अच्छी पेरेंटिंग के 15 रुल्स: Parenting Rules
15 rules of good parenting

Parenting Rules: बचपन की सही परवरिश ही बच्चे का भविष्य तय करती है। इसकी शुरुआत परिवार से ही होती है। साथ ही बचपन से ही बच्चों की अच्छी परवरिश होना बेहद जरूरी है, क्योंकि उम्र का यही
वह पड़ाव है, जब वह सीख रहे होते हैं। जिस तरह आप उन्हें शिक्षा देंगे, वे वैसे ही बनेंगे। ऐसे में कुछ सिद्धांत बच्चे को बनाएंगे एक अच्छा और सफल इंसान।

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Parenting Rules
no more mischief than necessary

सबसे बड़ी बात कि बच्चा-बच्चा कहकर उसकी हर शरारत को नज़रअंदाज़ ना करें, क्योंकि ये वह दौर है, जब बच्चों की शरारतें हमें अच्छी लगती हैं, लेकिन कुछ वक्त बाद ये शरारतें बहुत ज्यादा बढ़ती जाती हैं और नतीजा परेशानी का कारण बन जाती है। ऐसे में उनकी शरारत पर हमेशा नज़र रखें। शरारत पर ना कहना सीखें, क्योंकि बच्चे की शरारत तो ठीक है, पर बिगड़ना सही नहीं।

बचपन से ही सीखने की आदत डेवलप हो जाती है। अक्सर पैरेंट्स का मानना है कि अभी उम्र नहीं सीखने की, लेकिन ये गलत है। बच्चे को अनुशासन में रखना पैरेंटिंग के एक सबसे जरूरी सीढ़ी है। उसके लिए नियम बनाएं, अच्छे संस्कार सिखाएं। पूरी दिनचर्या कैसी रखनी है, ये बताएं। धीरे-धीरे अच्छी आदतों के वे भी आदी हो जाएंगे।

पैरेंट्स अपने बच्चों को लेकर इतने पोजेसिव रहते हैं कि उन्हें लगता है कि अपने बच्चे की हर ज़रूरत पूरी करते रहें। उनकी हर ज़रूरत कब जि़द में तब्दील हो जाएगी, ये आप भी नहीं जानते तो ऐसे में बच्चों की हर मांग पूरी ना करें। उन्हें समझाएं कि ये उनके लिए सही नहीं। जि़द्दी ना हो, इसके लिए उनका दिमाग अच्छी जगह लगाएं।

वॄकग पैरेंट्स के सामने सबसे बड़ी समस्या होती है कि बच्चों के लिए वक्त नहीं होता। ऐसे में अपने बच्चे के लिए घर पहुंचने के बाद वक्त दें। इसके अलावा वीकेंड्स पर बच्चों के लिए खास कार्यक्रम बनाएं और सामान्य दिनों से भी थोड़ा वक्त निकालकर उनकी एक्टिविटीज में ध्यान दें।

अपने बच्चे के बेस्ट फ्रेंड बनें। इसके लिए आपको ये करना है कि आप उनके साथ खेलें, घूमें, उनके दिल की बात जानें। उन्हें अपने कॉन्फिडेंस में लें, ताकि वे आपको अपनी सभी बातें बताएं। उनसे बातें करें। ऐसा करने से वे आपके अच्छे दोस्त बन जाएंगे।

अपना सपना पूरा करने के लिए उन पर ज्यादा दबाव ना डालें। उनसे उतनी ही उम्मीद करें, जितनी वे पूरी कर सके। कई पैरेंट्स अपने बच्चे से बहुत सारी उम्मीद बांध लेते हैं। पढ़ाई को लेकर उनकी सोच है कि बच्चा टॉप पर हो, लेकिन अगर ये उम्मीद अगर बच्चे से करेंगे तो वह इस बात को नहीं समझेगा। उसकी रुचि देखें।

अगर आपके घर का माहौल खुशनुमा नहीं होगा तो बच्चे भी परेशान होंगे। अगर आप खुद चिंतित या गुस्से में होंगे तो इसका असर बच्चों पर भी तो होगा ही। इसके लिए माहौल खुशनुमा होना चाहिए, जैसे घर में सभी खुश रहें, झगड़ा ना करें, एक-दूसरे की रेस्पेक्ट करें, घर में मस्ती वाली एक्टिविटिज़ करें।

