मालवा उत्सव होता है मांडू मेें
मध्यप्रदेश पर्यटन विभाग के द्वारा मालवा उत्सव का आयोजन किया जाता है जो देश भर के पर्यटकों को मांडू आने का सबसे अच्छा मौका प्रदान करता है।
Mandu Tour: मांडू मध्यप्रदेश के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में शुमार किया जाता है और इस जगह पर हर साल हज़ारों की संख्या में सैलानी आते हैं। इस जगह पर घूमने टहलने के साथ-साथ आप खानपान का भी अच्छी तरह से लुत्फ़ उठा सकते हैं। इस जगह पर मध्यप्रदेश पर्यटन विभाग के द्वारा मालवा उत्सव का आयोजन किया जाता है जो देश भर के पर्यटकों को मांडू आने का सबसे अच्छा मौका प्रदान करता है। मांडू को हम मांडवगढ़ और शादियाबाद के रूप में भी जानते हैं। यह एक ऐसी ओजस्वी और खुशियों से परिपूर्ण धरा है जिसने इतिहास की मार और प्रकृति के प्रकोपों को सहा है। इस शहर में आपको वास्तुकला के कई अद्भुत नमूने दिखाई देंगे जोकि इस जगह की शान हैं। इस जगह पर देखने के लिए मस्जिद, महल, किले आदि आपको देखने को मिलेंगे।
होसांग मकबरा जिसे भारत की पहली संगमरमर संरचना के तौर पर जाना जाता है मांडू में ही स्थित है, कहा जाता है कि ताजमहल को बनाने के लिए इसी मकबरे से प्रेरणा ली गई थी। ऐसे में यदि आप मांडू आने का विचार बनाते हैं तो इन जगहों पर घूमना बिल्कुल भी नहीं भूलें।
बाज बहादुर महल

मांडू में स्थित बाज बहादुर महल 16वीं सदी में बनाया गया एक ऐतिहासिक स्मारक है जिसे देखने के लिए देश भर से लोग पहुंचते हैं। इस महल की संरचना में एक बहुत बड़ा सा आंगन, हॉल और एक छत शामिल है। इस जगह से पूरे मांडू का बहुत ही ख़ूबसूरत और दिल को थाम लेने वाला प्राकृतिक नज़ारा दिखाई देता है। यह महल, रूपमती और बाज बहादुर के बीच घटी उस की प्रेम कहानी का गवाह है जोकि धर्म और दुनियादारी से परे थी।
मस्जिद जामी

मस्जिद जामी मांडू की सबसे ख़ास और पसंदीदा जगहों में शुमार की जाती है। इस मस्जिद का निर्माण 15 वीं शताब्दी में गौरी राजवंश के शासकों ने करवाया था। जिसकी वजह से पर्यटन के साथ साथ इसका ऐतिहासिक महत्व भी बहुत ज़्यादा है। यह वर्तमान में मांडू घूमने आने वालों के लिए अपना धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व बताती जान पड़ती है। यह इमारत दमिश्क की महान मस्जिद की याद दिलाती है।
बाघ गुफाएं

मांडू के पास स्थित बाघ गुफाएं नौ गुफाओं की एक समूह हैं, जोकि बौद्ध धर्म से जुड़ी हुई है। यह देखने में काफ़ी ख़ूबसूरत हैं और इनकी भीतरी दीवारों पर कई तरह के सुंदर अलंकरण बने हुए हैं। इन गुफाओं को कब बनाया गया इसका सही सही तारीख़ नहीं मालूम फिर भी ऐसा अनुमान लगाया जाता है कि यह लगभग 400 से 700 ई.पू की होगी। इनकी सबसे खास बात यह है कि यह आज तक प्रकृति की मार से बची हुई है और इतना लम्बा समय बीत जाने के बाद भी हम सबके लिए उल्लेखनीय हैं।
जहाज महल

