फ्लाइट के दौरान होने वाली ट्रेवल एंग्जाइटी को कैसे करें दूर: Overcome Flight Anxiety
Overcome Flight Anxiety

Overcome Flight Anxiety: सृजन पढ़ाई के लिए कनाडा जा रही थी। एक तरफ तो वो बहुत खुश थी, दूसरी तरफ तकरीबन 14 घंटे की फ्लाइट से मन ही मन घबरा भी रही थी। एक सीट पर बैठे-बैठे इतना लंबा सफर करने में वो असहज महसूस कर रही थी। और ऊपर से टाइम ज़ोन बदलने के कारण पूरा सफर रात के अंधेरे में होने को लेकर परेशान थी। यह तो अच्छा था कि उसका भाई भी उसके साथ जा रहा था, वह उसे परेशान न होने के लिए अच्छी तरह समझाता रहता था। और फ्लाइट में उसे पूरा सपोर्ट भी कर रहा था। लेकिन सृजन एंग्जाइटी की वजह से ठीक से सो नहीं पाई।

ऐसी स्थिति सिर्फ सृजन के साथ ही नहीं बल्कि फ्लाइट में सफर करने वाले कई लोगों के साथ भी होती है। भले ही उन्हें प्रोफेशनल या पर्सनल कारणों से बार-बार फ्लाइट में ट्रेवल करना पड़ता हो, लेकिन उन्हें ट्रेवल करने से पहले मानसिक रूप से तैयार होना जरूरी है। लैंसेट पत्रिका में छपी एक रिपोर्ट के हिसाब से कोरोना महामारी से पहले तकरीबन 44 मिलियन भारतीय फ्लाइट्स में सफर के दौरान ट्रेवल एंग्जाइटी का शिकार होते थे, जिसमें बाद में औसतन 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी और देखी गई।

क्या है ट्रेवल एंग्जाइटी

देखा जाए तो एंग्जाइटी एक सेकंडरी इमोशनल रिएक्शन है। एंग्जाइटी से पहले किसी चीज या किसी बात को लेकर डर की भावना आती है। जब कभी हमें किसी चीज का डर होता है, तो उसकी वजह से लोग तनावग्रस्त हो जाते हैं, उसके बारे में सोचना शुरू करते हैं और धीरे-घीरे पैनिक या घबरा जाते हैं।

जहां तक ट्रेवल एंग्जाइटी का प्रश्न है, यह फ्लाइट में सफर करने से होने वाली एंग्जाइटी है, जिसे क्लौस्ट्रफ़ोबिया कहा जाता है यानी फीयर ऑफ फ्लाइंग। जब हम फ्लाइट से कहीं जाने की प्लानिंग करते हैं या तैयारी करते हैं, तो कई तरह अच्छे-बुरे विचारों और एयरपोर्ट पर की जाने वाली फॉर्मेलिटीज़ के वक्त आने वाली कठिनाइयों को लेकर घबरा जाते हैं। जिसकी वजह से डर या एंग्जाइटी का शिकार हो जाते हैं। यूं तो हमें पता है कि एयरपोर्ट पर की जाने वाली औपचारिकताएं नॉर्मल होती हैं, ट्रेवल करते समय फ्लाइट पूरी तरह बंद होता है और इतनी ऊंचाई पर होने के बावजूद यात्री सुरक्षित होते हैं। फिर भी दूसरे लोगों के एयर ट्रेवल के अनुभवों को सुनकर या न्यूज में एयरक्रैश दुर्घटनाओं को देखने के बाद एंग्जाइटी का शिकार हो जाते हैं। यह कहना गलत नहीं होगा कि इस तरह के डर कहीं न कहीं हमारे दिमाग के नॉलेज बैंक की उपज होते हैं जैसे- फ्लाइट पता नहीं कितना ऊंचा उड़ेगा, बादलों के बीच जाने पर कैसे चलेगा, इंजन ठीक तरह काम कर पाएगा या नहीं, एयरक्रैश तो नहीं हो जाएगा, या कोई दूसरी समस्या तो नहीं आ जाएगी।

क्या है कारण

Flight Anxiety Reason
Flight Anxiety Reason

सबसे पहले तो यह जानना जरूरी है कि आपके एयर ट्रेवल के पीछे एंग्जाइटी के क्या कारण हैं? दरअसल, एयर ट्रेवलिंग से पहले ही आप उसके बारे में सोचकर पैनिक करना शुरू कर देते हैं। या फिर एयरपोर्ट पर पहुंच कर होने वाली औपचारिकताओं को लेकर स्ट्रेस से घिर जाते हैं। आपने न्यूज में देखा कि आजकल लोग बहुत ट्रेवल कर रहे हैं, एयरपोर्ट पर बहुत भीड़ है, लंबी-लंबी लाइनें है, चैकआउट में बहुत टाइम लग जाता है, फोर्मेलिटीज़ पूरी करने के लिए 4-4 घंटे लाइन में लगना पड़ता है।

