Temples in South India: दक्षिण भारत न केवल अपनी सांस्कृतिक धरोहर और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यहाँ के मंदिर भी वास्तुकला और आध्यात्मिकता के अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत करते हैं। इन मंदिरों की भव्यता, उनकी धार्मिक महत्ता और स्थापत्य कला उन्हें विश्वभर में विशेष स्थान दिलाती है। आइए जानते हैं दक्षिण भारत के 8 प्रमुख मंदिरों के बारे में, जो न केवल आस्था के प्रतीक हैं, बल्कि भारतीय संस्कृति के अद्भुत उदाहरण भी हैं।

बृहदेश्वर मंदिर, तंजावुर

बृहदेश्वर मंदिर, जिसे ‘बिग टेम्पल’ भी कहा जाता है, चोल वास्तुकला का अद्वितीय उदाहरण है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और इसकी ऊँचाई लगभग 66 मीटर है। मंदिर का गुंबद एक ही विशाल ग्रेनाइट पत्थर से बना है, जो स्थापत्य कला की उत्कृष्टता को दर्शाता है।

विरुपाक्ष मंदिर, हम्पी

हम्पी के विरुपाक्ष मंदिर का इतिहास विजयनगर साम्राज्य से जुड़ा हुआ है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और इसकी वास्तुकला में प्राचीन भारतीय शैली की स्पष्ट झलक मिलती है। मंदिर के परिसर में स्थित विशाल खंभे और नक्काशीदार दीवारें इसकी भव्यता को और बढ़ाती हैं।

मीनाक्षी अम्मन मंदिर, मदुरै

मीनाक्षी अम्मन मंदिर देवी मीनाक्षी और भगवान सुंदरेश्वर को समर्पित है। यह मंदिर अपनी 14 रंगीन गोपुरमों के लिए प्रसिद्ध है, जिनमें हजारों मूर्तियाँ उकेरी गई हैं। मंदिर का स्वर्ण मंडप और विशाल प्रांगण भक्तों को आकर्षित करते हैं।

रमनाथस्वामी मंदिर, रामेश्वरम

रामेश्वरम का रमनाथस्वामी मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह मंदिर अपनी 1,200 से अधिक खंभों वाली विशाल गलियों के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ के पवित्र जलाशयों में स्नान करने की परंपरा भक्तों के लिए विशेष महत्व रखती है।

राजगोपुरम, श्रीरंगम

श्रीरंगम का राजगोपुरम दुनिया के सबसे ऊँचे गोपुरमों में से एक है, जिसकी ऊँचाई लगभग 72 मीटर है। यह मंदिर भगवान रंगनाथ को समर्पित है और इसकी वास्तुकला में द्रविड़ शैली की उत्कृष्टता देखने को मिलती है।

चामुंडेश्वरी मंदिर, मैसूर

चामुंडेश्वरी मंदिर मैसूर शहर के चामुंडी पहाड़ी पर स्थित है। यह मंदिर देवी चामुंडेश्वरी को समर्पित है और यहाँ से पूरे शहर का दृश्य अत्यंत मनोरम होता है। विशेष रूप से नवरात्रि के दौरान यहाँ भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है।

पद्मनाभस्वामी मंदिर, तिरुवनंतपुरम

पद्मनाभस्वामी मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है और यह अपनी वास्तुकला और समृद्धि के लिए प्रसिद्ध है। मंदिर के तहखानों में छिपे खजाने की खोज ने इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में ला दिया था।

मुरुदेश्वर मंदिर, मुरुदेश्वर

मुरुदेश्वर मंदिर समुद्र के किनारे स्थित है और यहाँ भगवान शिव की 123 फीट ऊँची प्रतिमा स्थापित है। यह मंदिर अपने समुद्र दृश्य और शांतिपूर्ण वातावरण के लिए प्रसिद्ध है।

मेरा नाम श्वेता गोयल है। मैंने वाणिज्य (Commerce) में स्नातक किया है और पिछले तीन वर्षों से गृहलक्ष्मी डिजिटल प्लेटफॉर्म से बतौर कंटेंट राइटर जुड़ी हूं। यहां मैं महिलाओं से जुड़े विषयों जैसे गृहस्थ जीवन, फैमिली वेलनेस, किचन से लेकर करियर...