Best Time To Read Hanuman Chalisa
Best Time To Read Hanuman Chalisa

Overview: हनुमान चालीसा का पाठ कब करें?

हनुमान जी की कृपा पाने का सबसे सरल मार्ग है, प्रतिदिन श्रद्धा से हनुमान चालीसा का पाठ करना। हालांकि, अक्सर लोगों के मन में यह जिज्ञासा होती है कि आखिर हनुमान चालीसा पढ़ने का उपयुक्त समय क्या होता है?

Best Time To Read Hanuman Chalisa: प्राचीन धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, सुबह चार बजे का समय सबसे पवित्र और शक्तिशाली माना जाता है। इस समय को ब्रह्म मुहूर्त कहा जाता है। यह ऐसा समय होता है जब पूरी प्रकृति शांत रहती है। वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा होती है, जो हमारे मन और आत्मा को शांति देती है और हमें अंदर से मजबूत बनाती है।

इस वक्त हमारा मन भी शांत होता है और हम भगवान से गहरा जुड़ाव महसूस कर सकते हैं। इसलिए, हनुमान चालीसा का पाठ अगर इस समय किया जाए, तो उसका असर और भी अधिक होता है।

हनुमान चालीसा का पाठ कब करें?

हनुमान चालीसा केवल एक धार्मिक स्तुति नहीं, बल्कि चेतना को जाग्रत करने वाला एक शक्तिशाली साधन है। जब इसे ब्रह्म मुहूर्त में पढ़ा जाता है, तो इसका प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है। चार से पांच बजे के बीच किया गया पाठ वातावरण की शांति, मानसिक स्थिरता और आंतरिक ऊर्जा को केंद्रित करता है। इस समय मंत्रों की ध्वनि सीधे अवचेतन मन में प्रवेश करती है और चेतना को निर्मल बनाती है।

हनुमान चालीसा

गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित हनुमान चालीसा 40 चौपाइयों का एक ऐसा संकलन है, जो नकारात्मक ऊर्जा, मानसिक तनाव, भूत-प्रेत दोष और शारीरिक रोगों से रक्षा करता है। “भूत पिशाच निकट नहीं आवे…” और “नासे रोग हरे सब पीरा…” जैसी पंक्तियाँ ना केवल मंत्रवत ध्वनि उत्पन्न करती हैं, बल्कि ऊर्जा का ऐसा कंपन पैदा करती हैं जो जीवन के संकटों से लड़ने की शक्ति देती है।

वैज्ञानिक दृष्टिकोण से ब्रह्म मुहूर्त का महत्व

आधुनिक विज्ञान भी मानता है कि सुबह के इस समय हमारा दिमाग बहुत शांत और एकाग्र होता है। यह समय ध्यान लगाने, जल्दी चीज़ें समझने और भीतर से अनुभव करने के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। इस वक्त शरीर में मेलाटोनिन जैसे हार्मोन काम करते हैं, जो मन को शांति और स्थिरता देते हैं। जब इस शांत और शक्तिशाली माहौल में हनुमान चालीसा का पाठ किया जाता है, तो यह हमें एक अलग ही ऊर्जा और अनुभव देता है, जैसे कोई अद्भुत शक्ति हमारे पास हो।

स्वयं तुलसीदास जी भी ब्रह्म मुहूर्त में करते थे पाठ

ऐसा कहा जाता है कि स्वयं तुलसीदास जी ब्रह्म मुहूर्त में हनुमान चालीसा का पाठ करते थे और उसी साधना से उन्हें हनुमानजी के प्रत्यक्ष दर्शन हुए थे। ब्रह्म मुहूर्त को देवताओं के जागरण का समय भी माना जाता है और हनुमानजी को तो जाग्रत देवता कहा गया है। भक्त अगर इस समय श्रद्धा से हनुमान चालीसा का पाठ करता है, तो उसकी वाणी सीधा हनुमानजी तक पहुंचती है।

हनुमान चालीसा पढ़ने का सबसे शुभ दिन कौन सा है?