ध्यान रहे, अच्छी पैरेंटिंग का एक बेहतरीन टिप्स ये है कि आप भूल से भी बच्चों के सामने दूसरे बच्चे की कमियों-खूबियों की तुलना ना करें। अगर कोई बच्चा आपके बच्चे से बेहतर है तो उसकी अच्छी आदतें बताएं, ना कि उसकी तुलना अपने बच्चे से करके उसके मनोबल को गिराएं।

अच्छी लाइफस्टाइल से ही आपकी जि़ंदगी सही चल सकती है। बच्चे को लाइफस्टाइल से जुड़े टिप्स दें। जैसे सुबह की शुरुआत कैसे करें, रात को कितने बजे सोएं, खाने का वक्त, खेलने का वक्त, सब-कुछ आप ही जैसा डिसाइड करेंगे, वह वैसा ही फॉलो करेगा।

ध्यान रहे, बच्चे के बेहतर स्वास्थ्य के लिए उसे बाहर की बजाय घर के खाने पर ज्यादा फोकस करवाएं। बाहर का खाना हेल्दी नहीं होता। साथ ही हाइजीनिक भी नहीं होता। ऐसे में उन्हें हमेशा घर का हेल्दी खाना ही खाने की आदत डालें। जंक फूड से बचाएं।

बच्चों के अंदर रेस्पेक्ट की भावना डेवलप हो, इसके लिए आपको खुद उनकी रेस्पेक्ट करनी होगी। बच्चे की भावनाओं को समझें। साथ ही जानें कि वह क्या चाहता है। उससे नर्म रहकर बात करें। उसे पूरा ध्यान दें। अगर आपसे वह कोई चीज़ शेयर कर रहा है तो उसकी बातें सुनें।

हर किसी को पसंद है फ्रीडम। ऐसे में हमेशा बच्चा भी क्यों बंदिशों में रहेगा। बच्चे को फ्रीडम में रहने की सीमा निर्धारित करें। सीमा के अंदर उन्हें रहना सिखाएं। उनकी एक्सेक्टेशन के बारे में पूछें। बड़े होते बच्चों के लिए संवेदनशील पैरेंट्स बेहद ज़रूरी होते हैं। बड़े बच्चों को भी आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए बात करें। उनसे जाने कि उनकी क्या उम्मीदें हैं आपसे।

अक्सर लोग वर्तमान और बीते हुए लम्हों को लाने की कोशिश करते हैं। वो बच्चों से भी वैसी ही एक्सपेक्टेशन रखते हैं। अपने बच्चों के साथ प्रेजेंट में जीना है, इसलिए आपको खुद को बदलना होगा और हर $कदम पर अपने बच्चों का साथ देना होगा। अपने बच्चों से प्यार ही नहीं करें,
बल्कि उन्हें सपोर्ट करें।

give your best
give your best

आप हमेशा बच्चे को बेस्ट होने की सलाह दें। उन्हें अपने गोल्स पर ध्यान देने की कोशिश करवाएं। उन्हें समझाएं कि वे अपना बेस्ट दें। उन्हें अच्छी चीज़ों के लिए बेस्ट करवाते रहें। ऐसी चीज़ें आप भी करें, जो अच्छी हों, क्योंकि आपका बच्चा आपको देखकर ही सीखेगा। ठ्ठ

बहुत से पैरेंट्स का एक तरीका होता है कि बच्चे को इतना डांटें कि वे सुधर जाएं। ऐसा बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए, क्योंकि बहुत ज्यादा डांट-फटकार से भी बच्चे सुधरते नहीं। उनकी सही परवरिश के लिए बचपन से ही गलतियों का एहसास कराते रहें। उन्हें पालने का तरीका भी अलग होता है। बच्चे की परवरिश के लिए डांट की बजाय बातचीत ज्यादा सही है।

Distance from mobile, TV, internet
Distance from mobile, TV, internet

अगर आप चाहते हैं कि बच्चा हमेशा सही रहे तो उसे इन चीज़ों से दूर रखें। मोबाइल से जहां उनकी आंखों पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है, वहीं बच्चों के लिए टीवी और इंटरनेट की आदत भी बेहद बुरी है।

बच्चे के आने के बाद हर माता-पिता का यही सपना होता है कि उनका बच्चा खुश रहे, आगे बढ़े, अच्छी आदतें सीखे, लेकिन इस सबके लिए ज़रूरी है कुछ बातों पर ध्यान देना। जानिए, इसी बारे में-