झूठ बोलते थे फिर भी कितने सच्चे थे हम…ये उन दिनों की बात हैं,जब बच्चे थे हम…जी हां,किसी ने क्या खूब कहा है बच्चों की मासूमियत पर। ये बच्चों की मासूमियत ही होती है, उनके मुंह से झूठ भी बुरा नहीं लगता। वहीं बच्चों की मायूमियत और बालसुलभ मन को देखते हुए अक्सर बड़ों को भी उनसे कुछ झूठ बोलने पड़ते हैं। जैसे कि…















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