career minimalism meaning
career minimalism meaning

Overview:

जेनरेशन जेड यानी वो युवा जो 1997 के बाद पैदा हुए हैं। इनका काम को लेकर नजरिया पुरानी पीढ़ियों से काफी अलग है। जेन जेड अब 'करियर मिनिमलिज्म' पर फोकस करती है।

career minimalism: एक समय था जब लोग मानते थे कि नौकरी में जितनी मेहनत करेंगे, तरक्की की राहें उतनी ही आसान होंगी। वे खुद को पूरी तरह से ऑफिस में समर्पित कर देते थे। उसके आगे उन्हें कोई नहीं दिखता था। लेकिन अब स्थितियां और सोच बिलकुल अलग हो चुकी है। जेन जेड अब ‘करियर मिनिमलिज्म’ पर फोकस करती है। क्या है ये नया ट्रेंड आइए जानते हैं।

चुन रहे हैं खुद की खुशियां

Benefits of micro-retirement
Benefits of micro-retirement

जेनरेशन जेड यानी वो युवा जो 1997 के बाद पैदा हुए हैं। इनका काम को लेकर नजरिया पुरानी पीढ़ियों से काफी अलग है। ये अब सिर्फ पद और पैसे के पीछे नहीं भाग रहे, बल्कि वो तरीका चुन रहे हैं जिससे उनकी जिंदगी में वर्क लाइफ बैलेंस बना रहे। वे उन कामों पर फोकस कर रहे हैं, जिनसे उन्हें खुशी मिलती है।

सैकड़ों युवाओं ने कही दिल की बात

ग्लासडोर की एक रिपोर्ट के मुताबिक जेन जेड अब ‘कैरियर मिनिमलिज्म’ को अपना रहे हैं। ये युवा अपनी नौकरी को सिर्फ पैसे कमाने का जरिया मानते हैं। वे अपने असली जुनून और महत्वाकांक्षाओं को ऑफिस के बाहर पूरा करने में विश्वास रखते हैं। सीधे शब्दों में वे अपने शौक को नौकरी के लिए कुर्बान करने में बिलकुल विश्वास नहीं रखते। उनका मानना है कि इससे जिंदगी में बैलेंस बना रहता है। इस स्टडी में करीब एक हजार युवाओं को शामिल किया गया था।

मोटी तनख्वाह के साथ चाहिए पद

जेन जेड अब ऊंचा पद पाने के लिए हद से ज्यादा मेहनत नहीं करना चाहती। ग्लासडोर के सर्वे में पाया गया कि 68% जेन जेड कर्मचारी तब तक मैनेजर का पद ही नहीं लेना चाहते, जब तक उन्हें इसके बदले अच्छी तनख्वाह न मिले। यानी वे मुफ्त में कोई भी जिम्मेदारी नहीं निभाना चाहते। वे मैनेजमेंट से दूर रहकर ही खुश रहने में विश्वास करते हैं।

खुद के लिए सोचते हैं पहले

दुनिया की सबसे बड़ी जॉब और रिक्विपमेंट कंपनी ग्लासडोर के मुख्य अर्थशास्त्री डैनियल झाओ का कहना है कि ऐसा नहीं है कि सभी जेन जेड ऊंचे पदों से दूर भाग रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार करीब 10% मैनेजर जेन जेड हैं। ऐसे में यह जेन जेड नेतृत्व को नकार नहीं रही। लेकिन अब उनकी सोच अलग है। वे कंपनी से पहले अब खुद के लिए सोचते हैं। साथ ही ज्यादा काम और दबाव का पूरा भुगतान भी उन्हें चाहिए। वे नौकरी को लेकर काफी प्रेक्टिकल हो गए हैं।

नौकरी है सिर्फ एक जरिया

झाओ का कहना है कि जेन जेड के लिए सफलता का मतलब अब ऊंची पोस्ट नहीं, बल्कि संतुलित जीवन और निजी संतुष्टि है। वे परंपरागत नियमों को आंख बंद करके फॉलो नहीं करते। रिपोर्ट के अनुसार 57% जेन जेन अपने शौक पूरा करने की कोशिश करते हैं। उनका मानना है कि इसी से उन्हें असली खुशी मिलती है। वे नौकरी सिर्फ इसलिए करते हैं जिससे वे परिवार और अपनी जरूरतों के साथ ही शौक भी पूरा कर सकें।

लचीलापन है आज की जरूरत

इस वर्कलाइफ ट्रेंड्स रिपोर्ट में यह भी पता चला कि आज के युवा ऑफिस में ज्यादा घंटे काम करने के सख्त खिलाफ हैं। यानी वे समय पर ऑफिस छोड़ने की पूरी कोशिश करते हैं। इतना ही नहीं वे जॉब को लचीला रखते हैं। सर्वे में 58% युवाओं ने माना कि गर्मियों में वे कम काम करते हैं। भले ही ऐसा कोई ऑर्डर हो या नहीं। युवाओं का कहना है कि करियर का मतलब सिर्फ पद या प्रमोशन नहीं है। उन्हें जिंदगी में खुशियां और शांति भी चाहिए।

मैं अंकिता शर्मा। मुझे मीडिया के तीनों माध्यम प्रिंट, डिजिटल और टीवी का करीब 18 साल का लंबा अनुभव है। मैंने राजस्थान के प्रतिष्ठित पत्रकारिता संस्थानों के साथ काम किया है। इसी के साथ मैं कई प्रतियोगी परीक्षाओं की किताबों की एडिटर भी...