क्या होते हैं पुष्कल और सरस्वती योग, व्यक्ति के जीवन में लाते हैं सौभाग्य: Pushkala Yoga
Pushkala Yoga

Pushkala Yoga: पौराणिक काल से ही हस्तरेखा विज्ञान से व्यक्ति के भविष्य के बारे में जानकारी प्राप्त की जाती रही है। हमारे जीवन में हस्तरेखा विज्ञान का बहुत अधिक महत्व है। हाथ की हथेलियों को देखकर व्यक्ति के विचार, व्यवहार और भविष्य का पता लगाया जा सकता है। हाथ की हथेलियों में बनने वाली रेखाओं में जीवन रेखा, मस्तिष्क रेखा और हृदय रेखा के अलावा भी कई तरह की छोटी- छोटी लकीरें बनती हैं, जिनसे हाथ में कई तरह के योग बनते हैं जो व्यक्ति के जीवन में सुख- समृद्धि, सौभाग्य और तरक्की के संकेत होते हैं। हस्तरेखा विज्ञान के अनुसार, इन संकेतों का पता लगाकर व्यक्ति अपने जीवन में भविष्य को लेकर सही निर्णय ले पाता है। आज इस लेख के द्वारा हम आपको बताएंगे कि हथेली पर बनने वाले कौनसे योग व्यक्ति के लिए शुभ फलदाई है।

पुष्कल योग

Pushkala Yoga
Pushkala Yoga Astrology

हस्तरेखा विज्ञान के अनुसार, हथेली पर तीन तरह पुष्कल योग बनते हैं। यदि किसी व्यक्ति के हथेली में कोई रेखा शुक्र पर्वत से शुरू होकर शनि पर्वत तक जाती है तो यह पहला पुष्कल योग होता है। दूसरे पुष्कल योग में कोई रेखा चंद्र पर्वत से निकल कर शनि पर्वत तक जाती है तो यह भी शुभ संकेत होता है। तीसरा पुष्कल योग तब बनता है जब कोई रेखा बुध पर्वत से शुरू होकर शनि पर्वत तक पहुंचती है। जिन व्यक्तियों के हथेली में पुष्कल योग होता है, ऐसे व्यक्ति प्रतिभावान और आकर्षक होते हैं।

इन व्यक्तियों का व्यक्तित्व बहुत ही अधिक प्रभावशाली होता है। ऐसे व्यक्ति सच्चे मित्र और सुख-दुःख के साथी होते हैं। आर्थिक दृष्टि से संपन्न होने के कारण यह सभी लोगों की सहायता करने के लिए हमेशा तैयार होते हैं। कठोर मेहनती होने के कारण ऐसे व्यक्ति जीवन में बहुत अधिक सफलता भी प्राप्त करते हैं। पुष्कल योग वाले व्यक्ति ऊंचे पद के अधिकारी या कोई प्रतिष्ठित व्यवसायी बनते है।

सरस्वती योग

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Saraswati yoga

किसी व्यक्ति की हथेली में तर्जनी उंगली के नीचे स्थित बृहस्पति पर्वत से कोई रेखा शुरू होकर कनिष्ठा अंगुली के पास बुध पर्वत से होते हुए मणिबंध पर स्थित चंद्र पर्वत तक जाती है हो और चंद्र पर्वत से कोई रेखा शुरू होकर बृहस्पति पर्वत तक जाती हो तो सरस्वती योग बनता है। सरस्वती योग का सही प्रभाव तब होता है जब ये दोनों रेखाएं स्पष्ट रूप से बिना कटी हुई पूरी तरह से विकसित दिखाई दें और साथ- साथ चलें।

सरस्वती योग वाले व्यक्ति कलात्मक और रचनात्मक प्रवृति के होते हैं। संगीत, नृत्य और चित्रकारी में ऐसे व्यक्ति खूब नाम कमाते हैं। इस योग वाले व्यक्तियों को लिखने का बहुत शौक होता है और इन्हें साहित्य- लेखन में प्रसिद्धि मिलती हैं। सरस्वती योग वाले व्यक्ति एक अच्छे वक्ता भी होते है। किसी भी मुद्दे पर यह स्वतंत्र रूप से अपने विचार रखकर दूसरों को प्रभावित कर सकते हैं। सरस्वती योग वाले व्यक्तियों की एक कमी है कि ये बहुत ही संवेदनशील और भावुक होते हैं।

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