How to save plants in rainly season
How to save plants in rainly season

Summary: बरसात में पौधों की देखभाल अब नेचुरल तरीके से करें

मानसून में पौधों की सही देखभाल जरूरी है, वरना फफूंदी और सड़न से नुकसान हो सकता है। प्राकृतिक उपायों से पौधों को स्वस्थ और हरा-भरा रखें।

How to Save Plants in Rainy Season: हर किसी को बारिश का मौसम पसंद होता है ये मौसम पौधों के लिए काफी बेहतर होता है। इस मौसम में पौधे हरे-भरे होने के साथ-साथ तेजी से बढ़ते भी हैं। लेकिन इस मौसम में अगर पौधों का ठीक से ख्याल ना रखा जाए, तो वो खराब भी हो सकते हैं। जिस तरह से बारिश के दिनों में घर में कीड़े-मकौड़ों का आतंक बढ़ जाता है, उसी तरह से पौधों पर भी फंगस का खतरा बना रहता है। अधिक नमी और लगातार भीगने से पौधों की जड़ों में सड़न और पत्तों पर फफूंदी भी लगने लगती है।

बारिश के मौसम में अधिक पानी के कारण पत्तों पर फफूंदी लगने लगती है, जिसके कारण पौधे खराब होने लगते हैं। ऐसे में आप पौधों पर नीम के तेल का छिड़काव कर सकते हैं। इससे फंगल इंफेक्शन नहीं होता है। दरअसल, नीम का तेल पौधों की पत्तियों पर एक नेचुरल फंगीसाइड की तरह काम करता है और पत्तियों को फफूंदी से बचाता है।

Save Plants in Rainy Season-Be careful about water
Be careful about water

बारिश के मौसम में गमले में पानी भरना पौधों के लिए हानिकारक हो सकता है। पानी जमने से जड़ें सड़ सकती हैं। ऐसे में गमलों की निकासी व्यवस्था ठीक रखें और जरूरत हो तो अतिरिक्त पानी निकाल दें, ताकि पौधों की सेहत बनी रहे। आप गमले में छेद भी कर सकते हैं। इससे गमले में पानी का जमाव नहीं होगा।

दालचीनी एक आम रसोई मसाला है जिसमें मजबूत एंटी-फंगल गुण होते हैं। फफूंदी से प्रभावित मिट्टी की सतह पर थोड़ी सी दालचीनी पाउडर छिड़कें, यह कटिंग में फंगस रोकने के लिए भी अच्छा है। चाहें तो 1 लीटर पानी में 1-2 चम्मच दालचीनी पाउडर डालकर छिड़काव भी कर सकते हैं।

Spray milk on plants
Spray milk on plants

दूध में मौजूद प्रोटीन पौधों पर स्प्रे करने से एक लेयर बनती है। ये लेयर फंगस को बढ़ने से रोकती है। इसके लिए, एक स्प्रे बॉटल में पानी और दूध को मिक्स करें। इसे हर 7 दिन में एक बार पौधों पर स्प्रे करें। इससे फंगस की समस्या कम होगी।

Excess fertilizer can cause harm
Excess fertilizer can cause harm

बारिश के मौसम में लोग पौधों में अधिक खाद देते हैं। इससे पौधे को नुकसान भी हो सकता है। इस मौसम में कम्पोस्ट या वर्मीकम्पोस्ट की सीमित मात्रा में उपयोग करें।

हर दो-तीन दिन में पौधों की पत्तियों और तनों की जांच करें। अगर किसी पत्तियों पर फफूंदी दिखे तो उसे तुरंत अलग कर दें। इससे पौधों में संक्रमण नहीं फैलेगा।

एप्पल साइडर विनेगर की एसिडिक प्रकृति फंगस को पनपने से रोकती है। एक लीटर पानी में 1 बड़ा चम्मच सिरका मिलाकर घोल बनाएं। इस घोल को फफूंदी से प्रभावित पौधों पर हफ्ते में एक बार स्प्रे करें

​नीम का तेल एक प्राकृतिक कीटनाशक और फंगीसाइड है, इसका इस्तेमाल करने के लिए एक लीटर पानी में 5 मिलीलीटर नीम ऑयल और कुछ बूंदें डिश सोप की मिलाकर छिड़काव करें। इसे घोल को 7-14 दिनों में शाम के समय पौधों पर अच्छी तरह स्प्रे करें।

मेरा नाम नमिता दीक्षित है। मैं एक पत्रकार हूँ और मुझे कंटेंट राइटिंग में 3 साल का अनुभव है। मुझे एंकरिंग का भी कुछ अनुभव है। वैसे तो मैं हर विषय पर कंटेंट लिख सकती हूँ लेकिन मुझे बॉलीवुड और लाइफ़स्टाइल के बारे में लिखना ज़्यादा पसंद...