Iconic Shiva Temples: पूरी दुनिया जानती हैं, भारत एक भगवान पर अटूट विश्वास करने वाला एक धार्मिक देश है। जहां लोगों का अलग-अलग धर्मो और परंपराओं पर विश्वास देखने को मिलता है। भारत में प्राचीन से लेकर नए सभी मंदिरों में अद्भुत कलाकृति और बेहतरीन इतिहास देखने को मिलता है। इसीलिए आजकल पूरी दुनिया से लोग यहां स्पिरिचुअलिटी यानि भगवान के प्रति एक दिव्य अनुभूति करने के लिए आते हैं।
भारत में भगवान शिव को “देवों के देव महादेव” कहा जाता है, जिनकी पूजा अर्चना अलग-अलग जगहों पर कई अलग तरीके से की जाती है। भारत देश भगवान शिव के बेहद प्राचीन, ऐतिहासिक और भव्य मंदिरों से सजा हुआ है। जहां जाकर आप स्वयं भगवान शिव की शक्तियों को महसूस कर सकते हैं। आज हम आपको भारत के सबसे भव्य, प्राचीन और पारंपरिक शिव मंदिरों के दर्शन करवाने वाले हैं। आइये भारत में मौजूद भगवान शिव के सबसे पुराने और शानदार मंदिरों के विषय में जानते हैं, जहां आपको जीवन में एक बार जरूर जाना चाहिए।
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भारत में मौजूद हैं, भगवान शिव के सबसे पौराणिक और भव्य मंदिर : Iconic Shiva Temples
जम्मू और कश्मीर में अमरनाथ मंदिर

भगवान शिव का अमरनाथ मंदिर जम्मू कश्मीर की राजधानी श्रीनगर से लगभग 150 किलोमीटर दूर ऊंचाई पर स्थित है। अमरनाथ गुफा में बर्फ से बने शिवलिंग की पूजा होती है। आप देखेंगे यहां पहाड़ बर्फ की चादरों से ढके रहते हैं। बेहद कठिन रास्ता होने के बावजूद यहां श्रद्धालु दूर-दूर से भगवान शिव के दर्शन को आते हैं। अमरनाथ यात्रा हर साल जुलाई से लेकर अगस्त के बीच लगभग 50 दिनों तक चलती है। अमरनाथ मंदिर को तीर्थ स्थल माना जाता है, जिसकी बहुत मान्यता है। कहा जाता है, यहां स्वयं भगवान शिव ने माता पार्वती को अमरत्व की कथा सुनाई थी। बर्फ से बनी शिवलिंग हिमालय में स्वयं आदियोगी शिव के होने की अनुभूति करवाती है। आपको एक बार अमरनाथ यात्रा जरूर करनी चाहिए।
उत्तर प्रदेश में काशी विश्वनाथ मंदिर

उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित काशी या वाराणसी शहर को स्वयं भगवान “शिव की नगरी” कहा जाता है। भगवान शिव का सबसे पौराणिक और पवित्र काशी विश्वनाथ मंदिर पवित्र बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। वाराणसी शहर गंगा के तट पर बसा हुआ है, मान्यता है जो व्यक्ति जीवन में एक बार काशी विश्वनाथ मंदिर के दर्शन करने के बाद पावन गंगा नदी में स्नान करता है उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। काशी विश्वनाथ मंदिर से श्रद्धालुओं की श्रद्धा के साथ भारत देश का इतिहास भी जुड़ा हुआ है। आपको जीवन में एक बार काशी विश्वनाथ मंदिर के दर्शन जरूर करने चाहिए।
कर्नाटक में मुरुदेश्वर मंदिर

कर्नाटक राज्य के कन्नड़ जिले में स्थित भगवान शिव का प्राचीन मुरुदेश्वर मंदिर लगभग हजारों साल पुराना है। भगवान शिव यहां स्वयं मुरूदेश्वर अवतार में विराजमान है। यह मंदिर चारों ओर समुद्र के पानी से घिरा हुआ है। मुरूदेश्वर मंदिर में स्थित भगवान शिव की मूर्ति पूरी दुनिया की दूसरी सबसे ऊंची शिव प्रतिमा मानी जाती है। मुरुदेश्वर मंदिर के विषय में कई पौराणिक कथाएं सुनने को मिलती है, जिसमें कहा जाता है जब रावण अमृत प्राप्ति के लिए भगवान शिव की आराधना कर रहे थे। तब भगवान शंकर ने उसे एक शिवलिंग दिया था, यह कथा विस्तार से शिव पुराण में वर्णित है। आपको एक बार प्राचीन मुरूदेश्वर महाकाल मंदिर के दर्शन जरूर करने चाहिए।
उत्तराखंड में केदारनाथ मंदिर

