Intangible Cultural Heritage: यूएन के सांस्कृतिक संगठन यूनेस्को की लिस्ट में अगर कोई चीज शामिल होती है तो वह एक बहुत बड़ी बात मानी जाती है। यह वो इंटरनेशनल संगठन है जो कि एजुकेशन, साइंस, कल्चर, कम्युनिकेशन और इन्फार्मेशन में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देकर शांति और सुरक्षा में योगदान देता है। यह समय-समय पर इन क्षेत्रों से संबंधित कुछ लिस्ट जारी करता रहता है। ऐसे ही एक लिस्ट हाल ही में जारी की गई है। यह भारत के लिए एक गौरव का क्षण है क्योंकि भारत का एक पारंपरिक नृत्य गरबा यूनेस्को की इंटेजेबल लिस्ट में शामिल हुआ है। यह निर्णय 5 दिसंबर को बोत्सवाना में एक मीटिंग के दौरान लिया गया। इंटेजेबल कल्चरल हैरिटेज को सहेजने के लिए सथापित गवर्मेंटल कमेटी ने यह निर्णय लिया है।
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कुछ इस तरह से किया गया परिभाषित

यूनेस्को ने अपनी वेबसाइट पर गरबा को “एक अनुष्ठानिक और भक्ति नृत्य के रूप में वर्णित किया है जो कि हिंदू त्यौहार नवरात्रि के अवसर पर किया जाता है, जो स्त्री ऊर्जा या ‘शक्ति’ की पूजा के लिए समर्पित है। जाहिर है कि इस लिस्ट में शामिल होने के बाद इस डांस को ग्लोबल लेवल पर एक पहचान मिलेगी। गुजरात राज्य से शुरु हुआ गरबा का यह सफर बॉलीवुड के साथ-साथ अब पूरी दुनिया में भी पहचाना जाने लगा है।
लेकिन क्या है महिलाओं की स्थिति
यूनेस्को की ओर से नृत्य को पहचान मिलने के बाद यह हम हिंदुस्तानियों के लिए सजग होने का समय है। यह नृत्य मां दुर्गा की स्तुति में किया जाता है। लेकिन हमारे समाज में महिलाओं की क्या स्थिति है यह हमसे बेहतर कोई नहीं जानता। हम तो फिलहाल इस समस्या से भी जूझ रहे हैं कि बेटी का पैदा होना बहुत से परिवारों में आज भी शुभ समाचार लेकर नहीं आता। खैर सच बात है कि यह समय जश्न का है। इसके अलावा हमें यह भी समझना होगा कि आगे बढ़ने के लिए खुद को विस्तार देने के लिए हमारा अपनी जड़ों से जुड़ना और मजबूत होना कितना जरुरी है।
