Monthly Budget: बहुत से लोगों को यह पता ही नहीं होता कि उनका पैसा हर महीने कहां जा रहा है. इसलिए घर के खर्चों को सुचारू रूप से चलाने और बचत करने में मंथली बजट काफी महत्वपूर्ण होता है. मंथली बजट आपको अपने पैसे पर नियंत्रण रखने में मदद करता है साथ ही इससे दीर्घकालिक लक्ष्यों को हासिल करने के लिए पैसे बचाना भी आसान बना सकता है. मंथली बजट बनाना फाइनेंशियल फाउंडेशन को मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. आप चाहे जितना भी पैसा कमा लें लेकिन उसका सही इस्तेमाल नहीं किया जाए तो महीने के अंत तक आपकी जेब खाली हो सकती है. एक प्रभावी बजट होने से आपको अपने पैसे को मैनेज करने, खर्च को नियंत्रित करने, बचत और कर्ज चुकाने में मदद मिलती है. आपके बैंक खाते में कितना पैसा आ रहा है और कितना खर्च हो रहा है, इसका सटीक हिसाब रखना जरूरी है. जो महिलाएं हमेशा मंथली बजट बनाती हैं, वे महीने के अंत तक कुछ सेविंग भी कर लेती हैं. यदि मंथली बजट बनाने में आपको परेशानी आ रही है तो हम आपकी मदद कर सकते हैं. चलिए जानते हैं किन सिंपल स्टेप्स को फॉलो कर आप एक प्रभावी बजट तैयार कर सकती हैं.
अपनी कुल इनकम को करें कैलकुलेट

एक इफेक्टिव बजट बनाने के लिए आपको सबसे पहले अपनी नेट इनकम की गणना करनी होगी. नेट इनकम से मतलब आपके घर हर महीने आने वाले कुल पैसों सै हैं. इसकी गणना करने के लिए आपको अपनी मंथली सैलरी में से रिटायरमेंट प्लान, हेल्थ बीमा, ग्रेच्यूटी आदि जैसी कटौतियों को घटाना होगा. नेट इनकम के बजाय कुल वेतन पर अगर आप ध्यान केंद्रित करेंगे तो आप आमदनी से ज्यादा खर्च कर बैठेंगे. अगर आप फ्रीलांसर, गिग वर्कर, ठेकेदार या बिजनेसमैन हैं, तब आपको अपनी आय और खर्च का पूरा ब्योरा डायरी में लिखना चाहिए.
अपने खर्च को लिखना शुरू करें

एक बार जब आप जान जाते हैं कि आपके पास हर महीने कितना पैसा आ रहा है, तब अगले स्टेप में आपको अपने खर्चों का हिसाब लिखना शुरू करें. ऐसा करने से आपको यह जानने में मदद मिलेगी कि आप कहां सबसे ज्यादा पैसा खर्च कर रहे हैं और कहां बचत की जा सकती है. इसकी शुरुआत हर महीने होने वाले निश्चित खर्चों के साथ की जा सकती है, जैसे घर का किराया या ईएमआई, गैस, दूध, बिजली, पानी के बिल, किराना, स्कूल की फीस, मनोरंजन, दवाईयां और गाड़ी का खर्च आदि. इसमें हर महीने होने वाले अन्य खर्चों को भी शामिल किया जाना चाहिए.
वास्तविक लक्ष्य तय करें

ट्रैक की गई जानकरी के अनुसार शॉर्ट और लॉन्ग टर्म फाइनेंशियल लक्ष्यों की एक लिस्ट तैयार करें. शॉर्ट टर्म लक्ष्यों को हासिल करने में एक से तीन साल का वक्त लग सकता है, इसमें इमरजेंसी फंड बनाने या क्रेडिट कार्ड के बिल का भुगतान करने जैसी चीजों को शामिल किया जा सकता है. लॉन्ग टर्म लक्ष्य जैसे रिटायरमेंट प्लानिंग या बच्चों की शिक्षा के लिए पैसे जोड़ने में लंबा वक्त लगता है. लक्ष्यों को निर्धारित करने से बजट के अनुसार खर्च करने की प्रेरणा मिलेगी. उदाहरण के लिए, अगर आप वेकेशन प्लान कर रहे हैं, तो इससे बचत करने में आसानी होगी.
अपना प्लान बनाएं

पैसे खर्च करने से पहले यदि सही प्लानिंग की जाए तो बजट बनाना आसान हो जाता है. जैसे क्या खर्च कर रहे हैं और आप क्या खर्च करना चाहते हैं. आगे आप क्या खर्च करेंगे, इसका अंदाजा लगाने के लिए वैरिएबल और फिक्स्ड खर्चों को नोटडाउन करें. अब इसकी तुलना अपनी नेट इनकम और प्रायोरिटी के साथ करें. खर्चों के साथ बचत की प्लानिंग भी करें ताकि खर्चों को कम किया जा सके.
खर्च को करें एडजस्ट

इनकम और खर्च के बारे में पता चलने के बाद, आप कोई भी जरूरी एडजस्टमेंट कर सकते हैं, ताकि आप अधिक खर्च न करें और अपने लक्ष्यों को पूरा करने के लिए बचत कर सकें. आप जो चाहते हैं सबसे पहले उसमें कटौती करें. मूवी देखने के लिए सिनेमाहॉल की जगह घर का चुनाव किया जा सकता है. याद रखें एक छोटी सी बचत से बड़ी धनराशि एकत्रित की जा सकती है. आपको यह देखकर आश्चर्य होगा कि एक छोटा सा एडजसटमेंट करने से आप कितनी अतिरिक्त बचत कर सकते हैं.
बजट की करें नियमित समीक्षा

बजट बनाना तो आसान होता है लेकिन इसपर टिके रहना बेहद मुश्किल. इसलिए जब एक बार आपका बजट निर्धारित हो जाए तो इसकी नियमित रूप से समीक्षा करना भी महत्वपूर्ण होता है. इससे ट्रैक पर बने रहने में मदद मिलती है. बजट के कुछ खर्च हमेशा निश्चित रहते हैं. आपकी सैलरी बढ़ सकती है, ऐसे में आपके खर्चों में भी बदलाव आ सकता है या आप कोई लक्ष्य प्राप्त कर लेते हैं या एक नया लक्ष्य निर्धारित करना चाहते हैं. कोई भी कारण हो, आपको अपने बजट की नियमित रूप से समीक्षा करने की आदत डालनी चाहिए.