क्या होते हैं लक्षण

लोग यात्रा के दौरान कई अलग-अलग चीजों की वजह से एंग्जायटी का अनुभव करते है। मसलन नींद और खाने के पैटर्न में बदलाव, मूड चेंज, हार्ट बीट तेज होना, पसीना आना, सीने में दर्द या सांस लेने में दिक्कत हो सकती है, बेचैनी व फोकस करने में परेशानी और सोने में भी दिक्कत हो सकती है। इन चीजों को कुछ ट्रिक्स की मदद से कंट्रोल में किया जा सकता है।

ट्रेवल एंग्जाइटी पर कैसे पाएं काबू

फ्लाइट में यात्रा के लिए जाते समय ट्रेवल एंग्जाइटी होना स्वाभाविक है, लेकिन इससे डरना नहीं चाहिए। संभव है कि आपको फ्लाइट में फ्लाई करने से डर लग सकता है। ऐसी स्थिति में आप ट्रेवल करने से पहले उसके बारे में पढ़ सकते हैं या सोशल मीडिया पर प्रसारित वीडियोज़ देखकर अपनी एंग्जाइटी को शांत कर सकते हैं। इसे पूर्वनिर्धारित प्लानिंग, पोजीटिव सोच रखकर और सचेत रहकर व्यक्ति अपनी एंग्जाइटी पर काबू पा सकता है। ट्रेवल एंग्जाइटी को दूर करने के लिए कुछ टिप्स या रणनीतियां भी हम प्लान कर सकते हैं जिसकी वजह से हम अपना सफर अच्छी तरह तय कर सकते हैं।

ट्रेवलिंग-शेड्यूल की करें प्लानिंग

ट्रेवल एंग्जाइटी को दूर करने के लिए सबसे जरूरी है पूरी प्लानिंग और सकारात्मक सोच के साथ घर से निकले कि सब ठीक होगा। जब आपको पता है कि आप बहुत जल्दी पैनिक हो जाते हैं, तो आपको पूरी प्लानिंग और टाइम मैनेजमेंट करके एयरपोर्ट जाना चाहिए। एयरपोर्ट पर चैकआउट करने में टाइम बहुत लगता है, तो कोशिश रहनी चाहिए कि स्ट्रेस दूर करने के लिए एक घंटा एक्स्ट्रा लेकर चलें। ताकि बिना किसी टेंशन के एयरपोर्ट में की जाने वाली औपचारिकताएं की जा सकें। आजकल फ्लाइट में ट्रेवल करना आम बात हो गई है। इसलिए जरूरी है कि अपनी ट्रेवलिंग-शेड्यूल की प्लानिंग करें।

कल्पना का लें सहारा

Flight Anxiety
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आप अपनी यात्रा के दौरान कल्पना करें कि पहुंचने के बाद क्या-क्या अच्छी चीजें होंगी। आप इस दौरान यह सोच सकते हैं कि डेस्टिनेशन पर पहुंचने के बाद आप कितना मजा करने वाले हैं। यह भी सोच सकते हैं कि यात्रा का समय खत्म होगा और आप मौज-मस्ती कर पाएंगे। ये सारी बातों को आप आंखों के सामने कल्पना करें। ऐसा करने से एंजाइटी खत्म हो जाएगी। इसके लिए आप छोटी-सी डायरी रख सकते हैं जिसमें आप प्लानिंग कर सकते हैं कि प्लेन से उतरने के बाद क्या-क्या करना है।

एयर ट्रेवलिंग की लें जानकारियां

आमतौर पर ट्रेवल एंग्जाइटी की मुख्य वजह इसके बारे में समुचित जानकारी का अभाव होता है। जब आपका सामना अनपेक्षित चीजों या नई परिस्थिति से होता है, आप उतनी जल्दी पैनिक हो जाते हैं या घबरा जाते हैं। इसके बजाय जब आप ट्रेवलिंग के दौरान एयरपोर्ट पर होने वाली औपचारिकताओं और आने वाली मुश्किलों के बारे में पहले ही जानकारी हासिल कर लेते हैं, उन्हें आसानी से पूरा कर लेते हैं। पूरा प्रोसेस समझने की जरूरत होती है यानी एयरपोर्ट पर जाने के बाद टिकट काउंटर पर जाना होता है, बोर्डिंग पास लेते हैं, वहीं सामान देते हैं, अगर आप बाहर जा रहे हैं, तो इमीग्रेशन होता है, सिक्योरिटी चैक होती है, उसके बाद आपको एयरपोर्ट पर इंतजार करना पड़ता है। इन चीजों के बारे में आपको जितनी जानकारी होगी तो आपको घबराहट भी कम होगी।

