सावन में शनि वक्री होकर बदलेंगे किस्मत
सावन में शनि वक्री होकर मकर और कुंभ राशि की किस्मत बदल सकते हैं। करियर, धन और फैसलों में बड़ा बदलाव संभव है। आत्मनिरीक्षण का समय रहेगा।
Shani Vakri 2025: ज्योतिष शास्त्र में शनि ग्रह का महत्वपूर्ण स्थान है। इसलिए शनि का गोचर, राशि परिवर्तन, वक्री और मार्गी होना भी खास महत्व रखता है। शनि जब अपनी चाल बदलते हैं तो इसका असर न सिर्फ राशियों बल्कि राशिचक्र की सभी 12 राशियों और देश दुनिया पर भी पड़ता है। सावन महीने की शुरुआत शुक्रवार 11 जुलाई 2025 से हो चुकी है और इसी महीने शनि भी वक्री होंगे। शनि का वक्री होना यानी उल्टी चाल चलना कई राशियों के जीवन को प्रभावित करेगा और उनके जीवन में बड़े बदलाव आएंगे। कुछ राशियों के लिए यह समय चुनौती पूर्ण हो सकता है तो वहीं कुछ को शनि वक्री का लाभ भी मिलेगा।
सावन में शनि होंगे वक्री

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 13 जुलाई 2025 को सुबह 7 बजकर 24 मिनट पर शनि वक्री हो जाएंगे और 28 नवंबर 2025 तक शनि वक्री ही रहेंगे, फिर मार्गी हो जाएंगे। आमतौर पर किसी ग्रह का वक्री होना शुभ नहीं माना जाता है। लेकिन यह जरूरी नहीं की शनि वक्री होकर हमेशा अशुभ फल ही दे। कई बार शनि का वक्री होना राशियों के लिए लाभकारी भी साबित होता है। दरअसल, शनि जब वक्री अवस्था में रहते हैं तो पृथ्वी से देखने पर वह ग्रह धीमी गति से चलता हुआ प्रतीत होता है, जिसे देख ऐसा लगता है कि ग्रह उल्टी दिशा में चल रहा है, जबकि वास्तव में वह अपनी दिशा में ही रहता है। लेकिन वक्री अवस्था में ग्रह पृथ्वी के सबसे नजदीक होता है। यही कारण है कि उसका फल भी अधिक प्रभावशाली हो जाता है। बात करें शनि की तो शनि लगभग एक वर्ष में 138 दिन तक किसी राशि में वक्री अवस्था में रहते हैं। वक्री ग्रह जिस भाव में होता है उससे एक पूर्व भाव का फल देता है। ऐसे में वक्री अवस्था में शनि किन राशियों को शुभ फल प्रदान करेंगे, आईए जानते हैं।
शनि वक्री से मालामाल होंगे वृश्चिक राशि वाले

शनि का वक्री होना वृश्चिक राशि वालों के लिए शुभ रहेगा। शनि वक्री होकर आपकी राशि में धन राजयोग बनाएंगे, क्योंकि आपकी राशि की कुंडली के पंचम भाव में शनि वक्री होंगे। वहीं दूसरे और चौथे भाव में राहु और अष्टम भाव में गुरु का गोचर है। ऐसे में शनि की तीसरी दृष्टि सप्तम भाव पर और सप्तम दृष्टि एकादशी भाव पर और दशम दृष्टि धन भाव में रहेगी, जिस कारण आपको अकस्मात धन का लाभ हो सकता है। पुराने निवेश का लाभ भी इस दौरान मिलेगा। व्यापार में भी तरक्की के योग बनेंगे।
मकर राशि के खुलेंगे भाग्य

शनि का वक्री होना मकर राशि वाले जातकों के लिए भी अनुकूल साबित होगा। मकर राशि के तीसरे भाव में शनि विराजमान हैं। ऐसे में तीसरे भाव में रहकर शनि दूसरे भाव का भी फल देंगे। इस दौरान मकर राशि वालों को उनकी मेहनत का पूरा फल मिलेगा, कार्य की प्रशंसा की जाएगी और साथ ही पदोन्नति के योग भी बनेंगे। पारिवारिक जीवन में खुशियों का आगमन होगा। अगर कोई कार्य लंबे समय से लंबित था तो वह भी इस दौरान पूरा हो सकता है।
मीन राशि वाले होंगे तनावमुक्त

मीन राशि में पहले से ही शनि की साढ़ेसाती का दूसरा चरण चल रहा है। इस दौरान शनि आपकी राशि के लग्न भाव में वक्री हो रहे हैं, जिसका असर सबसे ज्यादा आपकी राशि पर ही पड़ेगा। शनि आपकी राशि के एकादशी और द्वादश भाव के स्वामी भी हैं। लगन अवस्था में वक्री होकर शनि द्वादश भाव का फल भी देंगे। इससे आपको मानसिक तनाव से मुक्ति मिलेगी, कोई कार्य पूरा होने से आप राहत की सांस लेंगे, आत्मविश्वास में भी वृद्धि होगी और धर्म-कर्म के कार्यों में आपकी रुचि बढ़ेगी।