हनुमान चालीसा एक ऐसा चमत्कारी पाठ है, जो मन और जीवन दोनों में सकारात्मक ऊर्जा भर देता है। इसे हर दिन पढ़ा जा सकता है, लेकिन मंगलवार और शनिवार को इसका पाठ करना सबसे शुभ माना जाता है। मंगलवार, भगवान हनुमान जी का विशेष दिन होता है। इस दिन चालीसा पढ़ने से संकट दूर होते हैं और आत्मबल बढ़ता है। वहीं शनिवार को इसका पाठ करने से शनि दोष शांत होता है, क्योंकि हनुमान जी शनिदेव के भी रक्षक माने जाते हैं।

इसके अलावा, हनुमान जयंती के दिन चालीसा पढ़ना बेहद पुण्यदायी होता है। कहा जाता है कि सच्चे मन और श्रद्धा से हनुमान चालीसा पढ़ने पर हर काम में सफलता मिलती है और जीवन की बाधाएं खुद-ब-खुद दूर होने लगती हैं।

21 दिन में मिलता हैं फल

कई भक्तों ने यह अनुभव किया है कि केवल 21 दिन ब्रह्म मुहूर्त में हनुमान चालीसा का नियमित पाठ करने से उन्हें मानसिक शांति, स्वास्थ्य लाभ और जीवन में दिशा प्राप्त हुई। यह कोई चमत्कार नहीं, बल्कि श्रद्धा और ऊर्जा का वैज्ञानिक समन्वय है। यह भाव और ऊर्जा के संतुलन से उत्पन्न होने वाली आध्यात्मिक प्रक्रिया है।

अगर सुबह न हो सके, तो रात को करें पाठ

यदि किसी कारणवश ब्रह्म मुहूर्त में हनुमान चालीसा का पाठ न किया जा सके, तो रात 8 बजे भी इसका पाठ अत्यंत फलदायी माना गया है। मान्यता है कि इस समय हनुमानजी प्रभु श्रीराम की सेवा से निवृत्त होकर अपने आसन पर विराजमान होते हैं। ऐसे में घी का दीपक जलाकर चालीसा का पाठ करने से विशेष कृपा प्राप्त होती है। यदि यह कार्य 40 दिनों तक श्रद्धा से किया जाए, तो भक्त की सभी मनोकामनाएँ पूर्ण हो सकती हैं।

सबसे बेहतर समय : हनुमान चालीसा पढ़ने के लिए ब्रह्म मुहूर्त का समय सर्वोत्तम माना गया है।

विशेष दिन : मंगलवार और शनिवार को पाठ करने से विशेष लाभ होता है। हनुमान जयंती पर पाठ करना अत्यधिक पुण्यदायी है।

पढ़ने का तरीका : साफ-सुथरे स्थान पर बैठें, मन शांत रखें, और घी का दीपक जलाकर श्रद्धा भाव से पाठ करें।

लगातार अभ्यास : केवल 21 दिन नियमित रूप से ब्रह्म मुहूर्त में पढ़ने से मानसिक शांति, स्वास्थ्य और आत्मिक बल की वृद्धि होती है।

रात्रि विकल्प : सुबह संभव न हो तो रात 8 बजे भी पढ़ सकते हैं। यह समय भी फलदायी माना गया है, विशेष रूप से 40 दिनों तक पाठ करने पर।

मैं आयुषी जैन हूं, एक अनुभवी कंटेंट राइटर, जिसने बीते 6 वर्षों में मीडिया इंडस्ट्री के हर पहलू को करीब से जाना और लिखा है। मैंने एम.ए. इन एडवर्टाइजिंग और पब्लिक रिलेशन्स में मास्टर्स किया है, और तभी से मेरी कलम ने वेब स्टोरीज़, ब्रांड...