यह एक महल है जो अपने नाम के मुताबिक़ ही जहाज के आकार में बना हुआ है। इस महल की बनावट बहुत ही ख़ूबसूरत है जिसे देखने के लिए दूर दूर से पर्यटक आते हैं। इस महल के किनारों पर दो तालाब बनाए गए हैं और उनके बिल्कुल बीच में जहाज के आकार का एक महल बनाया गया। अपने इस आकर की वजह से ही इसे जहाज महल का नाम दिया गया। इस महल को दूर से देखने पर ऐसा प्रतीत होता है जैसे कोई जहाज पानी में तैर रहा है। अपनी खूबसूरती और बनावट की वजह से यह लोगों के आकर्षण का केंद्र बना रहता है।
दरिया खान का मकबरा

मांडू में स्थित दरिया खान का मकबरे को इस जगह की एक बेहद ही महत्वपूर्ण कलाकृति के तौर पर प्रदर्शित किया जाता है। इसी मकबरे में ही दरिया खान को दफ़नाया गया था जिसकी वजह से इसका नाम दरिया खान मक़बरा पड़ा। इसमकबरे की दीवारों पर बनी कलाकृति और बारीक नक्काशी को देखने के बाद ऐसा लगता है कि हम किसी और दुनिया में प्रवेश कर गए हैं। इस जगह की सैर करना एक बहुत ही ख़ूबसूरत अनुभव होता है।
रेवा कुंड

बाज बहादुर और रूपमती की प्रेम कहानियों को समर्पित रेवा कुंड एक झील है। जिसे बाज बहादुर ने रूपमती मंडप में पानी की आपूर्ति के लिए बनवाया था। यह झील काफ़ी ख़ूबसूरत है और अपने धार्मिक और प्राकृतिक महत्व के लिए जानी जाती है। हिंदुओं के द्वारा संरक्षित इस झील को स्थानीय लोग आस्था की दृष्टि से देखते और पवित्र मानते हैं। यह जगह मांडू आने वाले यात्रियों को अपनी तरफ़ खिंचती है।
हिंडोला महल

मांडू में स्थित हिंडोला महल को इस जगह की सबसे ख़ास जगहों में गिना जाता है। मांडू आते हैं तो यहां मौजूद हिंडोला महल जरूर देखें। इस महल को देखकर आपको समझ में आ जाएगा कि इसकी बनावट भी उतनी ही अनोखी है जितना की इसका नाम। इस के नाम के पीछे की कहानी यह है कि, महल की दीवार थोड़ी सी झुकी हुई है, जिसकी वजह से दूर से देखने पर महल एक झूले की तरह नजर आता है।
ईको पॉइंट

यदि आप प्रकृति प्रेमी हैं तो ईको पॉइंट जाना आपको कई तरह के ख़ूबसूरत अनुभवों से भर देगा। इस जगह पर आप कई तरह के प्राकृतिक नज़ारों का लुत्फ़ ले सकते हैं। इस जगह का शांत वातावरण आपको काफ़ी रास आएगा। ईको पॉइंट की खासियत यह है कि अगर आप इस जगह से जोर से चिल्लागे तो, पहाड़ों से टकराकर वापस आपको अपनी आवाज़ सुनाई देगी। इस आवाज गूंजने की वजह से ही इस जगह को ईको पॉइंट कहा जाता है।
कैसे जाएं मांडू
मांडू इंदौर के नज़दीक स्थित एक छोटा सा शहर है। इस जगह पर पहुंचने के लिए हर तरह के परिवहन के साधन उपलब्ध हैं। आप अपनी पसंद और सहूलियत के हिसाब से एयर, रेल और सड़क का चुनाव कर सकते हैं। मांडू का नजदीकी एयरपोर्ट इंदौर है जो मांडू से महज़ 100 किमी. की दूरी पर स्थित है। इस एयरपोर्ट से दिल्ली, मुम्बई, ग्वालियर और भोपाल जैसे सभी देश के प्रमुख शहरों के लिए नियमित उड़ाने भरी जाती है। यदि हम निकटतम रेलवे स्टेशन की बात करें तो रतलाम है जोकि मांडू से 105 किमी. की दूरी पर स्थित है। इसके अलववा देश के सभी शहरों से मांडू के लिए बस और टैक्सी उपलब्ध रहती है।