Shiva Temple: वो भोलेनाथ भी हैं तो महाकाल भी, वो शिव शंभू हैं तो नटराज भी। भगवान शिव वो हैं जिन्होंने सृष्टि का सारा विष खुद में समा लिया। इसलिए माना जाता है कि वे हमारे दुखों के विष को भी अपने में समाहित कर लेते हैं। यही कारण है कि भारत में कई विशाल और महत्वपूर्ण शिव मंदिर स्थापित हैं। कहा जाता है कि इन शिव मंदिरों के दर्शन मात्र से जीवन सफल हो जाता है। अगर आप भी इस समर हॉलिडे में अध्यात्मिक टूर पर जाना चाहते जरूर जाइए इन मशहूर शिव मंदिरों में-
केदारनाथ, उत्तराखंड

उत्तराखंड की मंदाकिनी नदी के पास गढ़वाल हिमालय श्रृंखला की करीब 3583 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में शामिल केदारनाथ मंदिर। इस प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग मंदिर में हर साल लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। यह गंगोत्री, यमुनोत्री और बद्रीनाथ के साथ उत्तराखंड की चारधाम यात्रा में भी शामिल है। अप्रैल से नवंबर तक इस मंदिर के दर्शन किए जा सकते हैं। ऐसे में इस मंदिर के दर्शन करने का यह सही समय है।
सोमनाथ मंदिर, गुजरात

भारत के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक है गुजरात में स्थित सोमनाथ मंदिर। सौराष्ट्र में वेरावल के पास स्थित यह मंदिर 12 ज्योतिर्लिंग मंदिरों में से एक है। कहा जाता है कि सोमनाथ मंदिर इतना समृद्ध था कि इसे कई विदेशी आक्रमणकारियों ने लूटा। साल 1947 में चालुक्य शैली में इस मंदिर का पुनर्निर्माण करवाया गया। समुद्र किनारे स्थापित इस मंदिर के दर्शन आपको अलग ही सुकून देंगे। अगर आप भी भारत को करीब से जानना चाहते हैं तो इस समर हाॅलिडे में आप इस मंदिर के दर्शन जरूर करें।
मंदिर महाकालेश्वर, उज्जैन

भारत के प्रसिद्ध शिव मंदिरों में से एक है मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित महाकालेश्वर मंदिर। यह भी भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। महाकाल की इस नगरी में हाल ही में कॉरिडोर बनाया गया है। जिसे देखना अपने आप में एक अलग अनुभव है। कहा जाता है कि महाकालेश्वर में विराजमान शिव स्वायम्भु हैं। यहां होने वाली भस्म आरती को देखना अनोखा एहसास है, जिसे महसूस करने रोजाना हजारों श्रद्धालु आते हैं। यह देश के सबसे लोकप्रिय मंदिरों में से एक है। इन समर हॉलिडे में आप शिव के इस अनुपम रूप को देखने जरूर जाएं।
ओंकारेश्वर मंदिर, मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में नर्मदा के नदी तट के किनारे पर स्थित है प्राचीन शिव मंदिर ओंकारेश्वर। यह मंदिर भारत में स्थापित 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। कहा जाता है कि इस मंदिर में स्वयं शिव विराजे हैं। यहां महादेव के दर्शन मात्र से लोगों के कष्ट दूर हो जाते हैं। मंदिर तक जाने के लिए नर्मदा नदी को पार करना शानदार अनुभव है। अगर आप भी इस दिव्य शिवलिंग के दर्शन करना चाहते हैं तो ओंकारेश्वर आना अच्छा विकल्प है।
काशी विश्वनाथ मंदिर, वाराणसी

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में पवित्र गंगा नदी के तट पर स्थित है काशी विश्वनाथ का प्रसिद्ध और प्राचीन मंदिर। भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में शामिल इस मंदिर को ‘विश्वेश्वर मंदिर’ भी कहा जाता है। माना जाता है कि यह मंदिर 111 साल पुराना है। इस मंदिर का निर्माण इंदौर की मराठा शासक शिव भक्त अहिल्या बाई होल्कर ने करवाया था। पिछले दिनों यहां शानदार काॅरिडोर बनाया गया है। करीब नौ सौ करोड़ रुपए की लागत से इस काॅरिडोर का निर्माण करवाया गया है। पचास हजार वर्ग मीटर में बने इस भव्य काॅरिडोर में छोटे-बड़े 23 भवन और 27 मंदिर हैं। ऐसे में महादेव के दर्शन के साथ ही इस काॅरिडोर का भ्रमण करना एक शानदार अनुभव होगा।
त्र्यम्बकेश्वर मंदिर, नासिक