हिमालय की पावन छाया में स्थित उत्तराखंड राज्य कई तीर्थ स्थल, प्राचीन मंदिर और मां गंगा के निवास स्थान के रूप में जाना जाता है। केदारनाथ धाम आज भी हिमालय में स्वयं भगवान शिव के होने की अनुभूति करवाता है। केदारनाथ बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है,
जिसकी स्थापना आदि शंकराचार्य ने की थी। केदारनाथ यात्रा में हर साल श्रद्धालु बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं। केदारनाथ मंदिर कई भयानक प्राकृतिक आपदाएं झेलने के बाद भी मजबूती से खड़ा हुआ है। मन में भक्ति और श्रद्धा जगाने के लिए आपको केदारनाथ यात्रा एक बार जरूर करनी चाहिए।
मध्य प्रदेश में महाकालेश्वर मंदिर

मध्य प्रदेश राज्य के उज्जैन नगरी में स्थित महाकालेश्वर मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है, जिसकी भगवान शिव के भक्तों में खूब मान्यता है। महाकालेश्वर मंदिर में मौजूद “महाकाल” के इस खास रूप का वर्णन शिव पुराण में किया गया है। महाकालेश्वर मंदिर में स्थित ज्योतिर्लिंग अन्य ज्योतिर्लिंगों में सबसे खास माना जाता है। क्योंकि केवल यहां एक ऐसा ज्योतिर्लिंग है, जो दक्षिणमुखी है। महाकालेश्वर मंदिर को लेकर कहा जाता है कि पौराणिक समय में भगवान शिव स्वयं यहां प्रकट हो भक्तों के निवेदन पर विराजमान हो गए। मान्यता है कि महाकालेश्वर मंदिर के दर्शन करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
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तमिलनाडु में बृहदेश्वर मंदिर

तमिलनाडु राज्य के तंजावुर में स्थित प्राचीन बृहदेश्वर मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। बृहदेश्वर मंदिर भगवान शिव के सभी मंदिरों में सबसे खास माना जाता है, क्योंकि यहां भगवान शिव स्वयं “नटराज रूप” में स्थित है। तंजावुर में बना यह मंदिर लगभग हजार वर्ष पुराना है, जो आज यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों में शामिल है। बृहदेश्वर मंदिर ना केवल धार्मिक मान्यता बल्कि अपनी हैरान कर देने वाली वास्तुकला के लिए भी जाना जाता है। यहां भगवान शिव के साथ विशालकाय नंदी की प्रतिमा भी देखने को मिलती है। आपको भगवान शिव के दर्शन करने एक बार बृहदेश्वर मंदिर जरूर जाना चाहिए।
गुजरात में सोमनाथ मंदिर

गुजरात राज्य में समुद्र के किनारे काठियावाड़ क्षेत्र में स्थित सोमनाथ मंदिर बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। जिसका इतिहास काफी खास और पुराना है। माना जाता है, पौराणिक काल में चंद्रदेव ने स्वयं भगवान शिव को अपना स्वामी मानकर उनसे प्रार्थना की और तभी से इस मंदिर का नाम सोमनाथ मंदिर पड़ा गया था। इस मंदिर को कई मुगल शासकों ने खंडित करना चाहा और इसका निर्माण भी कई बार किया गया है। लेकिन मान्यता है, कि भगवान शिव आज भी यहां स्वयं विराजमान है। आप भी भगवान शिव को साक्षात देखने के लिए गुजरात में स्थित सोमनाथ मंदिर के दर्शन कर सकते हैं।
भारत देश में स्थित भगवान महाकाल के सभी प्राचीन मंदिर ना केवल अपने इतिहास और बेहतरीन वास्तुकला के लिए जाने जाते हैं, बल्कि यहां जाकर सभी श्रद्धालुओं को स्वयं भगवान शिव के होने की अनुभूति होती है।
