नवंबर में कब है मार्गशीर्ष संकष्टी चतुर्थी? इस दिन व्रत रखने से होगा कल्याण, जानें पूजा विधि: Sankashti Chaturthi 2023
Sankashti Chaturthi 2023

Sankashti Chaturthi 2023: हिंदू धर्म में कार्तिक माह के समापन के साथ ही मार्गशीर्ष महीना शुरू होगा। मार्गशीर्ष महीने में कई प्रमुख व्रत त्योहार आएंगे। भगवान गणेश जी को समर्पित संकष्टी चतुर्थी का पर्व हर महीने मनाया जाता है। मार्गशीर्ष माह में भी संकष्टी चतुर्थी का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन भगवान गणेश की विधिवत पूजा अर्चना की जाती है और उपवास रखा जाता है।

पंडित दिनेश जोशी के अनुसार, हिंदू पंचांग में हर महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। संकष्टी का अर्थ होता है संकट दूर करना। इस दिन जो भी भक्त भगवान गणेश जी की सच्ची श्रद्धा से पूजा पाठ करता है उसके सभी संकट दूर होते हैं। उसके जीवन में सुख—समृद्धि व ऐश्वर्य ज्ञान की प्राप्ति होती है। संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखने से सभी दुख दर्द दूर होते हैं और जीवन सुखमय बना रहता है। तो चलिए जानते हैं इस बार कब है मार्गशीर्ष माह की संकष्टी चतुर्थी और पूजा विधि व महत्व।

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Sankashti Chaturthi 2023
Importance of Sankashti Chaturthi

हिंदू पंचांग के अनुसार, हर महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है। मार्गशीर्ष माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 30 नवंबर, गुरुवार को दोपहर 2 बजकर 25 मिनट पर शुरू होगी, जो अगले दिन एक दिसंबर, शुक्रवार को दोपहर 3 बजकर 31 मिनट पर समाप्त होगी। पंडित जी के अनुसार, ऐसे में मार्गशीर्ष संकष्टी चतुर्थी 30 नवंबर, गुरुवार को मनाई जाएगी। इस दिन भगवान गणेश जी को समर्पित व्रत रखा जाएगा। इस दिन चंद्रोदय का समय रात 8 बजकर 15 मिनट पर रहेगा।

Sankashti Chaturthi 2023
Sankashti Chaturthi Importance

हिंदू धर्म में भगवान गणेश को प्रथम पूजनीय देव माना गया है। भगवान गणेश बुद्धि के स्वामी और सभी पापों का नाश करने वाले देव हैं। संकष्टी का अर्थ है संकट से मुक्ति। ऐसे में संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखने से सभी बाधाओं से मुक्ति मिलती है। इस दिन भगवान गणेश जी की विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है, जिससे सुख—शांति का वास होता है। अगर किसी कार्य में बाधा आ रही है तो उसे संकष्टी चतुर्थी का व्रत अवश्य रखना चाहिए। इससे सभी बिगड़े हुए काम बनने लगेंगे।

sankashti chaturthi 2023 Puja
sankashti chaturthi 2023 Puja

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, संकष्टी चतुर्थी पर भगवान गणेश की सच्ची श्रद्धा से विधिवत उपासना करनी चाहिए। इस दिन भगवान गणेश जी के मंदिर जाकर उनकी पूजा अर्चना करें। भगवान गणेश को उनके प्रिय व्यंजन जैसे मोदक, लड्डू, दूर्वा आदि चढ़ाएं। इसके बाद गणेश चालीसा का पाठ करें और आरती के साथ पूजा संपन्न करें। इस दिन गणेश जी के साथ भगवान शिव व माता पार्वती की भी आराधना करनी चाहिए। भगवान गणेश जी की पूजा के बाद हाथ जोड़कर सुख—समृद्धि की कामना करें। इसके बाद व्रत का पारण करें।