नासिक से करीब 28 किलोमीटर दूरी पर गोदावरी नदी के तट पर स्थित है त्र्यम्बकेश्वर मंदिर। यह भी एक ज्योतिर्लिंग मंदिर है। इस भव्य मंदिर का निर्माण पेशवा बालाजी बाजी राव ने करवाया था। हेमाडपंथी शैली में निर्मित इस प्राचीन मंदिर का निर्माण काले पत्थर से किया गया है। कहा जाता है कि एक मात्र त्र्यम्बकेश्वर मंदिर के दर्शन करने से तीन पुण्य मिलते हैं। यहां विराजित शिवलिंग में भगवान शिव के साथ ही, भगवान विष्णु और रुद्र तीनों रूपों के दर्शन होते हैं। इस मंदिर के परिसर में कदम रखते ही आपको एक अलग ही ऊर्जा का एहसास होगा। मानों स्वयं देवता यहां विराजमान हैं। अपने जीवन में कम से कम एक बार इस मंदिर के दर्शन के लिए हर शिव भक्त को जरूर आना चाहिए।
अमरनाथ गुफा मंदिर, जम्मू-कश्मीर

अमरनाथ मंदिर भारत के जम्मू और कश्मीर के अनंतनाग जिले में स्थित है। यह हिंदुओं के पवित्र तीर्थ स्थलों में शामिल है। समुद्र तल से करीब 3,888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित इस गुफा के दर्शन गर्मियों में ही हो सकते हैं। इस पवित्र गुफा में बर्फ से बने शिवलिंग को हिमानी शिवलिंग कहा जाता है। बाबा अमरनाथ की गुफा के दर्शन करने का रास्ता बहुत ही दुर्गम, लेकिन सुंदर है। बर्फ से ढके विशाल पहाड, साफ पानी की नदियां, कई किलोमीटर तक फैले हरे घास के मैदान आपका मन मोह लेंगे। हालांकि यह रास्ता तय करना हर किसी के लिए आसान काम नहीं है। माना जाता है कि भगवान शिव ने इसी गुफा में मां पार्वती को अमर कथा की कहानी सुनाई थी।
कैलाशनाथ मंदिर, औरंगाबाद

औरंगाबाद के पास एलोरा में स्थित कैलाशनाथ मंदिर अपने आप में एक अजूबा है। यह एक ऐसा मंदिर है जो दुनियाभर के लिए आश्चर्य का कारण है। दुनियाभर के वास्तुशास्त्री, पुरातत्वविद इस मंदिर के निर्माण से जुड़े रहस्य आजतक सुलझा नहीं पाए हैं। हर साल लाखों पर्यटक इस मंदिर को देखने आते हैं। इस राॅक कट मंदिर का निर्माण आठवीं शताब्दी में राष्ट्रकूट शासकों की ओर से करवाया गया था। एलोरा की रहस्यमयी गुफाओं के इस सबसे सुंदर और अहम हिस्से को देखने का अनुभव कुछ अलग है। भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर इस बात की जीवंत उदाहरण है कि भारत में भोलेनाथ का महत्व कितना गहराइयों से जुड़ा है। अगर आप भी भारत के समृद्ध इतिहास को देखना चाहते हैं तो कैलाशनाथ मंदिर जरूर जाएं।
रामेश्वरम मंदिर, तमिलनाडु

तमिलनाडु राज्य के रामनाथपुरम जिले में स्थित पवित्र रामेश्वरम धाम का हिंदू धर्म में बहुत अधिक महत्व है। भगवान शिव को समर्पित इस धाम को चार धामों में शामिल किया गया है। यह मंदिर इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि भगवान राम ने स्वयं इसे यहां स्थापित कर पूजा की थी। यही कारण है कि रामेश्वरम मंदिर भारत में भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है।
