Worshipping Lord Hanuman is also highly beneficial to reduce Saturn’s effects and receive his blessings.
Lord Hanuman

Hanuman Chalisa: हनुमान चालीसा मात्र 40 चौपाइयों का संग्रह नहीं, बल्कि भक्ति और शक्ति का ऐसा महासागर है जो संकटों से उबारता है, मन को शांति देता है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। इसे पढ़ने की कोई कठोर विधि नहीं है, लेकिन यदि कुछ नियमों और श्रद्धा के साथ इसका पाठ किया जाए, तो इसका प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है। आइए जानते हैं कि हनुमान चालीसा पढ़ने का सही तरीका क्या है और इससे मिलने वाले लाभ क्या हैं।

हनुमान चालीसा तुलसीदास जी द्वारा रचित एक दिव्य स्तोत्र है, जो हनुमान जी की महिमा का वर्णन करता है। इसमें न केवल उनके बल, बुद्धि और भक्ति का उल्लेख है, बल्कि यह भी बताया गया है कि कैसे हनुमान जी भक्तों के संकट हरते हैं और उनकी इच्छाओं को पूर्ण करते हैं।

हनुमान चालीसा का पाठ नकारात्मक शक्तियों से रक्षा करता है। मानसिक और शारीरिक बल प्रदान करता है। भय, तनाव और अवसाद को दूर करता है।सफलता और समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करता है। राहु और शनि दोष को शांत करता है।

वैसे तो हनुमान चालीसा का पाठ किसी भी समय किया जा सकता है, लेकिन विशेष रूप से निम्नलिखित समय को शुभ माना जाता है:

सुबह ब्रह्म मुहूर्त (4-6 बजे): इस समय वातावरण सबसे शांत और सकारात्मक ऊर्जा से भरा होता है।

संध्या काल (6-8 बजे): दिनभर की थकान दूर करने और मानसिक शांति पाने के लिए यह समय आदर्श है।

मंगलवार और शनिवार: ये दिन विशेष रूप से हनुमान जी को समर्पित हैं, इसलिए इन दिनों पाठ करना अधिक प्रभावी माना जाता है।

विशेष अवसरों पर: यदि कोई विशेष मनोकामना हो या किसी समस्या का समाधान चाहिए, तो 7, 11 या 21 दिनों तक लगातार पाठ किया जा सकता है।

पाठ किसी शांत और पवित्र स्थान पर करें।

यदि संभव हो, तो हनुमान जी के मंदिर में या उनके चित्र के सामने बैठकर पढ़ें।

आसन का प्रयोग करें और उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठें।

हनुमान चालीसा पढ़ने से पहले बाहरी और आंतरिक शुद्धता का ध्यान रखना ज़रूरी है।

बाहरी शुद्धता

स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें।

पूजा स्थान को साफ करें और गंगाजल का छिड़काव करें।

हनुमान जी के समक्ष दीपक जलाएं और उन्हें लाल फूल, चंदन और सिंदूर अर्पित करें।

यदि संभव हो, तो गुड़-चने का भोग लगाएं।

आंतरिक शुद्धता

मन को शांत करें और नकारात्मक विचारों को त्यागें।

पाठ के दौरान ध्यान केवल हनुमान जी की महिमा पर केंद्रित करें।

किसी भी प्रकार की शंका या संदेह से मुक्त होकर पूर्ण श्रद्धा के साथ पढ़ें।

हनुमान चालीसा का पाठ करने का सही तरीका निम्नलिखित है:

पाठ की प्रक्रिया:

श्रीगणेश वंदना

पाठ शुरू करने से पहले ॐ श्रीगणेशाय नमः का उच्चारण करें।

हनुमान जी का ध्यान

ॐ श्री रामदूताय नमः कहते हुए हनुमान जी का ध्यान करें।

शुद्ध उच्चारण

धीरे-धीरे और स्पष्ट शब्दों में हनुमान चालीसा का पाठ करें।

अर्थ का ध्यान रखें

यदि संभव हो, तो चौपाइयों का अर्थ समझते हुए पढ़ें।

संख्या

संकटों से मुक्ति के लिए 7, 11, 21 या 108 बार पाठ करना शुभ माना जाता है।

पाठ के बाद आभार

अंत में हनुमान जी को धन्यवाद दें और “श्रीराम जय राम जय जय राम” का जाप करें।

पाठ के बाद की प्रक्रिया

हनुमान जी को प्रणाम करें और उनसे अपनी मनोकामना कहें।

यदि संभव हो, तो बजरंग बाण या हनुमान अष्टक का भी पाठ करें।

प्रसाद बाँटें और खुद भी ग्रहण करें।

यदि मंदिर में पाठ कर रहे हों, तो सिंदूर और चमेली के तेल का चोला चढ़ाएं।

राधिका शर्मा को प्रिंट मीडिया, प्रूफ रीडिंग और अनुवाद कार्यों में 15 वर्षों से अधिक का अनुभव है। हिंदी और अंग्रेज़ी भाषा पर अच्छी पकड़ रखती हैं। लेखन और पेंटिंग में गहरी रुचि है। लाइफस्टाइल, हेल्थ, कुकिंग, धर्म और महिला विषयों पर काम...