माता- पिता की ये 7 आदतें बच्चे को बना देती हैं डरपोक: Parenting Tips
हम आज आपको माता-पिता की उन आदतों के बारे में बताने वाले हैं, जिस वजह से बच्चे डरपोक बन जाते हैं।
Parenting Tips : हमारी बदलती लाइफस्टाइल के बीच छोटे बच्चों की अच्छी और सही परवरिश आसान नहीं रह गई है। माता-पिता के लिए यह एक बहुत बड़ी चुनौती है कि आज के जमाने में वह अपने बच्चों को सही आदतों के बारे में अच्छी तरह से बता सके। इसी के साथ माता-पिता भी कई बार अपने बच्चों के सामने ही कुछ ऐसी हरकतें कर देते हैं, जिसकी वजह से बच्चों पर इसका दुष्प्रभाव पड़ता है और वो डरपोक बनने लगते है। ऐसे में हम आज आपको माता-पिता की उन आदतों के बारे में बताने वाले हैं, जिस वजह से बच्चे डरपोक बन जाते हैं।
- बच्चों के साथ मारपीट करना किसी भी समस्या का समाधान नहीं होता है। अगर बच्चे शैतानी करते हैं, तो उन्हें समझाया जा सकता है, ना कि उनके साथ मारपीट किया जाना चाहिए। आप अपने बच्चों के साथ अगर मारपीट करते हैं, तो बच्चे इसकी वजह से डरपोक बन जाते हैं और वह आपको कोई भी बात बताने से कतराएंगे। इसलिए, कभी भी अपने बच्चों की गलती पर उन्हें मारे नहीं। बल्कि, उनकी बातों को समझे और अपनी बातों को समझाएं।
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- बच्चों पर पाबंदियां लगाना जरूरी है। लेकिन, अधिक पाबंदियां लगाना भी मुश्किलों की सबसे बड़ी वजह बन सकता है। बच्चों को शुरुआत से ही सही व्यवहार सिखाएं। लेकिन उन पर अत्यधिक पाबंदियां नहीं लगाएं। क्योंकि ऐसा करने से बच्चे आपसे झूठ बोलने लगते हैं और मनमानी करते हैं। साथ ही आपको सच बताने से भी वो डरने लगते हैं।
- हर माता-पिता की ख्वाहिश होती है कि उसका बच्चा पढ़ाई-लिखाई में बेहतरीन प्रदर्शन करें। लेकिन, हर बच्चे की मानसिक स्थिति अलग होती है। कई बच्चों को पढ़ाई में काफी मन लगता है, जबकि कई बच्चे ऐसे होते हैं, जो दूसरे एक्टिविटीज़ में अच्छे होते हैं। कई बार माता-पिता के दबाव के कारण बच्चे पढ़ाई तो करते हैं, लेकिन हर वक्त वह डरे हुए रहते हैं कि उन्हें कहीं एग्जाम में मार्क्स कम ना आ जाए। ऐसे में अपनी इन आदतों में सुधार करें।
- माता पिता को हमेशा अपने बच्चों को जीतने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। लेकिन, इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि अगर आपका बच्चा किसी भी चीज से पराजित हो गया है, तो उसे आप भला बुरा कहना शुरू कर देंगी। बच्चों को हर स्थिति के साथ डील करना भी सिखाना चाहिए। ताकि बच्चा आगे आने वाली चुनौतियों से डरे नहीं।
- हमारे घरों में अक्सर माता-पिता अपने बच्चों की तुलना दूसरे बच्चों के साथ करते हैं। इससे बच्चों के मन पर चोट लगती है। साथ ही वे खुद को बाकियों से कमतर समझने लगते हैं और जिंदगी में कुछ भी आगे ना करने पर पछतावा करते हैं। इसलिए माता-पिता को कभी भी अपने बच्चों की तुलना दूसरे बच्चों से नहीं करनी चाहिए।
- पैरेंट्स बच्चों को अच्छी परवरिश देने की कोशिश में उन्हें हर परेशानियों से बचाने की कोशिश करते हैं, जिससे बच्चे कठिनाइयों का सामना करना नहीं सीख पाते हैं और डरपोक और कमजोर बन जाते हैं।
- कई बार मां-बाप बच्चों को अपनी हर बात मानने के लिए दबाव डालते हैं, लेकिन, बच्चे अपने आसपास के माहौल में दूसरे बच्चों को देखकर कई बार कुछ फैसले खुद लेना चाहते हैं और खुद के मन से कुछ काम करना चाहते हैं। लेकिन, बार-बार माता-पिता और बड़ों द्वारा उनकी बात को काटना या उन्हें रोकना-टोकना उनके मानसिक विकास को धीमा कर देता है और वो घबराने लगते है।