनके तकनीकी कौशल को दर्शाता है और एक फाइटर पायलट के रूप में उनकी योग्यता को और मजबूत बनाता है।
आस्था पूनिया बनीं लैंगिक समानता की नई पहचान
आस्था की फाइटर स्ट्रीम में नियुक्ति को रक्षा मंत्रालय ने “नौसैनिक उड्डयन में नया अध्याय” बताया है। यह कदम नौसेना की लैंगिक समावेशिता और नारी सशक्तिकरण की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उनके चयन से यह संदेश जाता है कि अब महिलाएं भी युद्ध क्षेत्र में बराबरी से भागीदारी कर सकती हैं।
रक्षा मंत्रालय ने कहा, सब लेफ्टिनेंट आस्था पूनिया का फाइटर स्ट्रीम में चयन नौसेना की लैंगिक समानता और नारी शक्ति को पोषित करने की संकल्पना को दर्शाता है।”
राष्ट्रीय स्तर पर सराहना और प्रेरणा का स्रोत
आस्था पूनिया की उपलब्धि को राष्ट्रीय मीडिया और सोशल मीडिया पर बड़े स्तर पर सराहा गया है। वे आज भारत में सैन्य सेवा में महिलाओं की नई पहचान बन चुकी हैं। उनकी इस ऐतिहासिक उपलब्धि से कई युवतियां प्रेरित होंगी और वे भी सैन्य विमानन और अन्य युद्ध भूमिकाओं में करियर बनाने का सपना देख सकेंगी।
सब लेफ्टिनेंट आस्था पूनिया की यह ऐतिहासिक उपलब्धि केवल एक व्यक्तिगत सफलता नहीं है, बल्कि यह भारतीय नौसेना में समावेशिता, समानता और क्षमता के नए युग की शुरुआत है। वे आने वाली पीढ़ियों के लिए रोल मॉडल हैं और उनका सफर यह साबित करता है कि अगर हौसला हो तो हर मंज़िल हासिल की जा सकती है।