ध्यान बांटने की करें कोशिश

आपकी फ्लाइट चाहे एक घंटा की हो या अधिक समय की-ट्रेवल एंग्जाइटी कम करने के लिए अपने साथ ऐसी फेवरेट चीजें ले जा सकते हैं या मनपसंद काम कर सकते हैं, जो आपको खुशी का अहसास दिलाती हैं। इनमें व्यस्त होने पर आपका ध्यान बंटेगा, ट्रेवलिंग के दौरान होने वाली परेशानी कम होगी और आप रिलेक्स रहेंगे। जैसे-आप कोई किताब पढ़ सकते हैं, म्यूजिक सुन सकते हैं, ड्राइंग का शौक हो तो पैड पर ड्राइंग या स्कैचिंग कर सकते हैं या डिजीटल गेम्स खेल सकते हैं। अगर आप क्रिएटिव हैं तो इस दौरान आप अपनी कल्पना और विचारों को कागज पर शब्दों का ज़ामा पहना सकते हैं और उसे पूरा एंजाय कर सकते हैं। और कुछ नहीं तो इस दौरान आप सोकर रिलेक्स हो सकते हैं।

स्नैक्स से बनाएं मूड बेहतर

अगर आप खाने के शौकीन हैं तो अपने साथ छोटे-छोटे स्नैक्स रख सकते हैं जिन्हें खाकर अपना मूड बेहतर बनाए रख सकते हैं। क्योकि एंग्जाइटी या अवसाद में रहने पर मूड खराब रहता है। ऐसे में चॉकलेट जैसी पसंदीदा मीठी चीजें खाने पर शरीर में डोपामाइन हार्मोन का लेवल बढ़ जाता है और आपका मूड दोबारा पॉजीटिव होना शुरू हो जाता है। यदि आपको यात्रा से पहले चिंता या घबराहट होती है, तो घर से निकलने से पहले हल्का और सुपाच्य भोजन करें। ओवर ईटिंग से बचें।

मेडिटेशन करेगा मदद

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इसके अलावा डीप ब्रीदिंग, प्राणायाम या मेडिटेशन ट्रेवल एंग्जाइटी से बचने का एक सशक्त माध्यम हैं। ट्रेवल शेड्यूल के कुछ दिन पहले से अगर रेगुलर डीप ब्रीदिंग या प्राणायाम योगासन जैसे योगाभ्यास नियमित रूप से करते हैं, तो यह रिलेक्स रहने और एंग्जाइटी पर कंट्रोल करने में सहायक होते हैं। चिंता और घबराहट से छुटकारा पाने का सबसे आसान उपाय है अपनी सांसों पर काबू पाना। सांस को नियंत्रित कर डर की भावना और हृदय गति को धीमा कर सकते हैं।मेडिटेशन करने से मन में पॉजीटिव सोच और भगवान के प्रति आस्था बनी रहती है जिससे व्यक्ति का माइंड रिलेक्स होता है और वो धीरे-धीरे अपनी पैनिक स्थिति से बाहर आ जाता है। अपनी मसल्स को रिलैक्स करने के लिए रेलवे स्टेशन या एयरपोर्ट पर ही चहलकदमी कर सकते हैं। इससे आपको ट्रैवल एंग्ज़ायटी को कम करने में मदद मिल सकती है।

एयरपोर्ट लुक को बनाएं कम्फर्टेबल

व्यक्ति का पहनावा ट्रेवल एंग्जाइटी में अहम् भूमिका निभाता है। कई लोग एयरपोर्ट लुक देने की खातिर अपने कंफर्ट ज़ोन का भी ध्यान नहीं रखते और बेवजह परेशान रहते हैं। कई बार व्यक्ति अपने कंफर्ट जोन को छोड़कर दूसरों को दिखाने के लिए टिपटॉप ड्रेसअप होकर जाते हैं। यह भूल जाते हैं कि वो ट्रेवल करने जा रहे हैं न कि फाइव स्टार होटल में डिनर करने। जबकि सच्चाई यह है कि आपको अपनी सुविधानुसार या कंफर्ट के हिसाब से ड्रेसअप होंगे तो अपने आप को कंफर्टेबल और तनावरहित रख पाएंगे और रिलेेक्स होकर अपनी जर्नी को एंजाय कर पाएंगे।

(डॉ कोमल वर्मा, प्रोग्राम लीडर, मनोविज्ञान विभाग, ब्रिटिश यूनिवर्सिटी, बहरीन)