Understand the feelings of children
Generation gap in parenting solutions

Child Failure Reaction: सभी माता-पिता अपने बच्चों को सफलता की तरफ बढ़ते देखना चाहते हैं। वह कभी यह विचार नहीं करते कि उनका बच्चा असफल हो। लेकिन जीवन में आगे बढ़ने का अर्थ है सीखते रहना और इस सीखने की प्रक्रिया में कभी-कभी बच्चे थोड़े धीमे हो जाते हैं या फिर एक प्रयास में नहीं सीख पाते। सीखने की इस प्रक्रिया में अगर कोई पहले प्रयास में ना सीख पाए तो उसे समाज असफल शब्द से संबोधित करता है। हो सकता है आप अपने बच्चों के लिए असफल शब्द को न सुनना चाहें, लेकिन जीवन में सीखने के लिए कई बार उसे दूसरा प्रयास करना होगा। पहले प्रयास में असफलता के बाद कैसे आप अपने बच्चों को संभाले इसके बारे में आज हम बात करेंगे।

अपने बच्चों को सिखाएं, असफलता का अर्थ हार नहीं बल्कि असफलता एक प्रयास है, जिसे पूरा करने के लिए थोड़ी और मेहनत की जरूरत है।

अगर आपका बच्चा अपनी असफलता पर रोना चाहता है तो रोने दें। रोने से उसके अंदर का दुख कम होगा। असफलता के बाद रोना, उदास होना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है। इस बात को समझते हुए बच्चे को थोड़ा समय दें, उसे अपनी असफलता को स्वीकार करने तथा स्थिति को समझने का।

Child Failure Reaction-How parents should react to child's failure
How parents should react to child’s failure

किसी के लिए भी असफलता स्वयं इतनी बड़ी आलोचना है कि फिर व्यक्ति और किसी प्रकार की आलोचना के लिए मानसिक रूप से तैयार नहीं होता। असफलता के बाद अपने बच्चों के सामने उनकी तुलना किसी और से करके उन्हें और अधिक शर्म महसूस ना करवाएं।

इस समय माता-पिता अपने बच्चों को अपनी सफलता गिनवाने की बजाय अपनी असफलता के बारे में बताएं। उन्हें बताएं आपने किस तरह अपनी असफलता को स्वीकार, कैसे दूसरा प्रयास किया। आपके असफलता के बाद दोबारा प्रयास की कहानी उनके लिए प्रेरणा का कार्य करेगी तथा इससे आप अपने बच्चों को सहानुभूति भी दे सकते हैं।

जब बच्चा थोड़ी आराम की स्थिति में आ जाए तो उनसे बात करें। उनसे असफलता का कारण जानने की कोशिश करें। ध्यान रहे आपकी बात आपके बच्चे के साथ इतने नर्म शब्दों में हो कि वह इसे अपनी आलोचना की तरह ना ले। अपने बच्चों को समझाएं हम अपने असफलता के कारणों को जानकर उन पर कार्य कर सकते हैं तथा दूसरे प्रयास में और बेहतर कर सकते हैं।

उन्हें महान व्यक्तियों की प्रेरक कहानियां सुनाएं जिन्होंने सफलता पाने से पहले कितने ही प्रयास में असफल पाई हैं। उन्हें अपने जीवन के असफलता से सफलता की ओर की यात्रा बताएं। याद रखें माता-पिता अपने बच्चों की पहली प्रेरणा बनते हैं।

अपने बच्चों को समझाएं, जीवन में प्रयास के दौरान सफलता और असफलता दोनों ही मिलती है। अगर आप एक सफलता के बाद रुक जाते हैं तो वह भी आपकी असफलता बन जाती है। लेकिन अगर आप असफलता के बाद फिर से प्रयास करते रहते हैं तो वह आपकी सफलता में बदल सकती है। जीवन में फिर से प्रयास करने का विकल्प सदा खुला है यह बात बच्चों को कहें। फिर से प्रयास करना किसी भी असफलता को सफलता में बदल सकता है।

यह कुछ छोटे-छोटे बिंदु हैं, जिन्हें अपनाकर माता-पिता अपने बच्चों को असफलता के बुरे वक्त में संभाल सकते हैं।

निशा निक ने एमए हिंदी किया है और वह हिंदी क्रिएटिव राइटिंग व कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। वह कहानियों, कविताओं और लेखों के माध्यम से विचारों और भावनाओं को अभिव्यक्त करती हैं। साथ ही,पेरेंटिंग, प्रेगनेंसी और महिलाओं से जुड़े मुद्दों...