परीक्षाओं में माता पिता की भूमिका: Responsibilities of Parents
Responsibilities of Parents

Responsibilities Of Parents: बच्चों के साथ-साथ अभिभावकों पर भी एक्जाम्स का भूत सवार हो जाता है। सभी अभिभावकों को अपने बच्चों से यही उम्मीद होती है कि वह एक्जाम्स में अच्छे नंबरों से पास हों। इसी वजह से वह अपने बच्चों पर पढ़ाई का प्रेशर बना देते हैं और अक्सर इसी वजह से कई बार बच्चे या तो एक्जामिनेशन फीवर का शिकार हो जाते हैं या फिर डिप्रेशन का। अगर अभिभावक समझदारी से काम लें तो उनके बच्चे डिप्रेशन का शिकार न होकर एक्जाम्स में अच्छी रैंक पा सकते हैं। अभिभावक अपने बच्चों की एक्जाम की तैयारी कराने में सहयोग करें तो इससे बच्चों का आत्मविश्वास भी बढ़ेगा और वह अच्छे नंबरों से उत्तीर्ण भी होगा।

कैसे करें अभिभावक बच्चों की मदद?

अभिभावकों को बच्चों की मदद हेतु निम्नलिखित टिप्स सहायक हो सकते हैं-
● बच्चों का टाइमटेबल बनाएं। टाइमटेबल को एक्जाम्स तक की डेट के अनुसार बनाएं। फिर बच्चों को टाइमटेबल के हिसाब से उनके सब्जेक्ट तैयार करने को कहें।
● अक्सर बच्चे याद तो करते हैं, लेकिन जल्द ही वह भूल जाते हैं। अगर ऐसा है तो बच्चों से कहिए कि वो लिखकर याद करने की आदत डालें। अगर वह लिखकर याद करेगा तो इससे उसकी लिखने की स्पीड भी बढ़ेगी और याददाश्त भी।
● बच्चों की पढ़ाई के लिए समय सीमा का निर्धारण करना जरूरी है। अगर आपका बच्चा लगातार 2-3 घंटे पढ़ता रहे तो वह ऊब जाएगा और पढ़ाई पर उसका ध्यान भी एकाग्र नहीं होगा। इसलिए बच्चों को हर एक-डेढ़ घंटे में छोटा-सा ब्रेक जरूर दें, जिससे बच्चा रिफ्रेश हो जाए।
● अक्सर बच्चे एक्जाम्स की तैयारी में इतना ज्यादा जुट जाते हैं कि खाना-पीना सब भूल बैठते हैं, पर सेहत के दृष्टिïकोण से ऐसा करना बिलकुल सही नहीं है। माता-पिता को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वह अपने बच्चों को समय से भोजन कराएं। हां भोजन पौष्टिक होना चाहिए गरिष्ठ नहीं। गरिष्ठ भोजन आलस उत्पन्न करता है जो बच्चों की पढ़ाई बाधित करेगा।
● बच्चों में आत्मानुशासन, आत्मनिर्देशन, आत्मविश्वास की भावना विकसित करें।
बच्चे का विश्वास जीतें व उसके साथ मिलकर समस्याओं के हल खोजें।
● अभिभावकों की आदत होती है कि वह एक्जाम्स आते ही बच्चों का खेलकूद बंद करवा देते हैं, मगर ऐसा करने से बच्चों पर विपरीत असर पड़ता है। बच्चों को एक्जाम्स टाइम में भी थोड़ा-बहुत खेलने-कूदने दें। इससे बच्चों में एनर्जी आएगी और वह फ्रेश दिमाग से पढ़ाई भी करेंगे।
● अगर वह शाम को पढ़ते हैं तो उन्हें टहल कर पढ़ने दें। शाम की ताजी हवा के साथ याद करने का अच्छा तरीका है।
● बच्चों को काफी देर तक जागने न दें। कोशिश करें कि वह जल्दी सो जाएं। सोने से पहले बच्चों को एक बार रीवीजन करने को कहें और फिर उन्हें अच्छी नींद लेने दें।

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बच्चों के लिए टिप्स

● जमकर तैयारी करें।
● सबसे कमजोर विषय को पहले पढ़ें।
● लिखकर याद करें।
● दिमाग को भी आराम दें।
● आराम के दौरान भी प्वाइंट्स दोहराते रहें।
● पुराने पेपर्स को सॉल्व करने का प्रयास करें।
● एक्जाम्स की टाइम लिमिट से आधा घंटा पहले पेपर खत्म करने का प्रयास करें।
● बच्चों को तनाव से बचाने के लिए समय-समय पर प्रेरित करें व घर में खुशनुमा माहौल बनाएं।
● बच्चा कुछ अच्छा करे तो उसकी तारीफ करें। तुमने कुछ खास नहीं किया, जैसे वाक्य कहने की बजाय सकारात्मक रूप से कहें बहुत खूब तुम इससे भी बेहतर कर सकते हो।