Overview:कार, प्लेन या नाव में यात्रा करते समय आते हैं चक्कर और उल्टी? जानें वजह और कुछ ज़बरदस्त उपाय जो तुरंत असर करें
मोशन सिकनेस एक आम परेशानी है, जिसमें सफर के दौरान चक्कर, उल्टी या मतली जैसा महसूस होता है। यह तब होता है जब ब्रेन को आंखों और कानों से अलग-अलग सिग्नल मिलते हैं। इस लेख में इसकी वजहों के साथ 9 ऐसे आसान घरेलू उपाय बताए गए हैं जो तुरंत राहत देते हैं। अदरक, एक्यूप्रेशर, सही सीट चुनना और हल्का खाना इसके असरदार इलाज हैं।
Motion Sickness Causes:बहुत से लोगों को सफर करते वक्त चक्कर आना, उल्टी जैसा मन होना या सिर भारी महसूस होना जैसी दिक्कत होती है। चाहे कार में बैठें, प्लेन में जाए या बोट में —एक सिंपल-सी ट्रिप भी सिरदर्द बन जाती है। इसे मोशन सिकनेस या ट्रैवल सिकनेस कहा जाता है।
यह समस्या तब होती है जब हमारे ब्रेन को आंखों, कानों और शरीर से अलग-अलग सिग्नल मिलते हैं। जैसे अगर आप कार में किताब पढ़ रहे हैं, तो आंखों को लगेगा आप एक ही जगह हैं, जबकि शरीर को लगेगा आप हिल रहे हैं। यह गड़बड़ ब्रेन को कन्फ्यूज कर देती है, जिससे मतली और चक्कर जैसी परेशानी शुरू हो जाती है।
हर कोई मोशन सिकनेस से नहीं जूझता, लेकिन कुछ लोगों में यह ज्यादा देखने को मिलती है—खासतौर पर महिलाओं में (पीरियड्स या प्रेगनेंसी के समय), बच्चों में और जिनको माइग्रेन की समस्या होती है। अच्छी बात ये है कि कुछ आसान घरेलू उपाय और आदतें आपकी ये परेशानी काफी हद तक कम कर सकती हैं।
मोशन सिकनेस क्यों होती है
मोशन सिकनेस तब होती है जब आपके ब्रेन को आंखों, कानों और शरीर से अलग-अलग तरह की जानकारी मिलती है। इससे ब्रेन कंफ्यूज हो जाता है और लगता है जैसे कुछ गड़बड़ है, जिससे उल्टी जैसा मन, चक्कर और पसीना आना शुरू हो जाता है। कुछ लोगों का अंदरूनी संतुलन (inner balance) दूसरों के मुकाबले ज़्यादा सेंसेटिव होता है, जिससे उन्हें ये समस्या जल्दी होती है।
महिलाएं हार्मोनल बदलाव की वजह से सफर में ज़्यादा बीमार महसूस करती हैं। इसके अलावा 2 से 12 साल के बच्चे, माइग्रेन से पीड़ित लोग और जो पहले से चिंता में रहते हैं, उन्हें भी मोशन सिकनेस जल्दी होती है। इसके पीछे जेनेटिक्स भी एक वजह हो सकती है। अगर परिवार में किसी को ये दिक्कत है, तो आपको भी हो सकती है।
इन उपायों से सफर के दौरान पाएं राहत
- अदरक (Ginger): अदरक पेट को शांत करने के लिए जानी जाती है। सफर से पहले अदरक की चाय पिएं या अदरक की टॉफी साथ रखें।
- एक्यूप्रेशर बैंड: Sea-bands हाथ की नसों पर दबाव डालकर उल्टी को रोकते हैं। सफर के दौरान दोनों कलाई पर पहनें।
- हॉराइजन देखें: सफर में दूर किसी स्थिर चीज़ को देखें जैसे पेड़ या रास्ता—इससे ब्रेन को सही सिग्नल मिलते हैं।
- स्क्रीन या किताबों से दूरी बनाएं: सफर में मोबाइल या किताब पढ़ने से चक्कर ज़्यादा आते हैं। इसके बजाय म्यूजिक सुनें।
- सीट का सही चुनाव: कार में आगे की सीट पर बैठें, बस में खिड़की के पास और प्लेन में विंग्स के पास बैठना फायदेमंद होता है।
क्या खाएं सफर से पहले?
सफर से ठीक पहले पेट बहुत ज़्यादा भरना नुकसानदायक हो सकता है। भारी, तली-भुनी और मसालेदार चीज़ें उल्टी को बढ़ा सकती हैं। सफर से पहले कुछ हल्का खाएं जैसे टोस्ट, केला या दलिया।
गैस वाली चीज़ें जैसे सोडा या ज्यादा मिठाइयां भी पचने में समय लेती हैं और सफर के दौरान परेशान कर सकती हैं। ध्यान रखें कि सफर से 1 घंटे पहले खाना खाएं और बीच में पानी पीते रहें, ताकि डिहाइड्रेशन न हो।
अगर पेट खाली रहेगा, तब भी चक्कर आ सकते हैं, इसलिए ज़रूरी है कि संतुलन बनाकर चलें। हल्का, सुपाच्य और पौष्टिक खाना सफर के लिए सबसे बेहतर होता है।
ट्रैवल करते समय कूल और फ्रेश रहें
जब सफर में गर्मी या हवा की कमी होती है तो मोशन सिकनेस और भी ज़्यादा महसूस होती है। कोशिश करें कि कार की खिड़की खुली हो या AC चल रहा हो, ताकि हवा आती रहे।
अगर आप बस या प्लेन में हैं तो अपनी सीट के पास एयर वेंट को चालू रखें। चाहें तो एक छोटा पोर्टेबल फैन भी अपने पास रख सकते हैं।
पसीने या बदबू से भी उल्टी का मन हो सकता है, इसलिए कपड़े हल्के और आरामदायक पहनें और पसीने से बचने की कोशिश करें। साफ-सुथरा और हवादार माहौल मोशन सिकनेस को काफी हद तक कम कर देता है।
प्राकृतिक उपायों से भी मिलेगी राहत
आयुर्वेद के अनुसार मोशन सिकनेस वात दोष के असंतुलन से होती है। इससे बचने के लिए कुछ खास उपाय अपनाए जा सकते हैं—जैसे यात्रा से पहले सौंफ चबाना या ब्राह्मी का सेवन करना।
त्रिफला चूर्ण रात को सोने से पहले लेना भी पेट को साफ रखता है और सफर में उल्टी नहीं आती। अश्वगंधा जैसी जड़ी-बूटियां नर्वस सिस्टम को शांत रखती हैं, जिससे चक्कर या मतली की संभावना कम होती है।
इसके अलावा, पेपरमिंट या लेमनग्रास जैसे खुशबूदार तेलों की खुशबू भी काफी राहत देती है। आप एक छोटा सा अरोमा रोल-ऑन साथ रखें और ज़रूरत पड़ने पर सूंघें। ये सारे उपाय बिना किसी साइड इफेक्ट के राहत देते हैं।
