अपनी जिंदगी के सबसे खूबसूरत पल हमें अपने बचपन के लगते हैं और खासकर गर्मी की छुट्टियों के। गर्मी की छुट्टियां वो समय है जिसका हर बच्चे को बेसब्री से इंतजार रहता है। ऐसे में हर पेरेंट की यह जिम्मेदारी है कि बच्चों के इन खूबसूरत दिनों को और भी खास व यादगार बनाएं। इस समय उनके साथ भरपूर समय बिताएं और उन्हें नई नई बातें सिखाएं। चलिए जानते हैं कैसे हम अपने बच्चों की छुट्टियों को और भी यादगार और मजेदार बना सकते हैं। 

सबसे पहला काम बजट तय करना 

गर्मी की छुट्टियां हर बच्चे के लिए खास होती हैं और अगर आप भी चाहती हैं कि बच्चे इस दौरान फील गुड करें तो बेहतर है आप बजट प्लानिंग करें। छुट्टियों के लिए अलग से एक फंड सेव रखें और इसी के अनुसार आगे की सारी प्लानिंग बनाएं। क्योंकि बिना प्लानिंग के खर्च ज्यादा हो जाता है और आगे जाकर हमें परेशानी होती है। लेकिन ये हिस्सा सिर्फ आपका है, इसमें बच्चों को शामिल न करें। 

बच्चों से जानें उनकी इच्छा 

इस बार गर्मियों की छुट्टियों में आप सबसे पहला काम ये करें कि अपने बच्चों से पूछे कि वो क्या करना चाहते हैं। आगे की पूरी प्लानिंग आप उसी के अनुसार अपने तय बजट के हिसाब से करें। अगर बच्चा घूमने चाहता है तो आप एक ट्रिप प्लान करें। अगर वो कुछ सीखना चाहता है तो उसे क्लास ज्वाइन करवाएं। अगर वो अपनी किसी स्किल को बढ़ाना चाहते हैं तो उसमें मदद करें। अगर बच्चा टीनएज है तो उसे कोई सर्टिफिकेट कोर्स करने के लिए बढ़ावा दें। ऐसा करने से बच्चे के मन की भी होगी और छुट्टियां सिर्फ मौज मस्ती में ही नहीं बीतेंगी। 

रात में बच्चे के साथ डिसाइड करके सोएं नेक्स्ट डे प्लान 

कोशिश करें रात में बच्चे को कहानियां सुनाकर सुलाएं।
Try to put the child to sleep at night by telling stories.

बच्चों की छुट्टियां हैं तो मौज मस्ती तो बनती ही है। इसलिए बच्चों के साथ खूब टाइम स्पेंड करें। उन्हें समय से उठाकर साथ में ब्रेकफास्ट करें, दिन में उनकी पसंद का लंच बनाएं, शाम को गार्डन लेकर जाएं, फैमिली डिनर के बाद उनसे ढेर सारी बातें करें। ये क्वालिटी टाइम उन्हें हमेशा याद रहेगा। और हां डेली रात में ही सोच लें कि नेक्स्ट डे प्लान क्या है। जिसमें खाने से लेकर घूमने तक की हर बात शामिल करें। कोशिश करें रात में बच्चे को कहानियां सुनाकर सुलाएं।  

अच्छी आदत डेवलप करें, कमी को करें दूर 

गर्मी की छुट्टियों का उद्देश्य शायद यही होगा कि भागदौड़ भरी जिंदगी में जो वक्त हम बच्चों के साथ नहीं बिता पाते, उसकी कमी को पूरा करें। ऐसे में कोशिश करें कि इस दौरान बच्चे में अच्छी आदतें विकसित कर सकें। साथ ही उनकी कमियों को दूर करने का भी प्रयास करें। उनकी अच्छाइयों की तारीफ करें। कमियों को न गिनाएं, उन्हें धीरे-धीरे दूर करने का प्रयास करें। बचपन में ही अगर आप उनकी कमियों को दूर करने की कोशिश करेंगी तो आगे चलकर उन्हें परेशानी नहीं होगी। 

क्यों न दोहराएं वहीं बचपन 

इन छुट्टियों में सिर्फ पांच से सात दिन के लिए ही सही अपने करीबी रिश्तेदारों को घर बुलाएं और बच्चों के जीवन का अहम हिस्सा उन्हें लौटाएं।
In these holidays, just for five to seven days, invite your close relatives home.

आपको याद होगा कैसे गर्मी की छुट्टियों में हम सब नानी-दादी के घर जाते थे। सारे कजिन मिलते थे, दिनभर मौज-मस्ती, खेलना, कभी-कभी लड़ाई-झगड़ा, लेकिन समय के साथ मानों ये कल्चर खत्म हो रहा है। हम सब अपनी लाइफ में इतने बिजी हो गए हैं कि कहीं न कहीं रिश्ते नाम के से महसूस होते हैं। इसका सबसे बड़ा नुकसान ये है कि बच्चे रिश्तों को करीब से समझ नहीं पा रहे। वे इनकी अहमियत से भी अनजान हैं, वो एडजस्ट नहीं कर पाते। इसलिए यह बहुत जरूरी है कि आप उन्हें रिश्तों की अहमियत समझाएं। इन छुट्टियों में सिर्फ पांच से सात दिन के लिए ही सही अपने करीबी रिश्तेदारों को घर बुलाएं और बच्चों के जीवन का अहम हिस्सा उन्हें लौटाएं।

मैं अंकिता शर्मा। मुझे मीडिया के तीनों माध्यम प्रिंट, डिजिटल और टीवी का करीब 18 साल का लंबा अनुभव है। मैंने राजस्थान के प्रतिष्ठित पत्रकारिता संस्थानों के साथ काम किया है। इसी के साथ मैं कई प्रतियोगी परीक्षाओं की किताबों की एडिटर भी...

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